अडानी पावर लिमिटेड के शेयरों में सोमवार को जबरदस्त तेजी देखने को मिली, जब कंपनी का 1:5 अनुपात में स्टॉक स्प्लिट प्रभावी हुआ। शुरुआती गिरावट के बाद शेयर ने 20% की छलांग लगाई और अपर सर्किट को छू लिया। यह तेजी निवेशकों के लिए राहत और उत्साह दोनों लेकर आई।
📊 क्या है स्टॉक स्प्लिट और क्यों हुआ शेयर का मूल्य 80% कम?
🔍 स्टॉक स्प्लिट का मतलब क्या होता है?
स्टॉक स्प्लिट एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें कंपनी अपने मौजूदा शेयरों को छोटे हिस्सों में विभाजित करती है ताकि प्रति शेयर कीमत कम हो जाए और अधिक निवेशकों की पहुंच में आ सके।
- अडानी पावर ने 1:5 के अनुपात में स्टॉक स्प्लिट किया है।
- इसका मतलब है कि हर ₹10 के एक शेयर को पांच ₹2 के शेयरों में बांटा गया।
- इससे शेयर की कीमत ₹709.05 से घटकर ₹141.80 हो गई, लेकिन निवेशक की कुल होल्डिंग वैल्यू में कोई बदलाव नहीं हुआ।
📉 क्या वास्तव में शेयर 80% गिरा?
नहीं, यह गिरावट वास्तविक नहीं थी। यह केवल तकनीकी रूप से स्टॉक स्प्लिट के कारण हुआ मूल्य समायोजन था। निवेशकों को भ्रम हुआ कि शेयर गिर गया है, जबकि यह एक नियोजित प्रक्रिया थी।
📈 20% अपर सर्किट और 52 वीक हाई पर पहुंचा शेयर
🔥 सोमवार को शेयर में आई तेजी
- बीएसई पर अडानी पावर का शेयर ₹170.15 तक पहुंच गया।
- यह 20% की बढ़त थी, यानी ₹28.35 का उछाल।
- यह स्तर कंपनी का 52-सप्ताह का उच्चतम मूल्य भी है।
- कंपनी का मार्केट कैप ₹3,28,129.08 करोड़ तक पहुंच गया।
📌 अन्य अडानी ग्रुप कंपनियों का प्रदर्शन
- अडानी ग्रीन एनर्जी: 3.91% की बढ़त
- अडानी एंटरप्राइजेज: 3% की तेजी
- अडानी पोर्ट्स एंड एसईजेड: 1% की बढ़त
🗓️ स्टॉक स्प्लिट की टाइमलाइन और रिकॉर्ड डेट
📅 कब हुआ फैसला?
- अगस्त 2025 में अडानी पावर के बोर्ड ने स्टॉक स्प्लिट को मंजूरी दी थी।
- रिकॉर्ड डेट 22 सितंबर 2025 तय की गई थी।
- शेयरधारकों को हर एक शेयर पर चार अतिरिक्त शेयर मिले।
📊 शेयरधारकों के लिए इसका क्या मतलब?
- अगर किसी निवेशक के पास पहले 10 शेयर थे, अब उनके पास 50 शेयर हो गए हैं।
- हालांकि, कुल निवेश मूल्य वही रहा।
📚 कंपनियां स्टॉक स्प्लिट क्यों करती हैं?
🎯 उद्देश्य:
- शेयर को छोटे निवेशकों के लिए सुलभ बनाना
- बाजार में लिक्विडिटी बढ़ाना
- ट्रेडिंग वॉल्यूम को बढ़ावा देना
- शेयर की मांग को बढ़ाना
📌 उदाहरण:
- ₹100 का शेयर 1:5 स्प्लिट के बाद ₹20 का हो जाता है।
- निवेशक के पास 1 शेयर की जगह अब 5 शेयर होते हैं।
🛡️ SEBI की क्लीन चिट और निवेशकों का भरोसा
✅ हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर सफाई
SEBI ने हाल ही में अडानी ग्रुप पर लगे आरोपों को खारिज किया है। फंड मिसयूज और मैनिपुलेशन के आरोपों को साबित नहीं किया जा सका। इससे निवेशकों का भरोसा बढ़ा है।
💼 मॉर्गन स्टेनली की रिपोर्ट
- अडानी पावर को “टॉप पिक” बताया गया है।
- कंपनी को भारत की सबसे बड़ी टर्नअराउंड स्टोरी में से एक माना गया है।
- रिपोर्ट में ₹818 का टारगेट प्राइस दिया गया है।
📌 निवेशकों के लिए क्या है आगे की रणनीति?
📈 संभावित लाभ:
- शेयर की कीमत कम होने से नए निवेशकों की एंट्री आसान होगी।
- लिक्विडिटी बढ़ने से ट्रेडिंग में तेजी आएगी।
- कंपनी के नए प्रोजेक्ट्स और पावर डील्स से ग्रोथ की संभावना।
⚠️ ध्यान देने योग्य बातें:
- स्टॉक स्प्लिट से कंपनी की फंडामेंटल वैल्यू नहीं बदलती।
- निवेश से पहले विशेषज्ञों की सलाह लेना जरूरी है।
❓FAQs
❓ क्या अडानी पावर का शेयर वास्तव में 80% गिरा?
नहीं, यह गिरावट स्टॉक स्प्लिट के कारण हुई तकनीकी समायोजन थी।
❓ स्टॉक स्प्लिट से निवेशक को क्या फायदा होता है?
शेयर की कीमत कम हो जाती है जिससे छोटे निवेशक भी खरीद सकते हैं और लिक्विडिटी बढ़ती है।
❓ क्या स्टॉक स्प्लिट से कंपनी की वैल्यू बदलती है?
नहीं, कंपनी की कुल वैल्यू और निवेशक की होल्डिंग वैल्यू समान रहती है।
❓ अडानी पावर का नया फेस वैल्यू क्या है?
स्टॉक स्प्लिट के बाद ₹10 का फेस वैल्यू ₹2 हो गया है।
🧾 निष्कर्ष
अडानी पावर के शेयर में 1:5 स्टॉक स्प्लिट के बाद आई तेजी ने बाजार में हलचल मचा दी है। 20% अपर सर्किट और 52 वीक हाई तक पहुंचने से निवेशकों में उत्साह है। SEBI की क्लीन चिट और मॉर्गन स्टेनली की सकारात्मक रिपोर्ट ने इस रैली को और मजबूती दी है। हालांकि, निवेशकों को सतर्क रहकर विशेषज्ञों की सलाह के साथ ही निवेश करना चाहिए।
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