दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (DVVNL) ने इटावा में टेंडर प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताओं के आरोप में अधीक्षण अभियंता मनोज कुमार गौड़ को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई एक विस्तृत जांच रिपोर्ट के आधार पर की गई, जिसमें निविदा प्रक्रिया में लापरवाही और नियमों की अनदेखी की पुष्टि हुई।
🔍 शिकायत से शुरू हुई जांच प्रक्रिया
🧾 शिकायतकर्ता विजय राज की पहल
- यादव नगर भरथना निवासी विजय राज ने अधीक्षण अभियंता मनोज गौड़ के खिलाफ DVVNL के प्रबंध निदेशक कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई।
- शिकायत में 17 निविदाओं में अनियमितता और प्रक्रिया में शिथिलता के आरोप लगाए गए।
- शिकायत के आधार पर आगरा स्थित DVVNL मुख्यालय ने एक जांच समिति का गठन किया।
📑 जांच समिति की रिपोर्ट के मुख्य बिंदु
- निविदा प्रकाशन की तिथि और अपलोडिंग में अंतर
- ई-पोर्टल पर निविदा अपलोड करने में देरी
- निविदा को पर्याप्त समय तक लाइव न रखना
- प्रतिस्पर्धा में कमी और ठेकेदारों को समय न देना
- नियमों के विरुद्ध तिथि विस्तार और अपलोडिंग में लापरवाही
📅 निविदा प्रक्रिया में समय का उल्लंघन
🕒 निर्धारित तिथियां और वास्तविक अपलोडिंग
- 13 जून 2025 को निविदा प्रकाशन के लिए भेजी गई थी।
- अपलोडिंग की तिथि: 27 जून 2025
- प्रथम भाग खोलने की तिथि: 28 जून 2025
- लेकिन ई-पोर्टल पर समय से अपलोड नहीं किया गया।
📌 दूसरी निविदा में भी देरी
- निविदा की तिथि बढ़ाकर 30 जुलाई 2025 कर दी गई।
- 6 से 7 जुलाई के बीच अपलोड नहीं किया गया।
- अंततः 24 जुलाई को निविदा अपलोड की गई।
⚠️ ठेकेदारों को नहीं मिला पर्याप्त समय
जांच में यह स्पष्ट हुआ कि निविदा को ई-पोर्टल पर केवल 24 घंटे से भी कम समय के लिए लाइव रखा गया। इससे निविदा दाताओं को धरोहर राशि जमा करने और निविदा में भाग लेने का पर्याप्त समय नहीं मिला। परिणामस्वरूप प्रतिस्पर्धा में कमी आई और प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठे।
📋 जांच में सामने आए अन्य गंभीर आरोप
🧾 अतिरिक्त आरोपों की सूची:
- निविदा तिथि विस्तार की सूचना समय पर नहीं दी गई।
- निविदा अपलोडिंग में तकनीकी लापरवाही।
- नियमों के विरुद्ध निविदा प्रक्रिया का संचालन।
- विभागीय निर्देशों की अनदेखी।
इन सभी आरोपों को जांच समिति ने सत्य पाया और रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से उल्लिखित किया।
🧑⚖️ अनुशासनात्मक कार्रवाई: तत्काल निलंबन
जांच रिपोर्ट के आधार पर DVVNL के प्रबंध निदेशक ने अधीक्षण अभियंता मनोज कुमार गौड़ को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। रिपोर्ट में इस स्थिति को “गंभीर कदाचार” की श्रेणी में रखा गया है और आगे की अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की गई है।
🏢 दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड की भूमिका
DVVNL उत्तर प्रदेश में विद्युत वितरण की जिम्मेदारी संभालने वाला प्रमुख निगम है। इसकी जिम्मेदारी है कि सभी निविदा प्रक्रियाएं पारदर्शी, समयबद्ध और नियमों के अनुसार संचालित हों। इस मामले में निगम ने त्वरित कार्रवाई कर एक उदाहरण प्रस्तुत किया है।
🌐 बाहरी स्रोतों से पुष्टि
📊 टेंडर प्रक्रिया में पारदर्शिता के लिए सुझाव
✅ सुधार के लिए सुझाव:
- निविदा अपलोडिंग की तिथि का सख्ती से पालन
- ई-पोर्टल पर निविदा को न्यूनतम 72 घंटे तक लाइव रखना
- तिथि विस्तार की सूचना सभी संबंधित पक्षों को देना
- तकनीकी टीम द्वारा नियमित मॉनिटरिंग
- शिकायत निवारण तंत्र को मजबूत करना
❓ अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
Q1. अधीक्षण अभियंता मनोज गौड़ को क्यों निलंबित किया गया?
जवाब: टेंडर प्रक्रिया में लापरवाही, अनियमितता और नियमों की अनदेखी के कारण उन्हें निलंबित किया गया।
Q2. कितनी निविदाओं में अनियमितता पाई गई?
जवाब: कुल 17 निविदाओं में अनियमितता की शिकायत की गई थी।
Q3. क्या आगे और अधिकारी जांच के दायरे में आ सकते हैं?
जवाब: यदि जांच में अन्य अधिकारियों की भूमिका सामने आती है, तो कार्रवाई संभव है।
Q4. निविदा प्रक्रिया में पारदर्शिता कैसे सुनिश्चित की जा सकती है?
जवाब: समयबद्ध अपलोडिंग, पर्याप्त लाइव समय, और तकनीकी निगरानी से पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सकती है।
🔚 निष्कर्ष
इटावा में अधीक्षण अभियंता के खिलाफ की गई यह कार्रवाई टेंडर प्रक्रिया में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड ने त्वरित जांच और निष्पक्ष निर्णय लेकर यह स्पष्ट कर दिया है कि विभागीय लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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