करूर भगदड़ मामला: TVK के दो वरिष्ठ नेता गिरफ्तार, जांच तेज़

तमिलनाडु के करूर जिले में अभिनेता से राजनेता बने विजय की पार्टी ‘तमिलगा वेत्री कझगम’ (TVK) की रैली में हुई भगदड़ के मामले में पुलिस ने दो वरिष्ठ नेताओं को गिरफ्तार किया है। इस हादसे में 41 लोगों की मौत हुई थी, जिसमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे।

🚨 हादसे की पृष्ठभूमि: क्या हुआ था करूर में?

27 सितंबर 2025 को करूर के वेलायुथमपलायम में विजय की रैली के दौरान हजारों लोग एकत्रित हुए थे। इससे पहले नमक्कल में विजय का रोड शो हुआ था, जिसके बाद समर्थकों की भारी भीड़ भाषण स्थल पर उमड़ पड़ी।

  • कार्यक्रम स्थल पर भीड़ नियंत्रण के पर्याप्त इंतजाम नहीं थे।
  • बिजली गुल होने से अफरा-तफरी मच गई।
  • कई लोग कुचले गए, जिनमें महिलाएं और बच्चे शामिल थे।
  • कुल 41 लोगों की मौत हुई और 60 से अधिक घायल हुए।

👁️ प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, कार्यक्रम स्थल पर अव्यवस्था और भीड़ का दबाव इतना अधिक था कि लोग एक-दूसरे पर गिरने लगे।

👮‍♂️ गिरफ्तारी की कार्रवाई: कौन-कौन पकड़ा गया?

पुलिस ने अब तक जिन नेताओं को गिरफ्तार किया है:

  1. 📌 मथियाझगन – TVK के करूर पश्चिम जिला सचिव
  2. 📌 पोनराज – TVK के केंद्रीय नगर सचिव

इन दोनों नेताओं पर आरोप है कि उन्होंने रैली के लिए फ्लेक्स बैनर और झंडों की व्यवस्था की थी, जिससे भीड़ और अव्यवस्था बढ़ी। पोनराज पर यह भी आरोप है कि उन्होंने मथियाझगन को भगदड़ के बाद शरण दी थी2।

📑 FIR में कौन-कौन नामजद?

पुलिस ने जिन नेताओं को FIR में नामजद किया है:

  • एन. आनंद – TVK महासचिव
  • सीटीआर निर्मल कुमार – संयुक्त महासचिव
  • मथियाझगन – जिला सचिव

इन पर भारतीय न्याय संहिता की कई धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है:

  • धारा 105 – हत्या नहीं लेकिन जानलेवा लापरवाही
  • धारा 110 – जानबूझकर जान को खतरे में डालना
  • धारा 125 – दूसरों के जीवन को खतरे में डालना
  • धारा 223 – आदेश की अवहेलना
  • तमिलनाडु सार्वजनिक संपत्ति अधिनियम की धारा 34

🧑‍⚖️ जांच की अगुवाई कौन कर रहा है?

शुरुआत में जांच की जिम्मेदारी डीएसपी सेल्वराज को दी गई थी, लेकिन बाद में राज्य पुलिस मुख्यालय ने अतिरिक्त एसपी प्रेमानंद को जांच का नेतृत्व सौंपा।

मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं। जांच का नेतृत्व सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय की न्यायाधीश अरुणा जगदीसन करेंगी।

🗣️ नेताओं की प्रतिक्रिया: सत्ता और विपक्ष आमने-सामने

🎙️ मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन:

  • पीड़ित परिवारों को हर संभव सहायता का आश्वासन।
  • अफवाहें न फैलाने की अपील।
  • सार्वजनिक रैलियों के लिए नए सुरक्षा मानक बनाने की घोषणा।

🎙️ विपक्षी नेता एडप्पादी के. पलानीस्वामी (AIADMK):

  • द्रमुक सरकार पर सुरक्षा में चूक का आरोप।
  • प्रशासन ने भीड़भाड़ की चेतावनी को नजरअंदाज किया।
  • जवाबदेही तय करने की मांग।

💬 TVK प्रमुख विजय की प्रतिक्रिया

अभिनेता से राजनेता बने विजय ने हादसे को “राजनीतिक साजिश” बताया और स्वतंत्र जांच की मांग की। उन्होंने प्रत्येक मृतक के परिवार को ₹20 लाख का मुआवजा देने की घोषणा की और अपने समर्थकों से शांति बनाए रखने की अपील की5।

📊 राजनीतिक और सामाजिक असर

  • राज्य में राजनीतिक तनाव बढ़ा है।
  • विपक्ष ने सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं।
  • केंद्र सरकार के मंत्री और भाजपा नेता पीड़ित परिवारों से मिलने पहुंचे।
  • भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने जांच के लिए आठ सदस्यीय टीम गठित की।

📌 मुख्य बिंदु: करूर भगदड़ मामले की जांच में अब तक क्या हुआ?

  • 41 लोगों की मौत, 60 से अधिक घायल।
  • TVK के तीन वरिष्ठ नेताओं पर FIR दर्ज।
  • दो नेताओं की गिरफ्तारी – मथियाझगन और पोनराज।
  • न्यायिक जांच का आदेश – अरुणा जगदीसन के नेतृत्व में।
  • मुख्यमंत्री और विपक्षी नेताओं की तीखी प्रतिक्रिया।
  • विजय ने मुआवजा और शांति की अपील की।

❓ FAQs

❓ करूर भगदड़ कब और कहां हुई?

यह हादसा 27 सितंबर 2025 को तमिलनाडु के करूर जिले के वेलायुथमपलायम में विजय की रैली के दौरान हुआ।

❓ कितने लोगों की मौत हुई?

इस भगदड़ में कुल 41 लोगों की जान गई, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे।

❓ किन नेताओं को गिरफ्तार किया गया?

TVK के मथियाझगन और पोनराज को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।

❓ क्या जांच के लिए आयोग गठित किया गया है?

हां, न्यायिक जांच के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीश अरुणा जगदीसन के नेतृत्व में आयोग गठित किया गया है।

❓ विजय ने क्या प्रतिक्रिया दी?

विजय ने घटना को राजनीतिक साजिश बताया और मृतकों के परिवारों को ₹20 लाख मुआवजा देने की घोषणा की।

🔚 निष्कर्ष: करूर हादसे से सबक लेने की जरूरत

करूर की यह त्रासदी केवल एक राजनीतिक रैली में हुई भगदड़ नहीं थी, बल्कि यह प्रशासनिक चूक और भीड़ प्रबंधन की विफलता का उदाहरण है। इस घटना ने राज्य में राजनीतिक बहस को तेज कर दिया है और भविष्य में ऐसे आयोजनों के लिए सख्त सुरक्षा मानकों की आवश्यकता को रेखांकित किया है।

External Source: Patrika Report

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