कानपुर के चकेरी थाना क्षेत्र से एक दिल दहला देने वाला हादसा सामने आया है। शुक्रवार रात लाल बंगला पुलिस चौकी चौराहे पर तेज रफ्तार लोडर ने एक स्कूटी सवार किशोर को टक्कर मार दी। टक्कर के बाद स्कूटी लोडर में फंस गई और चालक ने गाड़ी रोकने के बजाय तेज़ी से भगाने की कोशिश की। इस दौरान युवक लगभग 400 मीटर तक सड़क पर घसीटता चला गया। हादसे के बाद घायल किशोर की हालत नाज़ुक बनी हुई है और पुलिस ने आरोपी चालक को हिरासत में ले लिया है।
📍 हादसा कहां और कैसे हुआ?
- यह घटना कानपुर के चकेरी थाना क्षेत्र के लाल बंगला पुलिस चौकी चौराहे की है।
- शुक्रवार देर रात 17 वर्षीय नैतिक सविता स्कूटी से कहीं जा रहा था।
- पीछे से आ रहे एक तेज़ रफ्तार लोडर ने स्कूटी को टक्कर मार दी।
- टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि नैतिक अपनी स्कूटी समेत लोडर के पिछले हिस्से में फंस गया।
- चालक ने गाड़ी रोकने के बजाय भागने की कोशिश की और करीब 400 मीटर तक युवक को घसीटते हुए केडीए चौराहे तक ले गया।
👀 राहगीरों ने रोका लोडर, चालक की हुई पिटाई
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, युवक के दर्द से चीखने की आवाज़ सुनकर लोग इकट्ठा हो गए। राहगीरों ने किसी तरह लोडर को रुकवाया और चालक को पकड़ लिया। गुस्साए लोगों ने चालक की मौके पर ही पिटाई कर दी। बाद में पुलिस मौके पर पहुंची और आरोपी चालक को भीड़ से छुड़ाकर थाने ले गई।
🏥 अस्पताल में भर्ती, हालत गंभीर
- गंभीर रूप से घायल किशोर नैतिक सविता को पहले कांशीराम अस्पताल ले जाया गया।
- डॉक्टरों ने उसकी हालत गंभीर बताकर हैलट अस्पताल रेफर कर दिया।
- परिवार के अनुसार, नैतिक का पूरा शरीर सिर से पैर तक घायल है और वह फिलहाल ICU में भर्ती है।
👮 पुलिस की कार्रवाई
चकेरी थाना प्रभारी संतोष कुमार शुक्ला ने बताया कि हादसे के बाद आरोपी चालक को हिरासत में लिया गया है। उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
“किशोर स्कूटी समेत लोडर में फंसकर दूर तक घिसट गया था। घायल का इलाज हैलट अस्पताल में चल रहा है। चालक को हिरासत में लिया गया है।” – चकेरी इंस्पेक्टर
📊 कानपुर में सड़क हादसों की बढ़ती घटनाएं
कानपुर में पिछले कुछ महीनों से सड़क हादसों के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। तेज़ रफ्तार, ट्रैफिक नियमों की अनदेखी और लापरवाह ड्राइविंग बड़ी वजहें हैं।
- NCRB (राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो) के आंकड़ों के मुताबिक:
- उत्तर प्रदेश में हर साल 30,000 से अधिक सड़क हादसे होते हैं।
- इनमें सबसे बड़ी संख्या दोपहिया वाहन चालकों की होती है।
- तेज रफ्तार और ट्रैफिक नियमों की अनदेखी इन हादसों के प्रमुख कारण हैं।
🚦 क्यों बढ़ रहे हैं सड़क हादसे?
1️⃣ तेज रफ्तार का जुनून
युवाओं में तेज गाड़ी चलाने का शौक सड़क पर बड़ी दुर्घटनाओं की वजह बन रहा है।
2️⃣ ट्रैफिक नियमों की अनदेखी
- बिना हेलमेट गाड़ी चलाना
- शराब पीकर वाहन चलाना
- रेड लाइट जम्प करना
3️⃣ भारी वाहन चालकों की लापरवाही
कई बार ट्रक और लोडर चालक थके होने या जल्दबाजी में गाड़ी तेज़ चलाते हैं। इससे गंभीर हादसे हो जाते हैं।
📝 परिवार का दर्द
नैतिक के बड़े भाई छोटू सविता ने बताया:
“रात को नैतिक स्कूटी लेकर किसी काम से निकला था। लाल बंगला चौकी चौराहे पर पीछे से लोडर ने टक्कर मार दी। चालक भागने के चक्कर में गाड़ी तेज दौड़ा ले गया और नैतिक स्कूटी समेत घसीटता चला गया।”
परिवार इस हादसे से गहरे सदमे में है और युवक की जान बचाने के लिए अस्पताल में डॉक्टरों से लगातार गुहार लगा रहा है।
📌 कानपुर में हाल ही में हुए ऐसे ही हादसे
- जुलाई 2025: बर्रा क्षेत्र में एक बाइक सवार को ट्रक ने टक्कर मार दी थी, जिसमें युवक की मौके पर ही मौत हो गई।
- अगस्त 2025: स्वरूप नगर में तेज़ रफ्तार कार ने रिक्शा को टक्कर मारी, हादसे में तीन लोग घायल हुए।
- सितंबर 2025 (वर्तमान मामला): नैतिक सविता को लोडर ने टक्कर मारने के बाद 400 मीटर तक घसीटा।
📢 एक्सपर्ट्स की राय
सड़क सुरक्षा विशेषज्ञ मानते हैं कि ऐसे हादसों को रोकने के लिए:
- सड़क पर CCTV निगरानी बढ़ाई जाए।
- भारी वाहनों पर स्पीड गवर्नर अनिवार्य किया जाए।
- ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों पर सख्त जुर्माना लगाया जाए।
- स्कूली स्तर से ही रोड सेफ्टी एजुकेशन दी जाए।
❓अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
Q1. कानपुर हादसे में युवक की हालत कैसी है?
युवक नैतिक सविता गंभीर रूप से घायल है और हैलट अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है।
Q2. हादसा कहां हुआ?
यह हादसा कानपुर के चकेरी थाना क्षेत्र के लाल बंगला चौकी चौराहे पर हुआ।
Q3. आरोपी चालक को क्या हुआ?
पुलिस ने चालक को हिरासत में ले लिया है और उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
Q4. क्या यूपी में सड़क हादसे बढ़ रहे हैं?
हां, NCRB रिपोर्ट के अनुसार यूपी देश में सड़क हादसों के मामलों में शीर्ष राज्यों में शामिल है।
🔚 निष्कर्ष
कानपुर का यह दर्दनाक हादसा एक बार फिर सड़क सुरक्षा और ट्रैफिक नियमों की अनदेखी पर सवाल खड़े करता है। लापरवाही का यह नतीजा है कि एक किशोर जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा है। पुलिस और प्रशासन को सख्त कदम उठाने होंगे ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
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