गोंडा में दर्दनाक हादसा: बोलेरो नहर में गिरने से 11 की मौत, छह बच्चे भी शामिल
उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले से रविवार सुबह एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। श्रद्धालुओं से भरी एक बोलेरो गाड़ी अनियंत्रित होकर नहर में जा गिरी, जिसमें 11 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। मृतकों में छह मासूम बच्चे और कुछ महिलाएं शामिल हैं। हादसे की जानकारी मिलते ही इलाके में हड़कंप मच गया और प्रशासन तुरंत हरकत में आ गया।
कैसे हुआ यह भयावह हादसा?
यह हादसा सुबह करीब 9:30 बजे गोंडा जिले के इटियाथोक थाना क्षेत्र में घटित हुआ। बोलेरो में सवार श्रद्धालु नाथ बाबा के दर्शन के लिए निकले थे। जैसे ही वाहन 27 नंबर नहर के समीप पहुंचा, तेज बारिश के चलते सड़क पर फिसलन हो गई, जिससे गाड़ी का संतुलन बिगड़ गया और वह नहर में जा गिरी।
घटना इतनी भीषण थी कि पानी में डूबने के कारण अधिकांश यात्रियों की मौत हो गई। बोलेरो में कुल 13 लोग सवार थे, जिनमें से 11 की मौके पर ही मौत हो गई। दो लोगों को बचा लिया गया है — एक ड्राइवर और एक युवती जिसका नाम पिंकी बताया गया है।
स्थानीय पुलिस और प्रशासन ने क्या बताया?
घटना पर जानकारी देते हुए पुलिस अधिकारी कप्तान अली ने बताया, “यह हादसा हमारे स्कूल के प्रबंधक के परिवार के साथ हुआ है। वे सभी दर्शन के लिए जा रहे थे, लेकिन बारिश के कारण गाड़ी नियंत्रण खो बैठी और नहर में समा गई। हमने रेस्क्यू ऑपरेशन तेज कर दिया है और शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा रहा है।”
उन्होंने आगे बताया कि मृतकों में छह मासूम बच्चे भी हैं, जिससे यह हादसा और भी दुखद हो गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जताया शोक
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस दर्दनाक हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए लिखा:
“गोंडा जिले में हुई इस दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना में लोगों की जान जाना बेहद पीड़ादायक और दिल को झकझोर देने वाला है। मैं शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना प्रकट करता हूं।”
सीएम योगी ने मृतकों के परिजनों को ₹5 लाख की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है। साथ ही जिला प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाकर उचित इलाज सुनिश्चित किया जाए।
इलाके में मातम, लोगों में गुस्सा
घटना के बाद पूरे गांव और आस-पास के इलाके में शोक की लहर है। स्थानीय लोग बेहद आक्रोशित हैं और प्रशासन से सड़क सुरक्षा को लेकर सख्त कदम उठाने की मांग कर रहे हैं। नहर के पास सुरक्षा दीवार नहीं होने और खतरनाक मोड़ को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं।
सरकार और प्रशासन की अगली कार्रवाई
जिला प्रशासन ने हादसे की जांच के आदेश दे दिए हैं और यह तय किया गया है कि ऐसी जगहों पर सुरक्षा इंतज़ाम बढ़ाए जाएंगे। इसके साथ ही संबंधित अधिकारियों से रिपोर्ट तलब की गई है।
निष्कर्ष:
गोंडा का यह हादसा न सिर्फ एक परिवार के लिए, बल्कि पूरे प्रदेश के लिए गहरे दुख की घड़ी बन गया है। बारिश और खराब सड़कों के कारण होने वाली दुर्घटनाएं लगातार चिंता का विषय बनती जा रही हैं। शासन को जल्द ही सड़कों की स्थिति और नदियों/नहरों के किनारे सुरक्षा इंतज़ामों को लेकर गंभीर कदम उठाने की ज़रूरत है।