🐄 गौमांस पर जीएसटी विवाद: कांग्रेस ने भाजपा पर साधा निशाना
मध्यप्रदेश में गौमांस पर 0% जीएसटी को लेकर सियासी घमासान तेज हो गया है। कांग्रेस ने इस फैसले को गोमाता के नाम पर राजनीति करने और बीफ निर्यात को बढ़ावा देने की साजिश करार दिया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि यह निर्णय धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला है।
📣 जीतू पटवारी का आरोप: “गाय के नाम पर वोट, कटान को बढ़ावा”
कांग्रेस कार्यालय में मीडिया से बातचीत करते हुए जीतू पटवारी ने कहा:
- भारत दुनिया का सबसे बड़ा बीफ निर्यातक बन चुका है।
- भाजपा सरकार ने गौमांस पर 0% जीएसटी लगाकर कटान को बढ़ावा दिया है।
- जो पार्टी गोमाता की पूजा की बात करती है, वही सत्ता में आकर बीफ को टैक्स फ्री करती है।
उन्होंने कहा कि भाजपा का यह दोहरा चरित्र जनता के सामने लाया जाएगा। कांग्रेस 26 और 27 सितंबर को प्रदेशभर में आंदोलन करेगी।
📅 कांग्रेस का आंदोलन कार्यक्रम
कांग्रेस ने दो दिवसीय विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है:
- 26 सितंबर: सभी जिलों और बाजारों में भाजपा की जीएसटी नीति और भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रदर्शन।
- 27 सितंबर: नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों में विरोध रैली।
- विशेष अभियान: गोशालाओं का दौरा और सड़कों पर बेसहारा गायों को कलेक्टर कार्यालय तक ले जाकर सरकार को आईना दिखाना।
🧾 क्या है 0% GST का मामला?
- केंद्र सरकार ने हाल ही में गौवंशीय मांस पर जीएसटी दर को शून्य कर दिया।
- मध्यप्रदेश सरकार ने अंतरराज्यीय परिवहन पर राज्य कर से भी छूट दी।
- यह निर्णय 22 सितंबर से लागू हुआ, जिसे वाणिज्यिक कर विभाग ने अधिसूचित किया।
External Source: https://www.patrika.com/ रिपोर्ट
🏛️ सरकार का पक्ष: “कांग्रेस का आरोप भ्रामक”
सरकार ने कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए कहा:
- मध्यप्रदेश में 29 मार्च 2004 से गोवंश वध प्रतिबंधित है।
- इसके उल्लंघन पर 3 वर्ष की सजा का प्रावधान है।
- जीएसटी दरों का निर्धारण जीएसटी काउंसिल की सिफारिश पर होता है, जिसमें कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के प्रतिनिधि भी शामिल हैं।
- पूर्व टैक्स प्रणाली में भी गौमांस पर छूट थी।
सरकार ने कांग्रेस के बयान को “शरारतपूर्ण और धार्मिक भावनाओं को भड़काने वाला” बताया।
💬 भ्रष्टाचार के भी लगे आरोप
पटवारी ने भाजपा सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा:
- प्रदेश का कोई भी विभाग ऐसा नहीं है जहां बिना भ्रष्टाचार के काम होता हो।
- भाजपा शासन में कोई मंत्री ईमानदार नहीं है।
- कई अधिकारी भाजपा के लिए “चपरासीगिरी” कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि कांग्रेस ने ऐसे अधिकारियों की सूची तैयार करने के लिए निगरानी विभाग बनाया है।
🧠 विश्लेषण: क्या है बीफ निर्यात का सच?
भारत बीफ निर्यात में शीर्ष देशों में शामिल है। हालांकि यहां बीफ शब्द का प्रयोग भैंस के मांस के लिए भी होता है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार:
- भारत ने 2022-23 में लगभग ₹25,000 करोड़ का बीफ निर्यात किया।
- प्रमुख निर्यात देश: वियतनाम, मलेशिया, मिस्र, इंडोनेशिया।
- निर्यात में निजी कंपनियों की भूमिका अहम है, न कि राज्य सरकारों की प्रत्यक्ष भागीदारी।
🧘♂️ धार्मिक भावनाएं और राजनीतिक रणनीति
गाय को हिंदू धर्म में पूजनीय माना जाता है। भाजपा लंबे समय से गौ रक्षा को अपने एजेंडे में शामिल करती रही है। वहीं कांग्रेस इस मुद्दे को भाजपा की कथनी और करनी में अंतर बताकर जनता के बीच ले जा रही है।
पटवारी ने मांग की कि गाय को “राष्ट्रमाता” का दर्जा दिया जाए।
🗳️ चुनावी समीकरण और रणनीति
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह मुद्दा आगामी विधानसभा उपचुनावों और स्थानीय निकाय चुनावों को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है। कांग्रेस इसे बड़ा चुनावी मुद्दा बनाकर भाजपा को घेरने की रणनीति पर काम कर रही है।
📊 सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर इस मुद्दे को लेकर तीखी बहस चल रही है:
- #GSTOnBeef ट्रेंड कर रहा है।
- भाजपा समर्थकों ने कांग्रेस पर “दोगली राजनीति” का आरोप लगाया।
- कांग्रेस समर्थकों ने सरकार को “गौमाता विरोधी” बताया।
❓ FAQs
Q1. क्या भारत में गौवंश वध कानूनी है? नहीं, मध्यप्रदेश सहित कई राज्यों में गौवंश वध प्रतिबंधित है। इसके उल्लंघन पर सजा का प्रावधान है।
Q2. क्या बीफ पर 0% GST केंद्र सरकार का निर्णय है? जीएसटी दरों का निर्धारण जीएसटी काउंसिल करती है, जिसमें सभी दलों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं।
Q3. क्या भारत बीफ निर्यात में अग्रणी है? हां, भारत बीफ (भैंस मांस) निर्यात में शीर्ष देशों में शामिल है।
Q4. कांग्रेस का आंदोलन कब होगा? 26 और 27 सितंबर को प्रदेशभर में कांग्रेस द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
🔚 निष्कर्ष
गौमांस पर 0% जीएसटी को लेकर कांग्रेस और भाजपा के बीच तीखी सियासी जंग छिड़ गई है। जहां कांग्रेस इसे धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ और निर्यात को बढ़ावा देने वाला कदम बता रही है, वहीं सरकार ने इसे जीएसटी काउंसिल की प्रक्रिया का हिस्सा बताया है। आगामी चुनावों के मद्देनजर यह मुद्दा और भी गरमाने की संभावना है।
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