चमक-दमक की दुनिया का काला सच: नोएडा के एक कपल ने कैसे मॉडल्स को फंसाया और बनाया करोड़ों का पोर्न रैकेट

इसी साल मार्च के महीने में, नोएडा की शांत गलियों से एक ऐसी ख़बर सामने आई जिसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। प्रवर्तन निदेशालय (ED) की एक सामान्य-सी जांच ने एक बड़े, गुप्त पोर्नोग्राफ़ी रैकेट का पर्दाफ़ाश किया, जो एक आम से दिखने वाले घर से चलाया जा रहा था। ED ने उज्ज्वल किशोर और नीलू श्रीवास्तव के घर पर छापा मारा, जिनका जीवन सतह पर बिलकुल सामान्य दिखता था। लेकिन, बंद दरवाज़ों के पीछे एक भयानक ऑपरेशन चल रहा था—एक ऐसा रैकेट जो युवा, महत्वाकांक्षी मॉडल्स के सपनों का शोषण कर रहा था और करोड़ों रुपये एक वैश्विक नेटवर्क में भेज रहा था।

शुरुआती छापे में एक काला सच सामने आया: इस कपल पर मॉडल्स के साथ एडल्ट वीडियो शूट करने और फिर उन वीडियो को साइप्रस स्थित एक कंपनी को बेचने का आरोप था, जो कई अंतरराष्ट्रीय एडल्ट वेबसाइट चलाती है। यह ख़ुलासा चौंकाने वाला और सनसनीखेज़ था, जिसने अख़बारों की सुर्खियां बटोरीं और सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी। हालाँकि, उस समय यह ख़बर बहुत वायरल हुई थी, लेकिन कई सवाल अनुत्तरित रह गए थे। यह कपल इतने लंबे समय तक यह सब कैसे करता रहा? पीड़ित कौन थे? और इस मल्टी-करोड़ रैकेट का असली पैमाना क्या था?

अवैध गतिविधियों का एक बड़ा जाल

ED की जांच ने इस ऑपरेशन की जटिल प्रकृति को उजागर किया। उज्ज्वल किशोर और नीलू श्रीवास्तव ने Subdigi Ventures Private Limited नाम की एक कंपनी बनाई थी। कागज़ों पर, यह कंपनी पूरी तरह से वैध लगती थी, जो विज्ञापन, मार्केट रिसर्च और जनमत सर्वेक्षण जैसी सेवाएँ देती थी। लेकिन, ED के अनुसार, यह सिर्फ एक दिखावा था। असली कारोबार कहीं ज़्यादा शातिर था।

एक वैध कंपनी के नाम पर, Subdigi Ventures का इस्तेमाल कथित तौर पर एडल्ट कंटेंट को शूट करने और वितरित करने के लिए किया जा रहा था। ED की जाँच में पता चला कि यह कपल इन वीडियो को Technius Limited नामक एक साइप्रस-आधारित कंपनी के साथ साझा कर रहा था। यह कंपनी कई प्रमुख अंतरराष्ट्रीय एडल्ट वेबसाइटों की ऑपरेटर है, जिसमें Xhamster और Stripchat जैसे लोकप्रिय प्लेटफ़ॉर्म शामिल हैं।

पैसे का लेन-देन भी बहुत ही जटिल था। ED को पता चला कि Subdigi Ventures और उसके निदेशकों के बैंक खातों में बड़ी मात्रा में विदेशी रेमिटेंस प्राप्त हो रहे थे। हालाँकि, इन भुगतानों को आधिकारिक तौर पर विज्ञापन और रिसर्च के लिए शुल्क के रूप में दिखाया गया था, लेकिन ED का मानना था कि ये वास्तव में Xhamster पर स्ट्रीम किए गए एडल्ट कंटेंट से हुई कमाई थी। यह वित्तीय व्यवस्था विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) का एक गंभीर उल्लंघन था, क्योंकि ये फंड्स अवैध सेवाओं (एडल्ट कंटेंट) के भुगतान के रूप में प्राप्त किए जा रहे थे, जो कि गैरकानूनी है।

सपनों को बनाया डरावना सच

इस मामले का सबसे चिंताजनक पहलू यह है कि इस कपल ने कथित तौर पर मॉडल्स को कैसे अपने जाल में फँसाया। ED के सूत्रों के मुताबिक, उज्ज्वल और नीलू उन युवा लड़कियों की महत्वाकांक्षाओं का शिकार करते थे जो मॉडलिंग में करियर बनाना चाहती थीं। वे सोशल मीडिया और अन्य प्लेटफॉर्मों पर विज्ञापन देते थे, जिसमें मोटी कमाई और आकर्षक अवसरों का वादा किया जाता था। इनमें से कई युवा लड़कियों के लिए, जो अक्सर शहर में नई होती थीं और एक ब्रेक की तलाश में थीं, ये ऑफ़र एक सुनहरा मौक़ा लगते थे।

कपल कथित तौर पर इन भर्तियों का इस्तेमाल अनसुनी मॉडल्स को अपने घर में बने सेट-अप में फंसाने के लिए करता था। एक बार जब कोई मॉडल उनके झांसे में आ जाती थी, तो उसे एडल्ट वीडियो शूट करने के लिए मजबूर या राजी किया जाता था। डील को आकर्षक बनाने के लिए, कपल मुनाफ़े का एक बड़ा हिस्सा देने का वादा करता था, रिपोर्ट्स के अनुसार मॉडल्स को एडल्ट वीडियो से होने वाली कमाई का लगभग 25% हिस्सा दिया जाता था। यह जल्दी और बहुत पैसा कमाने का वादा अक्सर कमजोर लोगों को लुभाने के लिए काफ़ी होता था, जिससे वे शोषण के एक दुष्चक्र में फंस जाती थीं।

वित्तीय लेन-देन और वैश्विक संबंध

यह वित्तीय जालसाज़ी आश्चर्यजनक रूप से बड़े पैमाने पर फैली हुई थी। ED की जाँच में यह सामने आया कि इस दंपति के बैंक खातों में ₹15.66 करोड़ की अवैध विदेशी धनराशि जमा हुई थी। हालाँकि, कहानी यहीं खत्म नहीं होती। उनके वित्तीय दस्तावेज़ों की गहन पड़ताल के दौरान नीदरलैंड्स में एक और “गुप्त” बैंक खाते का पता चला, जिसमें कथित तौर पर Technius Limited द्वारा लगभग ₹7 करोड़ स्थानांतरित किए गए थे।

यह विदेशी खाता वैश्विक रैकेट में एक और महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में काम कर रहा था। इस खाते में प्राप्त क्रेडिट्स को फिर अंतरराष्ट्रीय डेबिट कार्डों के माध्यम से भारत में नकद में निकाला गया, जिससे पैसे का ट्रैक करना और भी मुश्किल हो गया। लेन-देन का यह तरीक़ा जाँच से बचने और अवैध कमाई को वैध बनाने के एक जानबूझकर किए गए प्रयास को दर्शाता है।

उज्ज्वल किशोर और नीलू श्रीवास्तव का मामला आसान पैसे और ग्लैमर के वादे के पीछे छिपे ख़तरों की एक चेतावनी भरी कहानी है। यह शोषण की एक छिपी हुई दुनिया को उजागर करता है, जहाँ महत्वाकांक्षा को अवैध लाभ के लिए एक उपकरण के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। जैसे-जैसे जाँच जारी है, यह आधुनिक अपराध की परिष्कृत प्रकृति और ED जैसी एजेंसियों की ऐसी गुप्त गतिविधियों को उजागर करने में महत्वपूर्ण भूमिका की एक कठोर याद दिलाता है।

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