छोटी दिवाली 2025: शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और धार्मिक महत्व
छोटी दिवाली, जिसे नरक चतुर्दशी भी कहा जाता है, दीपावली पर्व का दूसरा दिन होता है। यह दिन भगवान श्रीकृष्ण द्वारा नरकासुर के वध की स्मृति में मनाया जाता है और अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक माना जाता है। वर्ष 2025 में यह पर्व शनिवार, 18 अक्टूबर को मनाया जाएगा।
📅 छोटी दिवाली 2025 की तिथि और समय
- तिथि प्रारंभ: 18 अक्टूबर 2025, दोपहर 12:18 बजे
- तिथि समाप्त: 19 अक्टूबर 2025, दोपहर 01:51 बजे
- अभ्यंग स्नान मुहूर्त: सूर्योदय से सुबह 6:10 बजे तक
- दीपदान मुहूर्त: सूर्यास्त के बाद शाम 6:15 बजे से रात 8:00 बजे तक
🛁 अभ्यंग स्नान और दीपदान की परंपरा
🌅 अभ्यंग स्नान का महत्व
अभ्यंग स्नान छोटी दिवाली की शुरुआत का प्रमुख कर्म है। इस दिन सूर्योदय से पहले तिल के तेल से स्नान करने की परंपरा है। यह शरीर और मन को पवित्र करता है और पापों से मुक्ति दिलाता है।
🪔 दीपदान की विधि
शास्त्रों में उल्लेख है— “यदा चतुर्दशी कार्तिके कृष्णपक्षे दीपदानं कुर्यात् स नरकं न याति।” अर्थात, जो व्यक्ति इस दिन दीपदान करता है, वह नरक के कष्टों से मुक्त होकर मोक्ष प्राप्त करता है।
- दीपदान सूर्यास्त के बाद किया जाता है
- घर के प्रत्येक कोने में दीपक जलाना शुभ माना जाता है
- मुख्य द्वार के बाहर दक्षिण दिशा में मुख करके चौमुखी दीपक जलाना “यम दीप” कहलाता है
- 14 दीपक जलाने की परंपरा है, जो चतुर्दशी तिथि का प्रतीक है
🙏 किस देवता की करनी चाहिए पूजा?
छोटी दिवाली पर निम्नलिखित देवताओं की पूजा का विशेष महत्व है:
🧘♂️ भगवान श्रीकृष्ण
- माखन-मिश्री का भोग लगाएं
- “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करें
- तिलक कर आरती करें
🐒 भगवान हनुमान
- हनुमान चालीसा का पाठ करें
- हलवे का भोग लगाएं
- संकटों से मुक्ति और भय का नाश होता है
💰 लक्ष्मी-नारायण
- दीप जलाकर लक्ष्मी पूजन करें
- घर को रोशनी से भरें
- धन और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है
⚖️ यमराज
- “यम दीप” जलाकर अकाल मृत्यु के भय से मुक्ति मिलती है
🌃 शाम की पूजा विधि
🔥 दीप जलाने की परंपरा
- सूर्यास्त के बाद दीप जलाएं
- मुख्य द्वार पर चौमुखी दीपक दक्षिण दिशा में रखें
- घर के हर कोने में दीपक जलाएं
- देवी लक्ष्मी की पूजा करें और घर को रोशनी से भर दें
🧘♀️ पूजा के लाभ
- नकारात्मक ऊर्जा का नाश
- सुख, शांति और समृद्धि का वास
- पापों से मुक्ति और मोक्ष की प्राप्ति
📖 छोटी दिवाली का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व
छोटी दिवाली केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि आत्मशुद्धि और आध्यात्मिक जागरण का प्रतीक है। यह दिन हमें सिखाता है कि जैसे भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर का वध कर अंधकार का नाश किया, वैसे ही हमें अपने भीतर के अज्ञान, क्रोध और नकारात्मकता को समाप्त करना चाहिए।
🪔 धार्मिक संदेश
- अंधकार पर प्रकाश की विजय
- अधर्म पर धर्म की जीत
- आत्मा की शुद्धि और मोक्ष की प्राप्ति
📌 छोटी दिवाली 2025 के लिए तैयारी कैसे करें?
- पूजा सामग्री पहले से एकत्र करें
- घर की सफाई और सजावट करें
- दीपक, तेल, बाती, फूल, भोग आदि तैयार रखें
- पूजा विधि का पालन करें
- परिवार के साथ मिलकर पूजा करें
❓FAQs
छोटी दिवाली 2025 कब है?
छोटी दिवाली 2025 शनिवार, 18 अक्टूबर को मनाई जाएगी।
अभ्यंग स्नान का समय क्या है?
सूर्योदय से सुबह 6:10 बजे तक अभ्यंग स्नान का शुभ समय है।
दीपदान कब करना चाहिए?
सूर्यास्त के बाद शाम 6:15 से रात 8:00 बजे तक दीपदान करना श्रेष्ठ माना गया है।
किस देवता की पूजा करनी चाहिए?
भगवान श्रीकृष्ण, हनुमानजी, लक्ष्मी-नारायण और यमराज की पूजा का विशेष महत्व है।
यम दीपक क्यों जलाया जाता है?
यम दीपक जलाने से अकाल मृत्यु का भय समाप्त होता है और जीवन में सुरक्षा मिलती है।
📝 निष्कर्ष
छोटी दिवाली 2025 का पर्व धार्मिक आस्था, आध्यात्मिक शुद्धि और पारिवारिक एकता का प्रतीक है। इस दिन की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और दीपदान की परंपरा न केवल पापों से मुक्ति दिलाती है, बल्कि घर में सुख, शांति और समृद्धि का वास भी सुनिश्चित करती है।
External Source: Patrika Report
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