दिवाली 2025: झारखंड में पटाखों पर समय सीमा लागू
झारखंड में इस बार दिवाली की रात पूरी तरह से पटाखों की गूंज से नहीं गूंजेगी। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देशों के आधार पर पटाखों की समय सीमा तय कर दी है। अब राज्य में दिवाली पर रात 8 बजे से 10 बजे तक ही आतिशबाजी की जा सकेगी।
📜 सुप्रीम कोर्ट और NGT के आदेशों के आधार पर गाइडलाइन जारी
राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने दिवाली, छठ, गुरु पर्व, क्रिसमस और नववर्ष पर पटाखों की अनुमति को लेकर विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन निर्देशों का उद्देश्य वायु प्रदूषण को नियंत्रित करना और नागरिकों के स्वास्थ्य की रक्षा करना है।
⏰ तय समय सीमा इस प्रकार है:
- दिवाली – रात 8:00 बजे से 10:00 बजे तक
- छठ पूजा – सुबह 6:00 बजे से 8:00 बजे तक
- गुरु पर्व – रात 8:00 बजे से 10:00 बजे तक
- क्रिसमस और न्यू ईयर – रात 11:55 बजे से 12:30 बजे तक
🌫️ वायु गुणवत्ता के आधार पर पटाखों की अनुमति
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि केवल उन्हीं शहरों में पटाखों की अनुमति दी जाएगी जहां वायु गुणवत्ता का स्तर “अच्छा” या “संतोषजनक” श्रेणी में आता है।
🔊 ध्वनि सीमा:
- केवल 125 डेसिबल से कम क्षमता वाले पटाखों की बिक्री की अनुमति होगी
- उच्च ध्वनि वाले या अवैध पटाखों की बिक्री और उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा
🚫 उल्लंघन पर होगी सख्त कार्रवाई
जो भी व्यक्ति इन निर्देशों का उल्लंघन करेगा, उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 188 और वायु प्रदूषण निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।
🏬 पटाखों की बिक्री के लिए क्लस्टर व्यवस्था
शहरी क्षेत्रों में पटाखों की बिक्री को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने क्लस्टर मॉडल अपनाया है। राजधानी रांची में 4 से 5 क्लस्टर बनाए गए हैं, जिनमें:
- मोरहाबादी मैदान
- जयपाल सिंह स्टेडियम
- बरियातू हाउसिंग कॉलोनी
- शास्त्री मैदान चुटिया
- सेठ सीताराम मैदान डोरंडा
- हरमू मैदान
- एससी आवासीय विद्यालय बुंडू
📝 पटाखा विक्रेताओं के लिए शर्तें
📌 जरूरी नियम:
- सभी विक्रेताओं को लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा
- केवल निर्धारित क्लस्टर क्षेत्रों में ही दुकानें लगाई जा सकेंगी
- अस्थायी दुकानों को प्रशासन की अनुमति लेनी होगी
- सुरक्षा मानकों का पालन करना अनिवार्य होगा
🌍 पर्यावरणीय दृष्टिकोण से अहम फैसला
यह निर्णय न केवल वायु प्रदूषण को कम करने की दिशा में एक कदम है, बल्कि इससे ध्वनि प्रदूषण, स्वास्थ्य समस्याएं, और अस्थमा जैसी बीमारियों से पीड़ित लोगों को राहत मिलेगी।
🌱 विशेषज्ञों की राय:
- पर्यावरणविदों का मानना है कि यह कदम स्थायी विकास की दिशा में है
- बच्चों और बुजुर्गों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है
📊 झारखंड में वायु गुणवत्ता की स्थिति
झारखंड के कई शहरों में वायु गुणवत्ता पहले से ही चिंताजनक स्तर पर है। खासकर रांची, धनबाद और जमशेदपुर जैसे शहरों में दिवाली के दौरान प्रदूषण का स्तर कई गुना बढ़ जाता है।
🧪 वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI):
- अच्छा (0–50)
- संतोषजनक (51–100)
- मध्यम (101–200)
- खराब (201–300)
- बहुत खराब (301–400)
- गंभीर (401–500)
🎯 निष्कर्ष
झारखंड सरकार और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने दिवाली 2025 को सुरक्षित और पर्यावरण अनुकूल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। समय सीमा तय करने से वायु और ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण संभव होगा। साथ ही, यह निर्णय नागरिकों की सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी साबित होगा।
❓FAQs
Q1. झारखंड में दिवाली पर कितने बजे तक पटाखे चलाए जा सकते हैं?
👉 रात 8 बजे से 10 बजे तक ही पटाखों की अनुमति है।
Q2. क्या छठ और गुरु पर्व पर भी समय सीमा लागू है?
👉 हां, दोनों पर्वों पर केवल दो घंटे की आतिशबाजी की अनुमति है।
Q3. क्या सभी प्रकार के पटाखों की बिक्री की अनुमति है?
👉 नहीं, केवल 125 डेसिबल से कम ध्वनि वाले पटाखों की बिक्री की अनुमति है।
Q4. क्या पटाखा बेचने के लिए लाइसेंस लेना जरूरी है?
👉 हां, सभी विक्रेताओं को लाइसेंस लेना अनिवार्य है।
Q5. उल्लंघन करने पर क्या कार्रवाई होगी?
👉 आईपीसी की धारा 188 और वायु प्रदूषण अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।
External Source: Patrika Report
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