तालिबान ने अफगानिस्तान में इंटरनेट बैन की खबरों को बताया अफवाह | फाइबर केबल रिप्लेसमेंट जारी

अफगानिस्तान में हाल ही में इंटरनेट सेवाओं के ठप होने की खबरों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता बढ़ा दी थी। लेकिन अब तालिबान सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह कोई सरकारी बैन नहीं, बल्कि तकनीकी कारणों से हुआ ब्लैकआउट है।

📉 इंटरनेट ब्लैकआउट की शुरुआत और वैश्विक प्रतिक्रिया

🔍 क्या हुआ 29 सितंबर को?

  • 29 सितंबर 2025 को अफगानिस्तान में अचानक इंटरनेट सेवाएं बाधित हो गईं।
  • नेटब्लॉक्स जैसी निगरानी संस्थाओं ने इसे “पूर्ण ब्लैकआउट” करार दिया।
  • देशभर में कनेक्टिविटी सामान्य स्तर के 1% से भी नीचे चली गई।

🌐 अंतरराष्ट्रीय चिंता

  • संचार सेवाओं के ठप होने से बैंकिंग, एयरलाइन, और मानवीय सहायता कार्य प्रभावित हुए।
  • कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने अफगानिस्तान में डिजिटल डार्कनेस पर चिंता जताई।

🗣️ तालिबान का आधिकारिक बयान: ❌ इंटरनेट बैन नहीं हुआ

📢 क्या कहा तालिबान ने?

1 अक्टूबर को तालिबान सरकार ने एक संक्षिप्त बयान जारी कर कहा:

“हमने इंटरनेट पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है। यह अफवाहें हैं।”

  • प्रवक्ता ज़बीहुल्ला मुजाहिद ने बताया कि देश में पुरानी फाइबर ऑप्टिक केबल खराब हो चुकी हैं।
  • इन्हें बदलने का कार्य जारी है, और इसी कारण अस्थायी रूप से सेवाएं बाधित हुई हैं।

📱 सोशल मीडिया पर बयान

  • तालिबान ने यह बयान व्हाट्सएप ग्रुप और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर साझा किया।
  • यह सरकार की ओर से पहला सार्वजनिक स्पष्टीकरण था।

🔧 तकनीकी कारण: फाइबर ऑप्टिक केबल की खराबी

🛠️ क्या है फाइबर ऑप्टिक समस्या?

  • अफगानिस्तान की संचार प्रणाली मुख्य रूप से फाइबर ऑप्टिक नेटवर्क पर आधारित है।
  • यह नेटवर्क 9,350 किलोमीटर लंबा है, जिसे पूर्व अमेरिकी समर्थित सरकारों ने विकसित किया था।
  • अब यह केबल पुरानी और क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं।

🧰 रिप्लेसमेंट प्रक्रिया

  • तालिबान सरकार ने बताया कि रिप्लेसमेंट कार्य शुरू हो चुका है।
  • लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया गया कि यह प्रक्रिया कितने समय में पूरी होगी।

🏥 सेवाओं पर असर: बैंकिंग से लेकर हेल्थ तक

💳 बैंकिंग और फाइनेंस

  • कई बैंक अपने ऑपरेटिंग सिस्टम नहीं खोल पा रहे हैं।
  • वेस्टर्न यूनियन जैसी सेवाएं भी ठप हैं।

✈️ एयरलाइन सेवाएं

  • कम एयरलाइंस ने उड़ानें रद्द कीं, खासकर काबुल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर।
  • कम एयर ने बताया कि वे बुधवार से उड़ानें फिर शुरू कर सकते हैं।

🏥 हेल्थ और इमरजेंसी

  • अस्पतालों और मेडिकल सेवाओं को भी संचार बाधा का सामना करना पड़ रहा है।
  • एम्बुलेंस और पुलिस कॉल्स नहीं हो पा रहे हैं।

📚 शिक्षा और महिलाओं पर प्रभाव

👩‍🎓 ऑनलाइन शिक्षा का संकट

  • तालिबान शासन के बाद महिलाओं की शिक्षा पर कई प्रतिबंध लगे हैं।
  • ऑनलाइन शिक्षा ही उनका एकमात्र सहारा था, जो अब बंद हो चुका है।

🚫 डिजिटल आइसोलेशन

  • महिला अधिकार संगठनों ने इसे “डिजिटल आइसोलेशन” करार दिया है।
  • इससे महिलाओं की वैश्विक समुदाय से जुड़ने की संभावना भी खत्म हो रही है।

📊 इंटरनेट ब्लैकआउट के संभावित कारण: अफवाह या रणनीति?

🕵️‍♂️ क्या यह नैतिकता पर नियंत्रण का प्रयास है?

  • कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि तालिबान नेता हिबतुल्लाह अखुंदजादा ने “अनैतिकता रोकने” के लिए इंटरनेट बंद करने का आदेश दिया था।
  • हालांकि तालिबान ने इस दावे को खारिज कर दिया है।

🔐 सुरक्षा कारण?

  • कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह सुरक्षा प्रोटोकॉल का हिस्सा हो सकता है।
  • अफगानिस्तान में अधिकारियों की मूवमेंट को गोपनीय रखने के लिए यह कदम उठाया गया हो सकता है।

📅 इंटरनेट सेवा कब बहाल होगी?

तालिबान ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि इंटरनेट सेवाएं कब तक बहाल होंगी। यह पूरी तरह से इस बात पर निर्भर करता है कि फाइबर ऑप्टिक केबल को बदलने का कार्य कितनी तेजी से पूरा होता है।

📌 मुख्य बिंदु (Summary Bullet Points)

  • अफगानिस्तान में 29 सितंबर से इंटरनेट सेवाएं बाधित हैं।
  • नेटब्लॉक्स ने इसे “पूर्ण ब्लैकआउट” बताया।
  • तालिबान ने इंटरनेट बैन की खबरों को खारिज किया।
  • सरकार ने बताया कि फाइबर ऑप्टिक केबल खराब हो गए हैं।
  • रिप्लेसमेंट कार्य जारी है, बहाली की समयसीमा स्पष्ट नहीं।
  • बैंकिंग, एयरलाइन, हेल्थ और शिक्षा सेवाएं प्रभावित।
  • महिलाओं की ऑनलाइन शिक्षा पर बड़ा असर।

❓FAQs

❓ क्या अफगानिस्तान में इंटरनेट पूरी तरह बंद है?

नहीं, तालिबान सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह तकनीकी कारणों से अस्थायी बाधा है।

❓ इंटरनेट सेवाएं कब तक बहाल होंगी?

फिलहाल कोई निश्चित समय नहीं बताया गया है। यह रिप्लेसमेंट कार्य की गति पर निर्भर करता है।

❓ क्या यह इंटरनेट बैन तालिबान की नीति का हिस्सा है?

सरकार ने इस बात से इनकार किया है। हालांकि कुछ रिपोर्ट्स में नैतिकता नियंत्रण का दावा किया गया है।

❓ क्या इससे महिलाओं की शिक्षा प्रभावित हुई है?

हां, ऑनलाइन शिक्षा बंद होने से महिलाओं की शिक्षा पर गंभीर असर पड़ा है।

🔚 निष्कर्ष: अफगानिस्तान में डिजिटल संकट, लेकिन बैन नहीं

तालिबान सरकार ने अफगानिस्तान में इंटरनेट बैन की खबरों को खारिज कर दिया है। हालांकि देश में संचार सेवाएं गंभीर रूप से प्रभावित हैं। सरकार का कहना है कि यह तकनीकी समस्या है, जिसे जल्द ही ठीक किया जाएगा। लेकिन जब तक सेवाएं बहाल नहीं होतीं, तब तक देश डिजिटल संकट से जूझता रहेगा।

External Source: Patrika Report

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