थायराइड: “डॉक्टर भी चौंक गए! भारत में थायराइड की बढ़ती समस्या: एक नजर
थायराइड: ” भारत में थायराइड की बीमारी अब आम होती जा रही है। हर आठ में से एक महिला इस हार्मोनल असंतुलन से जूझ रही है। पुरुषों की तुलना में महिलाओं में यह समस्या कहीं अधिक देखी जाती है, खासकर 30 की उम्र के बाद। थायराइड ग्रंथि शरीर के मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करती है, और जब यह ठीक से काम नहीं करती, तो शरीर में कई तरह की समस्याएं शुरू हो जाती हैं।
थायराइड के 7 प्रमुख लक्षण जिन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए
थायराइड के लक्षण धीरे-धीरे सामने आते हैं और अक्सर अन्य बीमारियों से मिलते-जुलते होते हैं। लेकिन अगर आप इन संकेतों को समय रहते पहचान लें, तो इलाज आसान हो जाता है:
- वजन में अचानक बदलाव – बिना किसी कारण के वजन बढ़ना या घटना
- थकान और कमजोरी – दिनभर थकान महसूस होना
- गर्दन में सूजन – एडम्स एप्पल के नीचे सूजन या गांठ
- मूड स्विंग्स और डिप्रेशन – भावनात्मक अस्थिरता
- बालों का झड़ना और त्वचा का रूखापन
- अनियमित मासिक धर्म – महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन
- नींद में परेशानी और घबराहट
🧠 थायराइड के दो प्रकार: हाइपो और हाइपरथायरायडिज्म
थायराइड की समस्या मुख्यतः दो प्रकार की होती है:
- हाइपोथायरायडिज्म – जब थायराइड हार्मोन की मात्रा कम हो जाती है। इसके कारण शरीर सुस्त हो जाता है, वजन बढ़ता है और थकान बनी रहती है।
- हाइपरथायरायडिज्म – जब हार्मोन की मात्रा अधिक हो जाती है। इससे दिल की धड़कन तेज होती है, वजन घटता है और व्यक्ति बेचैन रहता है।
🛡️ थायराइड से बचाव के 5 आसान घरेलू उपाय
थायराइड को नियंत्रित करने के लिए दवाओं के साथ-साथ कुछ घरेलू उपाय भी बेहद असरदार साबित हो सकते हैं:
1. बुगलेवीड (Bugleweed)
यह जड़ी-बूटी थायराइड हार्मोन के उत्पादन को नियंत्रित करती है। खासकर हाइपरथायरायडिज्म में यह लाभकारी है।
2. लेमन बाम (Lemon Balm)
तनाव को कम करने वाली यह जड़ी-बूटी थायराइड ग्रंथि को शांत करती है।
3. ओमेगा-3 फैटी एसिड
मछली, अखरोट और अलसी के बीज में पाए जाने वाले ओमेगा-3 फैटी एसिड सूजन को कम करते हैं और हार्मोनल संतुलन बनाए रखते हैं।
4. आंवला और एलोवेरा रस
सुबह खाली पेट आंवला और एलोवेरा रस पीने से थायराइड पर सकारात्मक असर पड़ता है।
5. ग्रीन टी और नारियल पानी
ये दोनों शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करते हैं और थायराइड को संतुलित रखते हैं।
🍽️ थायराइड रोगियों के लिए डाइट चार्ट: क्या खाएं और क्या न खाएं
✅ क्या खाएं:
- अनाज: पुराना शाली चावल, सत्तू
- दालें: मूंग, मसूर, अरहर
- फल-सब्जियां: लौकी, करेला, प्याज, केला, अनार, नारंगी
- अन्य: गाय का दूध, दही, नारियल पानी, ग्रीन टी, सूरजमुखी के बीज
❌ क्या न खाएं:
- अनाज: नया चावल, मैदा
- दालें: उड़द, राजमा, छोले
- सब्जियां: बैंगन, पत्तागोभी, फूलगोभी
- अन्य: मछली, पनीर, तैलीय भोजन, कोल्ड ड्रिंक्स, फास्ट फूड
👉 थायराइड डाइट चार्ट विस्तार से देखें
🧘 जीवनशैली में बदलाव: थायराइड नियंत्रण का मूल मंत्र
- नियमित योग और प्राणायाम करें – विशेष रूप से सर्वांगासन और भुजंगासन
- तनाव से दूर रहें – मेडिटेशन और गहरी सांस लेने की तकनीक अपनाएं
- नींद पूरी लें – कम से कम 7–8 घंटे की नींद जरूरी है
- स्क्रीन टाइम कम करें – मोबाइल और लैपटॉप का सीमित उपयोग करें
- नियमित जांच कराएं – हर 6 महीने में थायराइड टेस्ट कराना फायदेमंद है
🧪 थायराइड का मेडिकल इलाज: कब डॉक्टर से मिलें?
अगर घरेलू उपायों और डाइट के बावजूद लक्षण बने रहते हैं, तो डॉक्टर से मिलना जरूरी है। एंडोक्राइनोलॉजिस्ट थायराइड की जांच कर सही दवा और इलाज बताते हैं। इलाज में शामिल हो सकते हैं:
- थायराइड हार्मोन की दवाएं
- रेडियोएक्टिव आयोडीन थेरेपी
- सर्जरी (थायराइडेक्टोमी)
📌 निष्कर्ष: थायराइड को नजरअंदाज न करें
थायराइड एक गंभीर लेकिन नियंत्रित की जा सकने वाली बीमारी है। सही जानकारी, समय पर पहचान और संतुलित जीवनशैली से आप इसे पूरी तरह से काबू में रख सकते हैं। घरेलू उपाय, सही खानपान और नियमित जांच से आप स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।
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