दिल्ली के संस्थान में यौन शोषण का आरोप: स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती पर 17 छात्राओं ने लगाए गंभीर आरोप

दिल्ली के वसंत कुंज स्थित एक निजी इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट संस्थान में कार्यरत स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती पर यौन शोषण के गंभीर आरोप लगे हैं। संस्थान की 17 छात्राओं ने उनके खिलाफ आपत्तिजनक व्यवहार, अश्लील संदेश और जबरन शारीरिक संपर्क की शिकायत दर्ज कराई है। आरोपी फिलहाल फरार है और पुलिस उसकी तलाश में जुटी है।

🧑‍⚖️ कौन हैं स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती?

स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती, जिन्हें पार्थ सारथी के नाम से भी जाना जाता है, मूल रूप से ओडिशा के निवासी हैं। वे पिछले 12 वर्षों से दिल्ली के वसंत कुंज स्थित एक आश्रम और उससे जुड़े संस्थान में निदेशक के पद पर कार्यरत थे।

  • उन्होंने एक आध्यात्मिक गुरु के रूप में पहचान बनाई थी।
  • संस्थान में PGDM कोर्स कराने वाले छात्रों के प्रशासनिक प्रमुख थे।
  • पहले भी उनके खिलाफ 2009 और 2016 में छेड़छाड़ और धोखाधड़ी के मामले दर्ज हो चुके हैं।

🚨 आरोपों की शुरुआत कैसे हुई?

🔍 पहली शिकायत और जांच प्रक्रिया

4 अगस्त 2025 को श्री श्रृंगेरी मठ के प्रशासक पीए मुरली ने दिल्ली पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई थी। इसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की और कई छात्राओं से बयान लिए।

  • कुल 32 छात्राओं से पूछताछ की गई।
  • इनमें से 17 ने यौन उत्पीड़न, अश्लील संदेश और जबरन शारीरिक संपर्क की पुष्टि की।
  • पुलिस ने SRISIIM संस्थान से CCTV फुटेज, हार्ड डिस्क और NVR जब्त किए, जिन्हें FSL भेजा गया है।

🏛️ आश्रम प्रबंधन ने तोड़े सभी संबंध

श्री श्री जगद्गुरु शंकराचार्य महासंस्थानम दक्षिणाम्नाय श्री शारदा पीठम, श्रृंगेरी ने एक आधिकारिक बयान जारी कर कहा:

“स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती, पूर्व में डॉ. पार्थसारथी, अवैध और अनुचित गतिविधियों में लिप्त पाए गए हैं। पीठ ने उनसे सभी संबंध समाप्त कर दिए हैं और संबंधित अधिकारियों को शिकायतें भेज दी गई हैं।”

🎯 EWS स्कॉलरशिप वाली छात्राएं बनीं निशाना

पुलिस जांच में यह सामने आया कि आरोपी ने संस्थान में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) की छात्राओं को निशाना बनाया। ये छात्राएं PGDM कोर्स में स्कॉलरशिप पर दाखिल हुई थीं।

📌 आरोपों की प्रकृति:

  • व्हाट्सएप और SMS पर अश्लील संदेश भेजना
  • जबरन शारीरिक संपर्क करना
  • अभद्र भाषा का प्रयोग
  • महिला स्टाफ द्वारा दबाव बनाना कि छात्राएं आरोपी की मांगें मानें

🚗 फर्जी UN नंबर प्लेट वाली कार भी जब्त

जांच के दौरान पुलिस ने आरोपी की एक लाल रंग की Volvo कार जब्त की, जिस पर फर्जी यूनाइटेड नेशंस नंबर प्लेट (39 UN 1) लगी थी। जांच में पाया गया कि यह नंबर किसी आधिकारिक संस्था द्वारा जारी नहीं किया गया था।

👮‍♀️ पुलिस कार्रवाई और कानूनी धाराएं

दिल्ली पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराओं 75(2), 79 और 351(2) के तहत मामला दर्ज किया है। आरोपी की तलाश में दिल्ली और आसपास के इलाकों में छापेमारी की जा रही है।

  • आरोपी की आखिरी लोकेशन आगरा के पास बताई जा रही है।
  • अब तक 16 पीड़ित छात्राओं के बयान पटियाला हाउस कोर्ट में मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज किए जा चुके हैं।

📚 संस्थान की भूमिका पर भी सवाल

छात्राओं ने यह भी आरोप लगाया कि संस्थान की महिला फैकल्टी और प्रशासनिक स्टाफ ने उन्हें आरोपी की मांगें मानने के लिए मजबूर किया। इससे संस्थान की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं।

🧾 संस्थान की प्रतिक्रिया:

  • आरोपी को निदेशक पद से हटाया गया।
  • जांच में सहयोग की बात कही गई।
  • संस्थान अब गवर्निंग काउंसिल के अधीन काम कर रहा है。

📌 अब तक सामने आईं प्रमुख बातें

  1. आरोपी स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती उर्फ पार्थ सारथी पर 17 छात्राओं ने यौन शोषण के आरोप लगाए।
  2. पहले भी 2009 और 2016 में उनके खिलाफ केस दर्ज हो चुके हैं।
  3. पुलिस ने डिजिटल सबूत जब्त कर FSL भेजे हैं।
  4. आश्रम ने आरोपी से सभी संबंध समाप्त कर दिए हैं।
  5. आरोपी की तलाश जारी है, आखिरी लोकेशन आगरा के पास मिली।

❓ FAQs

Q1: स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती कौन हैं?

A: वे एक स्वयंभू आध्यात्मिक गुरु हैं जो दिल्ली के एक निजी संस्थान में निदेशक पद पर कार्यरत थे।

Q2: उनके खिलाफ कितनी छात्राओं ने आरोप लगाए हैं?

A: कुल 17 छात्राओं ने यौन शोषण के आरोप लगाए हैं।

Q3: क्या पहले भी उनके खिलाफ कोई मामला दर्ज हुआ था?

A: हां, 2009 और 2016 में छेड़छाड़ और धोखाधड़ी के मामले दर्ज हुए थे।

Q4: पुलिस ने क्या कार्रवाई की है?

A: पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है, डिजिटल सबूत जब्त किए हैं और आरोपी की तलाश जारी है।

Q5: संस्थान और आश्रम ने क्या कदम उठाए हैं?

A: आरोपी को पद से हटाया गया है और आश्रम ने सभी संबंध समाप्त कर दिए हैं।

🧾 निष्कर्ष

स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती पर लगे यौन शोषण के आरोपों ने शिक्षा और आध्यात्मिक संस्थानों की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस जांच जारी है और पीड़ित छात्राओं को न्याय दिलाने की प्रक्रिया तेज़ की जा रही है। यह मामला दर्शाता है कि संस्थानों में पारदर्शिता और जवाबदेही कितनी आवश्यक है

External Sources: https://www.patrika.com/

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