🧨 धमकी का मामला: दिल्ली यूनिवर्सिटी के पूर्व अध्यक्ष को मिली गैंगस्टर से जानलेवा चेतावनी
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ (DUSU) के पूर्व अध्यक्ष रौनक खत्री को एक विदेशी नंबर से व्हाट्सएप पर जान से मारने की धमकी मिली है। धमकी देने वाले ने खुद को कुख्यात गैंगस्टर रोहित गोदारा के गिरोह से जुड़ा बताया और ₹5 करोड़ की फिरौती की मांग की।
📱 धमकी का तरीका: व्हाट्सएप पर मैसेज और कॉल से बढ़ा तनाव
रौनक खत्री ने पुलिस को दी गई शिकायत में बताया कि उन्हें लगातार व्हाट्सएप पर धमकी भरे मैसेज और कॉल्स मिल रहे हैं। धमकी देने वाले ने स्पष्ट शब्दों में कहा:
- “₹5 करोड़ दे दे, नहीं तो मरने के लिए तैयार हो जा।”
- “फोन नहीं उठा रहा तो गोली खाने के लिए तैयार रह।”
ये संदेश एक विदेशी नंबर से भेजे गए हैं, जिससे मामले की गंभीरता और अंतरराष्ट्रीय एंगल की आशंका बढ़ गई है।
🕵️♂️ पुलिस जांच: साइबर विंग और क्राइम ब्रांच जुटी तफ्तीश में
दिल्ली पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए साइबर विंग और क्राइम ब्रांच को जांच सौंप दी है। प्राथमिक जांच में निम्न बिंदुओं पर ध्यान दिया जा रहा है:
- क्या धमकी वास्तव में रोहित गोदारा गैंग की ओर से आई है?
- कहीं किसी अन्य व्यक्ति ने गोदारा के नाम का इस्तेमाल कर डर फैलाने की कोशिश तो नहीं की?
- विदेशी नंबर की ट्रेसिंग और IP-VOIP सेवा की पहचान।
- व्हाट्सएप चैट और कॉल डिटेल्स का फोरेंसिक विश्लेषण।
🎓 रौनक खत्री का परिचय: छात्र राजनीति में प्रभावशाली चेहरा
रौनक खत्री दिल्ली विश्वविद्यालय में कानून की पढ़ाई कर रहे हैं। उन्होंने 2024 में NSUI के टिकट पर DUSU अध्यक्ष पद का चुनाव जीता था। चुनावी आंकड़े:
- कुल प्राप्त वोट: 20,207
- जीत का अंतर: 1,343 वोट
- छात्र आंदोलनों में सक्रिय भागीदारी
उनकी लोकप्रियता और छात्र हितों के लिए आवाज उठाने की वजह से वे यूनिवर्सिटी में एक प्रभावशाली नेता माने जाते हैं।
🌐 रोहित गोदारा गैंग: अपराध की दुनिया में कुख्यात नाम
रोहित गोदारा का नाम उत्तर भारत के संगठित अपराध में जाना-पहचाना है। वह लॉरेंस बिश्नोई गिरोह से जुड़ा रहा है और कई मामलों में वांछित है। गोदारा पर पहले भी:
- फिरौती मांगने
- हत्या की साजिश
- अवैध हथियार रखने
जैसे गंभीर आरोप लग चुके हैं। इस गिरोह की गतिविधियाँ अक्सर सोशल मीडिया और इंटरनेट आधारित प्लेटफॉर्म्स पर देखी जाती हैं, जिससे साइबर अपराधों में इनकी भागीदारी की आशंका रहती है।
📊 धमकी के पीछे की संभावनाएं: विश्लेषण और अनुमान
विशेषज्ञों के अनुसार, इस तरह की धमकियाँ निम्न कारणों से दी जाती हैं:
- राजनीतिक दबाव बनाना
- आर्थिक लाभ के लिए डर फैलाना
- सोशल मीडिया पर छवि खराब करना
- गैंग का नाम लेकर फर्जी उगाही
दिल्ली पुलिस इस एंगल से भी जांच कर रही है कि कहीं यह मामला फर्जी धमकी का तो नहीं, जिसमें किसी ने गोदारा का नाम इस्तेमाल कर रौनक को डराने की कोशिश की हो।
📌 अब तक की कार्रवाई: पुलिस और प्रशासन की स्थिति
- रौनक खत्री ने औपचारिक शिकायत दर्ज कराई है।
- पुलिस ने धमकी देने वाले नंबर की ट्रेसिंग शुरू कर दी है।
- साइबर विंग ने व्हाट्सएप चैट का फोरेंसिक विश्लेषण शुरू किया है।
- क्राइम ब्रांच ने गिरोह से जुड़े पुराने मामलों की फाइलें खंगालनी शुरू की हैं।
📢 छात्र संगठनों की प्रतिक्रिया: एकजुटता और सुरक्षा की मांग
DUSU और NSUI समेत कई छात्र संगठनों ने इस घटना की निंदा की है। उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन और दिल्ली पुलिस से मांग की है:
- रौनक खत्री को सुरक्षा प्रदान की जाए।
- धमकी देने वाले की जल्द पहचान और गिरफ्तारी हो।
- विश्वविद्यालय परिसर में सुरक्षा बढ़ाई जाए।
📚 पृष्ठभूमि: दिल्ली यूनिवर्सिटी में छात्र राजनीति का इतिहास
दिल्ली विश्वविद्यालय की छात्र राजनीति हमेशा से देशभर में चर्चित रही है। यहां से कई राष्ट्रीय नेता उभरे हैं। DUSU चुनावों में:
- लाखों छात्र वोट डालते हैं।
- राजनीतिक दलों की सीधी भागीदारी होती है।
- सुरक्षा और अनुशासन की बड़ी चुनौती रहती है।
इस घटना ने एक बार फिर छात्र नेताओं की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं।
❓ FAQs
❓ रौनक खत्री को धमकी किसने दी?
रौनक को एक विदेशी नंबर से व्हाट्सएप पर धमकी मिली, जिसमें रोहित गोदारा गैंग का नाम लिया गया।
❓ धमकी में क्या मांग की गई?
धमकी देने वाले ने ₹5 करोड़ की फिरौती मांगी और न देने पर जान से मारने की चेतावनी दी।
❓ पुलिस ने क्या कार्रवाई की है?
दिल्ली पुलिस ने साइबर विंग और क्राइम ब्रांच को जांच सौंपी है। नंबर की ट्रेसिंग और चैट का फोरेंसिक विश्लेषण जारी है।
❓ क्या रौनक खत्री को सुरक्षा दी गई है?
फिलहाल पुलिस ने सुरक्षा को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन जांच जारी है।
🔚 निष्कर्ष: धमकी की गंभीरता और सुरक्षा की जरूरत
रौनक खत्री को मिली धमकी ने दिल्ली विश्वविद्यालय की छात्र राजनीति में हलचल मचा दी है। यह मामला न केवल एक छात्र नेता की सुरक्षा से जुड़ा है, बल्कि साइबर अपराध और गैंगस्टर नेटवर्क की गहराई को भी उजागर करता है। पुलिस की जांच से जल्द ही यह स्पष्ट होगा कि धमकी देने वाला वास्तव में गैंग से जुड़ा है या किसी ने नाम का दुरुपयोग किया है।
External Source: Patrika Report
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