दिवाली 2025: मां लक्ष्मी की उपस्थिति के 7 शुभ संकेत जो लाते हैं सौभाग्य
दिवाली 2025 का पर्व न केवल रोशनी और उत्सव का प्रतीक है, बल्कि यह आध्यात्मिक संकेतों के माध्यम से मां लक्ष्मी की कृपा का अनुभव करने का अवसर भी है। शास्त्रों के अनुसार, दिवाली की रात कुछ विशेष संकेत सौभाग्य और समृद्धि के आगमन का संदेश देते हैं।
🪔 दिवाली का आध्यात्मिक महत्व और परंपरा
दिवाली, जिसे दीपावली भी कहा जाता है, भारत का सबसे प्रमुख त्योहार है। यह पांच दिवसीय उत्सव अंधकार पर प्रकाश की विजय, बुराई पर अच्छाई की जीत और अज्ञानता पर ज्ञान की जीत का प्रतीक है।
📅 दिवाली 2025 की तिथियां और पूजा मुहूर्त
- धनतेरस: 18 अक्टूबर 2025
- नरक चतुर्दशी: 19 अक्टूबर 2025
- मुख्य दिवाली (लक्ष्मी पूजा): 20 अक्टूबर 2025
- गोवर्धन पूजा: 22 अक्टूबर 2025
- भाई दूज: 23 अक्टूबर 20252
लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त: 20 अक्टूबर को प्रदोष काल में शाम 07:08 PM से 08:18 PM तक।
🌟 दिव्य संकेत जो दर्शाते हैं मां लक्ष्मी की उपस्थिति
शास्त्रों और परंपराओं में दिवाली की रात कुछ विशेष घटनाओं को मां लक्ष्मी की कृपा का संकेत माना गया है। यदि ये संकेत आपके आसपास दिखाई दें, तो यह अत्यंत शुभ माना जाता है।
🦉 1. उल्लू का दिखना: लक्ष्मी का वाहन
- उल्लू को देवी लक्ष्मी का वाहन माना गया है।
- दिवाली की रात उल्लू का दिखना आर्थिक समृद्धि का संकेत है।
- यह दर्शाता है कि धन संबंधी समस्याएं समाप्त होने वाली हैं।
🌸 2. कमल का फूल मिलना या देखना
- मां लक्ष्मी सदैव कमल पर विराजमान रहती हैं।
- कमल का फूल मिलना धन-धान्य में वृद्धि का संकेत है।
- इस दिन कमल अर्पित करना अत्यंत फलदायी माना जाता है।
🐦 3. कौआ का आगमन: पितृ कृपा का संकेत
- कौआ को पितरों का प्रतीक माना गया है।
- दिवाली पर कौआ का दिखना पितृ संतुष्टि और घर में सुख-शांति का संकेत है।
🐄 4. गाय का दर्शन: सौभाग्य का प्रवेश
- गौमाता को लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है।
- दिवाली पर गाय का दिखना या कुछ खाना अत्यंत शुभ होता है।
🦎 5. छिपकली का दिखना: स्थिरता और ऊर्जा का संकेत
- सामान्य दिनों में अनदेखी की जाने वाली छिपकली दिवाली पर शुभ मानी जाती है।
- यह घर में सकारात्मक ऊर्जा के प्रवेश का संकेत देती है।
🐜 6. चींटियों का आना: अन्नपूर्णा और लक्ष्मी का प्रवेश
- काली या लाल चींटियों का दिखना मां अन्नपूर्णा और लक्ष्मी के आगमन का संकेत है।
- यह दर्शाता है कि घर में धन-धान्य की कोई कमी नहीं रहेगी।
🕯️ 7. दीपक की लौ का बिना हवा के टिमटिमाना
- बिना हवा के दीपक की लौ का टिमटिमाना दिव्य शक्तियों के प्रवेश का संकेत है।
- यह लक्ष्मी आगमन का सबसे सूक्ष्म पर प्रभावशाली संकेत माना जाता है।
📖 दिवाली पर इन संकेतों का सांस्कृतिक और धार्मिक विश्लेषण
- धार्मिक ग्रंथों में उल्लू और कमल को लक्ष्मी से जोड़ा गया है।
- पितृ कृपा को कौए से और गौमाता को समृद्धि से जोड़ा गया है।
- दीपक की लौ और चींटियों के आगमन को ऊर्जा और धन के संकेत माना गया है।
📌 दिवाली पर ध्यान रखने योग्य बातें
- घर की साफ-सफाई और सजावट अवश्य करें।
- लक्ष्मी पूजा में कमल, चावल, रोली, और मिठाई का प्रयोग करें।
- दीपक जलाते समय तुलसी और पीपल के पास भी दीपक रखें।
- सफेद या पीले वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है।
❓FAQs
Q1. दिवाली पर उल्लू दिखना क्यों शुभ माना जाता है?
उल्लू को मां लक्ष्मी का वाहन माना गया है, इसलिए इसका दिखना समृद्धि का संकेत है।
Q2. दीपक की लौ का टिमटिमाना क्या दर्शाता है?
यह दिव्य शक्तियों के प्रवेश और लक्ष्मी की उपस्थिति का संकेत माना जाता है।
Q3. दिवाली पर गाय का दर्शन क्यों महत्वपूर्ण है?
गाय को लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है, इसलिए इसका दिखना सौभाग्य का प्रतीक है।
Q4. चींटियों का आना शुभ क्यों है?
यह संकेत देता है कि घर में अन्न और धन की कोई कमी नहीं रहेगी।
🔚 निष्कर्ष
दिवाली 2025 का पर्व केवल उत्सव नहीं, बल्कि आध्यात्मिक संकेतों से भरा एक विशेष अवसर है। यदि इन सात दिव्य संकेतों में से कोई भी आपके जीवन में प्रकट होता है, तो यह मां लक्ष्मी की कृपा और सौभाग्य के आगमन का संकेत हो सकता है। इन संकेतों को समझना और सम्मान देना दिवाली की सच्ची भावना को दर्शाता है।
External Source: Patrika Report
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