📖 नवरात्रि 2025: जानें क्या करें और क्या न करें
नवरात्रि का पर्व भारत के प्रमुख धार्मिक उत्सवों में से एक है। इसे शक्ति की उपासना का समय माना जाता है, जब भक्त माँ दुर्गा और उनके नौ रूपों की पूजा करते हैं। इस दौरान उपवास, पूजा-पाठ, नियम और परंपराओं का विशेष महत्व होता है। ऐसे में कई बार लोग उलझन में रहते हैं कि नवरात्रि में किन बातों का पालन करना चाहिए और किनसे बचना चाहिए। इस लेख में हम नवरात्रि के दौरान Do’s & Don’ts यानी क्या करें और क्या न करें का विस्तृत विवरण प्रस्तुत कर रहे हैं।
🙏 नवरात्रि का महत्व
नवरात्रि साल में दो बार मनाई जाती है – चैत्र नवरात्रि (मार्च-अप्रैल) और शारदीय नवरात्रि (सितंबर-अक्टूबर)। धार्मिक मान्यता है कि इन नौ दिनों में माँ दुर्गा अपने भक्तों पर कृपा बरसाती हैं।
- शक्ति की उपासना से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
- व्रत और संयम से शरीर शुद्ध होता है।
- घर-परिवार में सकारात्मक माहौल बनता है।
- यह समय आत्म-नियंत्रण और साधना का भी होता है।
✅ नवरात्रि में क्या करें (Do’s)
नवरात्रि के दौरान कुछ विशेष नियमों का पालन करने से पूजा फलदायी मानी जाती है।
🪔 1. कलश स्थापना और माँ दुर्गा की पूजा करें
- नवरात्रि की शुरुआत कलश स्थापना और घटस्थापना से होती है।
- पूजा स्थल को स्वच्छ और पवित्र रखें।
- सुबह स्नान करके देवी को लाल फूल, चुनरी और श्रृंगार की वस्तुएं अर्पित करें।
🥗 2. सात्त्विक भोजन करें
- केवल फलाहार और सात्त्विक भोजन का सेवन करें।
- सेंधा नमक, दूध, फल, सूखे मेवे, साबूदाना, कुट्टू और सिंघाड़े के आटे का प्रयोग करें।
📖 3. दुर्गा सप्तशती का पाठ करें
- नौ दिनों तक दुर्गा सप्तशती या देवी भागवत का पाठ करने से घर में सुख-समृद्धि आती है।
- मंत्र जप और भजन-कीर्तन का आयोजन भी करें।
🧹 4. घर की स्वच्छता बनाए रखें
- पूजा स्थल ही नहीं, बल्कि पूरे घर को साफ-सुथरा रखें।
- दीपक और धूप से वातावरण शुद्ध करें।
🤝 5. दान-पुण्य करें
- जरूरतमंदों को भोजन, कपड़े और अन्नदान करें।
- कन्याओं और ब्राह्मणों को भोजन कराना शुभ माना जाता है।
❌ नवरात्रि में क्या न करें (Don’ts)
नवरात्रि में कुछ कार्य वर्जित माने जाते हैं, जिनसे बचना चाहिए।
🍖 1. मांसाहार और नशीली चीजें न खाएं
- नवरात्रि में मांस, मछली, अंडा और शराब का सेवन वर्जित है।
- तंबाकू और अन्य नशीले पदार्थों से भी दूर रहें।
👗 2. काले और अपवित्र वस्त्र न पहनें
- पूजा के समय लाल, पीले और सफेद वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है।
- काले रंग और फटे-पुराने कपड़ों से बचें।
😠 3. झगड़ा और नकारात्मक बातें न करें
- इस पवित्र समय में गाली-गलौज, क्रोध और विवाद से बचें।
- घर का माहौल शांतिपूर्ण बनाए रखें।
🛌 4. आलस्य और देर तक सोना न करें
- सुबह जल्दी उठकर स्नान और पूजा करें।
- देर तक सोना अशुभ माना जाता है।
🔪 5. नाखून काटना या बाल कटाना
- नवरात्रि के नौ दिनों में नाखून और बाल काटने से बचना चाहिए।
- यह परंपरा शुद्धता और संयम का प्रतीक मानी जाती है।
🌸 नवरात्रि व्रत के नियम
नवरात्रि व्रत का पालन करने वाले भक्तों को कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए:
- सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें।
- पूजा के समय माँ दुर्गा के मंत्रों का उच्चारण करें।
- व्रत खोलते समय पहले माँ को भोग अर्पित करें।
- पूरे नौ दिन नियमपूर्वक व्रत रखें, बीच में तोड़ना अशुभ माना जाता है।
📌 नवरात्रि के नौ दिनों का महत्व
नवरात्रि में हर दिन देवी के एक रूप की पूजा की जाती है।
- पहला दिन – माँ शैलपुत्री
- दूसरा दिन – माँ ब्रह्मचारिणी
- तीसरा दिन – माँ चंद्रघंटा
- चौथा दिन – माँ कूष्मांडा
- पाँचवाँ दिन – माँ स्कंदमाता
- छठा दिन – माँ कात्यायनी
- सातवाँ दिन – माँ कालरात्रि
- आठवाँ दिन – माँ महागौरी
- नवाँ दिन – माँ सिद्धिदात्री
हर दिन की पूजा के साथ अलग-अलग रंग और नियमों का पालन किया जाता है।
🌍 सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व
- नवरात्रि केवल धार्मिक पर्व ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक उत्सव भी है।
- गुजरात में गरबा और डांडिया नृत्य, बंगाल में दुर्गा पूजा और उत्तर भारत में जगराते का आयोजन होता है।
- विदेशों में बसे भारतीय समुदाय भी इस पर्व को बड़े उत्साह से मनाते हैं।
🤔 अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
Q1. नवरात्रि में कौन सा रंग पहनना शुभ है?
👉 लाल, पीला और सफेद रंग विशेष रूप से शुभ माने जाते हैं।
Q2. क्या नवरात्रि में प्याज और लहसुन खा सकते हैं?
👉 नहीं, व्रत में प्याज और लहसुन का सेवन वर्जित है।
Q3. नवरात्रि में बाल कटाना क्यों मना है?
👉 यह शुद्धता और संयम की परंपरा से जुड़ा हुआ है।
Q4. क्या नवरात्रि में रोज़ व्रत करना जरूरी है?
👉 नहीं, भक्त अपनी श्रद्धा और क्षमता के अनुसार व्रत रख सकते हैं।
Q5. नवरात्रि में उपवास तोड़ने का सही तरीका क्या है?
👉 पहले माँ को भोग लगाकर उसके बाद फलाहार या सात्त्विक भोजन करें।
🏁 निष्कर्ष
नवरात्रि 2025 शक्ति उपासना का पावन समय है। इस दौरान भक्तों को नियम और संयम का पालन करना चाहिए। क्या करें और क्या न करें का ध्यान रखने से पूजा का फल कई गुना बढ़ जाता है और माँ दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है।
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