दिल्ली से सटे हरियाणा के फरीदाबाद जिले के बल्लभगढ़ उपमंडल के गांव नेकपुर में गुरुवार देर रात एक दिल को झकझोर देने वाली घटना सामने आई। पारिवारिक विवाद और पुलिस कार्रवाई से परेशान एक पिता ने अपने तीन बच्चों के साथ फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इस हृदयविदारक घटना में पिता और उसकी 12 वर्षीय बेटी की मौत हो गई, जबकि दो अन्य बच्चे अस्पताल में गंभीर हालत में भर्ती हैं।
🏠 पारिवारिक कलह बना आत्महत्या की वजह
पुलिस जांच में सामने आया है कि मृतक कर्मवीर (30) और उसकी पत्नी के बीच लंबे समय से अनबन चल रही थी। घर में आए दिन झगड़े होते थे, जिससे माहौल तनावपूर्ण बना रहता था।
- पत्नी छह दिन पहले मायके से लौटी थी
- लौटने के बाद भी विवाद जारी रहा
- पत्नी ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई
- पुलिस ने घर जाकर पूछताछ की
- पुलिस कार्रवाई से कर्मवीर मानसिक रूप से टूट गया
परिजनों का आरोप है कि पुलिस की सख्ती और संभावित कानूनी कार्रवाई से कर्मवीर भयभीत हो गया था। इसी मानसिक दबाव में उसने यह खौफनाक कदम उठाया।
🚨 घटना की रात: दरवाजा तोड़ने तक हो चुकी थी मौत
गुरुवार रात जब कर्मवीर की पत्नी रोते हुए पुलिस के पास पहुंची, तब तक घर में भयावह घटना घट चुकी थी।
- कर्मवीर ने अपनी दो बेटियों और एक बेटे के साथ फांसी लगाई
- 12 साल की बेटी और कर्मवीर की मौके पर ही मौत हो गई
- अन्य दो बच्चों को सर्वोदय अस्पताल में भर्ती कराया गया
- ग्रामीणों ने दरवाजा तोड़कर बचाने की कोशिश की थी
😢 गांव में शोक और आक्रोश का माहौल
नेकपुर गांव में इस घटना के बाद मातम पसरा हुआ है। ग्रामीणों ने बताया कि कर्मवीर एक मेहनती और शांत स्वभाव का व्यक्ति था।
- ग्रामीणों ने प्रशासन पर सवाल उठाए
- क्या समय रहते विवाद सुलझाया जा सकता था?
- दो मासूम बच्चों की जिंदगी के लिए दुआएं की जा रही हैं
पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की गहन जांच जारी है।
📈 आत्महत्या की बढ़ती घटनाएं: एक चिंताजनक प्रवृत्ति
पिछले एक महीने में हरियाणा और आसपास के क्षेत्रों में पारिवारिक तनाव के चलते आत्महत्या की घटनाओं में वृद्धि देखी गई है।
हाल की घटनाएं:
- गुरुग्राम – युवक ने पत्नी से झगड़े के बाद फांसी लगाई
- रोहतक – किसान ने पत्नी और दो बच्चों के साथ जहर खाकर जान दी
- फरीदाबाद सेक्टर-8 – पिता ने दो मासूम बेटियों के साथ आत्महत्या की
🧠 मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने की जरूरत
विशेषज्ञों का मानना है कि पारिवारिक तनाव और सामाजिक दबाव के चलते मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ता है।
- अवसाद और चिंता के लक्षणों को नजरअंदाज न करें
- समय पर काउंसलिंग और चिकित्सा सहायता लें
- परिवार और समाज को सहयोगी भूमिका निभानी चाहिए
📋 पुलिस जांच और प्रशासनिक प्रतिक्रिया
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मामले की गहन जांच की जा रही है।
- परिजनों और पड़ोसियों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं
- सुसाइड नोट नहीं मिला है
- फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल की जांच की
प्रशासन ने भी घटना को गंभीरता से लिया है और मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता अभियान चलाने की बात कही है।
❓ FAQs
Q1. फरीदाबाद आत्महत्या मामले में कितने लोगों की मौत हुई?
A1. पिता और उसकी 12 वर्षीय बेटी की मौत हो गई, जबकि दो बच्चे अस्पताल में भर्ती हैं।
Q2. आत्महत्या की वजह क्या रही?
A2. पारिवारिक विवाद और पुलिस कार्रवाई से उत्पन्न मानसिक दबाव।
Q3. क्या पुलिस को सुसाइड नोट मिला?
A3. नहीं, पुलिस को घटनास्थल से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला।
Q4. क्या ऐसे मामलों में मानसिक स्वास्थ्य सहायता मिलती है?
A4. सरकार और निजी संस्थाएं मानसिक स्वास्थ्य सहायता उपलब्ध कराती हैं, लेकिन जागरूकता की कमी है।
🔚 निष्कर्ष: एक परिवार, एक त्रासदी, एक चेतावनी
फरीदाबाद के नेकपुर गांव की यह घटना सिर्फ एक परिवार की त्रासदी नहीं, बल्कि समाज के लिए एक चेतावनी है। पारिवारिक विवाद, मानसिक तनाव और सामाजिक दबाव मिलकर ऐसी घटनाओं को जन्म देते हैं। समय रहते संवाद, सहयोग और चिकित्सा सहायता से ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता है।
External Source: Patrika Report
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