🔥 पाकिस्तान के टुकड़े होंगे: अमरुल्लाह सालेह की चेतावनी से बढ़ी हलचल
पूर्व अफगान उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने पाकिस्तान को लेकर एक गंभीर चेतावनी जारी की है। उन्होंने दावा किया है कि पाकिस्तान का विघटन शुरू हो चुका है, और तिराह घाटी में हुए हवाई हमले को इसकी पहली कड़ी बताया है।
📍 पृष्ठभूमि: पाकिस्तान और आतंकवाद का रिश्ता
पाकिस्तान पर लंबे समय से आतंकवादी संगठनों को संरक्षण देने के आरोप लगते रहे हैं। विशेष रूप से अफगानिस्तान में तालिबान के उदय और पाकिस्तान की भूमिका को लेकर कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सवाल उठाए गए हैं।
- पाकिस्तान पर आरोप है कि उसने:
- तालिबान को रणनीतिक समर्थन दिया
- आतंकवादी संगठनों को पनाह दी
- बलूच, पश्तून और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों को दबाया
अमरुल्लाह सालेह, जो अफगानिस्तान के प्रथम उपराष्ट्रपति रह चुके हैं, पाकिस्तान के कटु आलोचक रहे हैं। उन्होंने पहले भी पाकिस्तान को अफगानिस्तान में अस्थिरता फैलाने का दोषी ठहराया है।
💣 तिराह घाटी हमला: क्या है पूरा मामला?
22 सितंबर 2025 की रात, पाकिस्तान एयरफोर्स ने खैबर पख्तूनख्वा के तिराह घाटी स्थित मात्रे दारा गांव पर हवाई हमला किया। इस हमले में 30 नागरिकों की मौत हुई, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे।
🕵️♂️ प्रमुख तथ्य:
- हमला रात 2 बजे हुआ
- पांच से अधिक घर तबाह हुए
- मृतकों में सभी स्थानीय पश्तून नागरिक थे
- पाकिस्तान ने दावा किया कि हमला TTP के बम फैक्ट्री पर था
- स्थानीय लोगों ने इसे नागरिकों पर हमला बताया
📢 अमरुल्लाह सालेह का बयान: “यह विघटन की शुरुआत है”
सालेह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा:
“अगर यही हमला पंजाब में होता, तो क्या होता? क्या मीडिया चुप रहता? लेकिन जब पश्तून नागरिक मारे जाते हैं, तो उर्दू और अंग्रेजी मीडिया मौन हो जाती है।”
उन्होंने आगे कहा:
“पूर्व FATA क्षेत्र के लोग हमेशा से पाकिस्तान की मुख्यधारा से कटे रहे हैं। यह पाकिस्तान के विघटन की शुरुआत है।”
🧠 विश्लेषण: क्या पाकिस्तान टूटने की ओर बढ़ रहा है?
सालेह के बयान ने एक बार फिर पाकिस्तान की आंतरिक स्थिति पर सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, पाकिस्तान में क्षेत्रीय असंतोष, जातीय तनाव और सैन्य दमन की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं।
⚠️ संभावित कारण:
- बलूचिस्तान में अलगाववादी आंदोलन
- खैबर पख्तूनख्वा में पश्तूनों का असंतोष
- सिंध में राजनीतिक अस्थिरता
- पंजाब का वर्चस्व अन्य प्रांतों में असंतुलन पैदा करता है
🗣️ स्थानीय नेताओं की प्रतिक्रिया
तिराह घाटी हमले के बाद कई स्थानीय नेताओं ने पाकिस्तान सरकार की आलोचना की।
- सोहेल खान अफरीदी (प्रांतीय विधायक): “यह हमला निहत्थे नागरिकों पर किया गया है। यह मानवता के खिलाफ है।”
- बाबर सलीम स्वाती (अध्यक्ष, प्रांतीय विधानसभा): “जेट विमानों द्वारा की गई बमबारी से नागरिकों की मौत हुई है। यह देश के भविष्य के लिए खतरनाक संकेत है।”
🌍 अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और मानवाधिकार संगठन
मानवाधिकार आयोग ऑफ पाकिस्तान ने इस घटना पर गहरी चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि बच्चों और महिलाओं की मौत बेहद दुखद है और इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
📊 पाकिस्तान की आंतरिक स्थिति पर एक नजर
क्षेत्र | प्रमुख मुद्दे | असंतोष का स्तर |
---|---|---|
बलूचिस्तान | अलगाववाद, सैन्य दमन | उच्च |
खैबर पख्तूनख्वा | आतंकवाद, जातीय भेदभाव | उच्च |
सिंध | राजनीतिक अस्थिरता | मध्यम |
पंजाब | सत्ता का केंद्रीकरण | निम्न |
📚 ऐतिहासिक संदर्भ: पाकिस्तान में विघटन की आशंकाएं
पाकिस्तान के इतिहास में कई बार विघटन की आशंका जताई गई है:
- 1971 में बांग्लादेश का निर्माण
- बलूच विद्रोह (2000 के दशक)
- TTP और अन्य आतंकी संगठनों की गतिविधियां
❓ FAQs
Q1. अमरुल्लाह सालेह कौन हैं? A: वे अफगानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति हैं और पाकिस्तान के कटु आलोचक माने जाते हैं।
Q2. तिराह घाटी हमला कब हुआ? A: यह हमला 22 सितंबर 2025 की रात को हुआ था।
Q3. कितने लोग मारे गए? A: इस हमले में लगभग 30 नागरिकों की मौत हुई, जिनमें महिलाएं और बच्चे शामिल थे।
Q4. क्या पाकिस्तान सरकार ने इस पर कोई बयान दिया है? A: अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन प्रांतीय सरकार ने मुआवजा देने की घोषणा की है।
Q5. क्या यह पाकिस्तान के विघटन की शुरुआत है? A: अमरुल्लाह सालेह का मानना है कि यह विघटन की शुरुआत है, लेकिन विशेषज्ञों की राय विभाजित है।
🧾 निष्कर्ष: चेतावनी या भविष्यवाणी?
अमरुल्लाह सालेह का बयान पाकिस्तान की आंतरिक स्थिति पर एक गंभीर सवाल खड़ा करता है। तिराह घाटी में हुए हवाई हमले ने न केवल मानवाधिकारों को लेकर चिंता बढ़ाई है, बल्कि पाकिस्तान के भविष्य को लेकर भी बहस छेड़ दी है।
पाकिस्तान को चाहिए कि वह अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करे और क्षेत्रीय असंतोष को सुलझाने के लिए संवाद का रास्ता अपनाए।
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