मासिक धर्म यानी पीरियड्स महिलाओं के शरीर में होने वाली एक सामान्य जैविक प्रक्रिया है, लेकिन इसके साथ सदियों से जुड़े कई मिथक आज भी समाज में गहराई से जड़ें जमाए हुए हैं। खासकर खानपान को लेकर कई भ्रांतियां फैली हैं—जैसे खट्टा, ठंडा या मसालेदार खाना नुकसानदायक होता है। हाल ही में भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने इन मिथकों को खारिज करते हुए संतुलित आहार को सबसे जरूरी बताया है।
🧠 पीरियड्स और खानपान: क्यों होता है भ्रम? 🤔
🔍 ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि
- भारत सहित कई देशों में पीरियड्स को लेकर सामाजिक वर्जनाएं रही हैं।
- खानपान पर रोक लगाने की परंपरा धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताओं से जुड़ी रही है।
- वैज्ञानिक आधार की कमी के कारण ये मिथक पीढ़ियों तक चलते रहे।
⚠️ आमतौर पर सुनने को मिलने वाले मिथक
- खट्टा खाना पीरियड्स में दर्द बढ़ाता है।
- ठंडा खाना शरीर को कमजोर करता है।
- मसालेदार भोजन से ब्लीडिंग अधिक होती है।
- दूध या दही से संक्रमण का खतरा बढ़ता है।
इन सभी बातों को हेल्थ एक्सपर्ट्स और मंत्रालय ने सिरे से खारिज किया है।
🏥 हेल्थ मंत्रालय की पहल: जागरूकता की नई दिशा 🚨
भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने एक जागरूकता अभियान के तहत स्पष्ट किया कि पीरियड्स के दौरान किसी भी खाद्य पदार्थ को पूरी तरह से वर्जित करना वैज्ञानिक दृष्टिकोण से गलत है। मंत्रालय के अनुसार:
“कोई भी खाना अपने आप में नुकसानदायक नहीं होता, जब तक वह संतुलित मात्रा में लिया जाए।”
इस बयान ने उन सभी मिथकों को चुनौती दी है जो महिलाओं को पोषण से वंचित कर सकते हैं।
🧪 हार्मोनल बदलाव और पोषण की भूमिका 🧬
पीरियड्स के दौरान शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हार्मोन में उतार-चढ़ाव होता है। इसके कारण:
- थकावट
- मूड स्विंग्स
- पेट दर्द
- कमजोरी
इन लक्षणों को संतुलित आहार से काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है।
🥗 पीरियड्स में क्या खाना चाहिए? ✅
🌿 फायदेमंद फूड्स की सूची
- 🥬 हरी पत्तेदार सब्जियां (पालक, मेथी, सरसों)
- 🍌 फल (केला, पपीता, अनार)
- 🥜 सूखे मेवे (खजूर, किशमिश, बादाम)
- 💧 पर्याप्त पानी
- 🍲 हल्का, घर का बना खाना
इन खाद्य पदार्थों में आयरन, कैल्शियम, फाइबर और विटामिन्स भरपूर मात्रा में होते हैं जो शरीर को ऊर्जा देते हैं और मूड को बेहतर बनाते हैं।
❌ किन चीजों से बचना चाहिए? ⚠️
हालांकि कोई भी खाना पूरी तरह से वर्जित नहीं है, लेकिन कुछ चीजों को सीमित मात्रा में लेना बेहतर होता है:
- 🧂 ज्यादा नमक: ब्लोटिंग की समस्या बढ़ा सकता है।
- 🍟 प्रोसेस्ड फूड्स: पेट में गैस और सूजन का कारण बन सकते हैं।
- 🥤 कैफीन युक्त पेय: मूड स्विंग्स और डिहाइड्रेशन बढ़ा सकते हैं।
- 🍫 ज्यादा शुगर: हार्मोनल असंतुलन को बढ़ावा दे सकता है।
🧘♀️ सही खानपान से मिलते हैं ये फायदे 🌈
- शरीर को ऊर्जा मिलती है।
- मूड बेहतर रहता है।
- थकावट और कमजोरी कम होती है।
- हार्मोनल संतुलन बना रहता है।
- संक्रमण और सूजन की संभावना घटती है।
🧠 मिथकों के कारण क्या नुकसान होता है? 🚫
- पोषण की कमी
- एनीमिया का खतरा
- मानसिक तनाव
- सामाजिक शर्मिंदगी
विशेषज्ञों का मानना है कि इन मिथकों को तोड़ना जरूरी है ताकि महिलाएं अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता दे सकें।
📚 एक्सपर्ट्स की राय क्या कहती है? 🩺
डायटीशियन दीप्ति खंडूजा के अनुसार:
“पीरियड्स के दौरान आयरन और विटामिन सी युक्त भोजन लेना बेहद जरूरी है। इससे शरीर में आयरन की कमी नहीं होती और ब्लीडिंग के बाद रिकवरी बेहतर होती है।”
उनके अनुसार मौसमी फल, चुकंदर, पोहा और नींबू जैसे खाद्य पदार्थ इस समय विशेष रूप से लाभकारी होते हैं।
❓ FAQs
Q1: क्या पीरियड्स में खट्टा खाना नुकसानदायक है?
नहीं, हेल्थ मंत्रालय के अनुसार संतुलित मात्रा में खट्टा खाना नुकसानदायक नहीं है।
Q2: पीरियड्स में कौन-से फूड्स सबसे ज्यादा फायदेमंद हैं?
हरी सब्जियां, फल, सूखे मेवे और पर्याप्त पानी सबसे ज्यादा लाभकारी हैं।
Q3: क्या मसालेदार खाना पूरी तरह से वर्जित है?
नहीं, यदि शरीर को सूट करता है तो सीमित मात्रा में मसालेदार खाना लिया जा सकता है।
Q4: क्या पीरियड्स में दूध या दही नहीं लेना चाहिए?
यह एक मिथक है। दूध और दही में कैल्शियम होता है जो इस समय फायदेमंद होता है।
Q5: पीरियड्स में डाइट क्यों जरूरी है?
सही डाइट हार्मोनल संतुलन बनाए रखती है, थकावट कम करती है और मूड को बेहतर बनाती है।
🧾 निष्कर्ष: मिथकों को तोड़ें, स्वास्थ्य को अपनाएं ✅
पीरियड्स के दौरान खानपान को लेकर फैले मिथकों को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से चुनौती देना समय की मांग है। हेल्थ मंत्रालय की पहल ने इस दिशा में एक सकारात्मक कदम उठाया है। महिलाओं को चाहिए कि वे संतुलित आहार अपनाएं और भ्रमों से दूर रहें।
External Source: Patrika Report
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