राजस्थान के बांसवाड़ा जिले के झरनिया गांव में बुधवार को एक चौंकाने वाली घटना सामने आई, जब खेत में काम कर रहे एक ही परिवार के तीन सदस्यों पर एक जंगली जानवर ने हमला कर दिया। इस हमले में दो बच्चे और एक वयस्क गंभीर रूप से घायल हो गए।
📍 घटना का विवरण: खेत में अचानक हमला
बुधवार दोपहर को यह घटना बांसवाड़ा वन विभाग की आंबापुरा नाका रेंज के अंतर्गत झरनिया गांव के पास हुई। घायल व्यक्तियों की पहचान इस प्रकार हुई:
- हुरचंद (42 वर्ष), पुत्र नरु
- मांगीलाल (6 वर्ष), पुत्र साधु
- लोकेश (10 वर्ष), पुत्र गौतम
तीनों को गंभीर हालत में एमजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
🧒 बच्चों पर पहला हमला, फिर वयस्क भी घायल
परिजनों के अनुसार, हुरचंद अपने भाइयों के बच्चों के साथ खेत में काम कर रहे थे। तभी अचानक एक जंगली जानवर ने मांगीलाल पर हमला कर दिया। उसकी चीखें सुनकर लोकेश और हुरचंद दौड़े, लेकिन जानवर ने उन पर भी हमला कर दिया।
- जानवर ने कई जगहों पर काटा और पंजों से हमला किया
- शोर सुनकर आसपास के ग्रामीण मौके पर पहुंचे
- ग्रामीणों ने मिलकर किसी तरह तीनों को जानवर से छुड़ाया
🏥 अस्पताल में भर्ती, हालत स्थिर
घायलों को तुरंत एमजी अस्पताल लाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें भर्ती कर लिया गया। अस्पताल सूत्रों के अनुसार, तीनों की हालत अब स्थिर है, लेकिन उन्हें निगरानी में रखा गया है।
🐾 कौन था हमला करने वाला जानवर?
परिजनों ने प्रारंभिक बयान में हमलावर जानवर को लोमड़ी बताया, लेकिन क्षेत्र में लोमड़ियों की संख्या कम होने के कारण वन विभाग को शक है कि यह हमला जरख (Indian Jackal) द्वारा किया गया हो सकता है।
🔍 वन विभाग की प्रतिक्रिया:
- वन अधिकारी संतोष डामोर ने बताया कि
- आंबापुरा के वनपाल सुरेंद्र कटारा के नेतृत्व में टीम भेजी गई
- खेतों और आसपास के क्षेत्र में तलाशी ली गई
- कोई जानवर नहीं मिला, संभवतः वह जंगल की ओर भाग गया
🌲 क्षेत्र में बढ़ते जंगली हमलों की पृष्ठभूमि
बांसवाड़ा और आसपास के इलाकों में पिछले कुछ महीनों में जंगली जानवरों के हमलों में वृद्धि देखी गई है। विशेषकर जरख और पैंथर जैसे जानवरों के गांवों में घुसने की घटनाएं बढ़ी हैं।
📌 हाल की घटनाएं:
- कुशलगढ़ में तेंदुए ने 6 बकरियों और 2 मुर्गों को मारा
- गढ़ी वन क्षेत्र में जरख के हमले में कई ग्रामीण घायल हुए
- बद्रौली (यूपी) में एक बच्ची पर जंगली जानवर ने हमला किया
🛑 ग्रामीणों में डर का माहौल
लगातार हो रहे हमलों के कारण ग्रामीणों में भय व्याप्त है। ग्रामीणों की मांग है कि:
- वन विभाग गश्त बढ़ाए
- गांवों के पास सुरक्षा दीवारें बनाई जाएं
- रात में निगरानी ड्रोन या कैमरे लगाए जाएं
📢 प्रशासन से अपेक्षाएं और वन विभाग की चुनौतियां
वन विभाग के सामने कई चुनौतियां हैं:
- जंगलों से सटे गांवों की संख्या अधिक
- वन्य जीवों के लिए भोजन की कमी
- मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं बढ़ रही हैं
वन विभाग ने ग्रामीणों से अपील की है कि:
- अकेले खेतों में न जाएं
- बच्चों को निगरानी में रखें
- किसी भी संदिग्ध जानवर को देखें तो तुरंत सूचना दें
📸 सोशल मीडिया पर वायरल हो रही घटनाएं
ग्रामीणों द्वारा बनाए गए वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं, जिनमें जंगली जानवरों को गांवों के पास घूमते देखा जा सकता है।
📚 विशेषज्ञों की राय: क्यों बढ़ रहे हैं हमले?
वन्यजीव विशेषज्ञों के अनुसार:
- मानव बस्तियों का जंगलों की ओर विस्तार
- खाद्य श्रृंखला में असंतुलन
- जलवायु परिवर्तन के कारण जानवरों का व्यवहार बदल रहा है
❓ अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
Q1. बांसवाड़ा में किस जानवर ने हमला किया?
👉 प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, हमला लोमड़ी या जरख द्वारा किया गया हो सकता है।
Q2. क्या घायलों की हालत गंभीर है?
👉 तीनों घायल एमजी अस्पताल में भर्ती हैं और उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
Q3. क्या वन विभाग ने जानवर को पकड़ लिया?
👉 नहीं, तलाशी के दौरान कोई जानवर नहीं मिला। संभवतः वह जंगल की ओर भाग गया।
Q4. क्या यह पहली घटना है?
👉 नहीं, बांसवाड़ा और आसपास के क्षेत्रों में पिछले कुछ महीनों में कई हमले हो चुके हैं।
🔚 निष्कर्ष: सतर्कता ही सुरक्षा
बांसवाड़ा की यह घटना एक बार फिर से मानव-वन्यजीव संघर्ष की गंभीरता को उजागर करती है। ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए वन विभाग और प्रशासन को मिलकर ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
External Source: Patrika Report
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