🧪 श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ में बीज फर्जीवाड़ा: कंपनियों और अधिकारियों पर उठे सवाल
राजस्थान के श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ जिलों में प्रमाणित बीज उत्पादन के नाम पर बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने रविवार को सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत करते हुए इस मामले में कंपनियों और संबंधित अधिकारियों को दोषी ठहराया। उन्होंने स्पष्ट किया कि अब इस गोरखधंधे में शामिल लोगों को परिणाम भुगतने होंगे।
कृषि मंत्री शनिवार रात हनुमानगढ़ में निरीक्षण के बाद श्रीगंगानगर पहुंचे थे। उन्होंने रामदेव सीड्स और धालीवाल सीड्स के बीज प्रदर्शन क्षेत्रों का औचक निरीक्षण किया। जहां कंपनियों ने ग्वार की बिजाई दिखाई थी, वहां वास्तव में मक्का और मूंग की फसल खड़ी मिली।
📋 निरीक्षण में सामने आईं चौंकाने वाली बातें
कृषि मंत्री ने बताया कि कंपनियों के रिकॉर्ड में जिन खेतों में प्रमाणित बीज उत्पादन दर्शाया गया था, वहां निरीक्षण के दौरान अलग फसलें मिलीं। कई मामलों में खेत के मालिकों को यह तक जानकारी नहीं थी कि उनके खेतों को बीज उत्पादन के लिए दिखाया गया है।
⚠️ प्रमुख खुलासे:
- कागजों में ग्वार की बिजाई, खेतों में मक्का और मूंग की फसल
- किसानों को अप्रमाणित बीज बेचकर धोखाधड़ी
- निरीक्षण की जिम्मेदारी निभाने में अधिकारियों की लापरवाही
- तीन बार निरीक्षण की अनिवार्यता के बावजूद एक बार भी नहीं पहुंचे अधिकारी
कृषि मंत्री ने कहा कि बीज निर्माण की प्रक्रिया के दौरान अधिकारियों को तीन बार मौके पर जाकर निरीक्षण करना होता है। लेकिन मौजूदा हालात देखकर लगता है कि यह प्रक्रिया पूरी तरह नजरअंदाज की गई।
🌱 प्राकृतिक और ऑर्गेनिक खेती में भी गड़बड़ी
कृषि मंत्री ने प्राकृतिक और ऑर्गेनिक खेती को लेकर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ की भूमि अत्यंत उपजाऊ है, लेकिन रासायनिक खाद और कीटनाशकों के अत्यधिक प्रयोग ने इसकी गुणवत्ता को नुकसान पहुंचाया है।
🧾 मंत्री के बयान के मुख्य बिंदु:
- नकली खाद और कीटनाशकों का बढ़ता प्रयोग
- भूमि की उर्वरता पर प्रतिकूल प्रभाव
- दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन
उन्होंने कहा कि बीज माफिया किसानों की आय दोगुनी करने के मिशन में बाधा बन रहे हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
🚤 सूरतगढ़ में नाव हादसा: प्रशासन की लापरवाही से दो युवकों की मौत
सूरतगढ़ के घग्घर डिप्रेशन क्षेत्र में नाव पलटने से दो युवकों की मौत ने प्रशासन की तैयारियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। हादसा शनिवार को डिप्रेशन संख्या 12 में हुआ, जहां अलवर निवासी दीपक और किशनपुरा ढाणी निवासी प्रहलाद की डूबने से मौत हो गई।
📍 हादसे की प्रमुख जानकारी:
- नाव पलटने से दो युवकों की मौत
- बिना लाइफ जैकेट और सुरक्षा इंतजाम के नाव संचालन
- चेतावनी बोर्डों के बावजूद युवाओं की लापरवाही
पुलिस ने बताया कि किशनपुरा निवासी सतपाल ने रिपोर्ट दी कि उसका भतीजा प्रहलाद खेत से घर लौट रहा था। भोजेवाला रोड पर पानी अधिक होने के कारण नाव से पार जाना पड़ा। दीपक भी नाव में सवार हो गया। इसी दौरान नाव पलट गई और दोनों की मौत हो गई।
📸 रील और सेल्फी की होड़: सुरक्षा शून्य
घग्घर डिप्रेशन क्षेत्र में युवाओं द्वारा रील और सेल्फी बनाने की होड़ ने सुरक्षा व्यवस्था को धता बता दिया है। बिना किसी सुरक्षा उपकरण के पुरानी नावों को पानी में उतारा जा रहा है। रंगमहल स्थित स्केप प्वाइंट पर तारबंदी के बावजूद बड़ी संख्या में युवा पहुंच रहे हैं।
🎥 दृश्य जो चिंता बढ़ाते हैं:
- ड्रोन से शूटिंग कर रहे यूट्यूबर्स
- चारदीवारी पार कर पानी के पास जाकर फोटो-वीडियो
- प्रशासन की चेतावनी को नजरअंदाज करना
🛑 प्रशासन की चेतावनी हवा में
जिला प्रशासन ने चेतावनी बोर्ड लगाए हैं और अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि आमजन को पानी से दूर रखें। लेकिन न तो ग्रामीण नावों का इस्तेमाल रोक रहे हैं और न ही युवा अपनी जान जोखिम में डालने से पीछे हट रहे हैं।
तहसीलदार विनोद कड़वासरा ने कहा कि अवैध रूप से नाव चलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। नावों को जब्त किया जाएगा और जान जोखिम में डालकर रील बनाने वालों पर भी कानूनी कार्रवाई होगी।
📉 मौत का सिलसिला: प्रशासन के लिए चेतावनी
पिछले एक सप्ताह में घग्घर नदी और डिप्रेशनों में तीन युवकों की मौत हो चुकी है। इससे पहले हरियाणा निवासी प्रमोद की डूबने से मौत हुई थी। 1988 और 2010 में भी ऐसी घटनाएं सामने आ चुकी हैं।
📌 निष्कर्ष: प्रशासनिक लापरवाही और सिस्टम की खामियां उजागर
श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ में बीज फर्जीवाड़ा और सूरतगढ़ में नाव हादसे ने यह साफ कर दिया है कि प्रशासनिक व्यवस्था में गंभीर खामियां हैं। जहां एक ओर किसानों को अप्रमाणित बीज देकर धोखा दिया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर युवाओं की जान जोखिम में डालने वाली गतिविधियों को रोकने में प्रशासन विफल रहा है।
कृषि मंत्री ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया है और जांच की मांग की है। अब देखना यह होगा कि क्या इन घटनाओं के बाद प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार होता है या नहीं।
❓ अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
Q1. श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ में बीज फर्जीवाड़ा क्या है?
यह मामला प्रमाणित बीज के नाम पर अप्रमाणित बीज बेचने और कागजों में ही बीज उत्पादन दिखाने से जुड़ा है।
Q2. कृषि मंत्री ने क्या कार्रवाई की?
कृषि मंत्री ने निरीक्षण कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का संकेत दिया है और जांच की मांग की है।
Q3. सूरतगढ़ नाव हादसे में कितने लोगों की मौत हुई?
इस हादसे में दो युवकों की मौत हुई है। एक सप्ताह में कुल तीन युवकों की मौत हो चुकी है।
Q4. प्रशासन ने क्या कदम उठाए हैं?
प्रशासन ने चेतावनी बोर्ड लगाए हैं और नाव संचालन पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही कानूनी कार्रवाई की बात कही गई है।
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