1933 की फिल्म ‘कर्मा’ में हुआ था बॉलीवुड का सबसे लंबा किसिंग सीन
बॉलीवुड में रोमांटिक और इंटीमेट सीन दर्शकों के बीच हमेशा चर्चा का विषय रहे हैं। लेकिन एक फिल्म ऐसी भी है, जिसने किसिंग सीन के मामले में इतिहास रच दिया। साल 1933 में रिलीज हुई फिल्म ‘कर्मा’ में फिल्माया गया किसिंग सीन आज भी भारतीय सिनेमा का सबसे लंबा किसिंग सीन माना जाता है।
🎥 ‘कर्मा’ फिल्म का ऐतिहासिक महत्व
📌 फिल्म का परिचय
- फिल्म का नाम: कर्मा (Karma)
- रिलीज वर्ष: 1933
- निर्देशक: जे.एल. फ्रीयर हंट
- मुख्य कलाकार: देविका रानी, हिमांशु राय
- भाषा: हिंदी और अंग्रेज़ी (बाइलिंगुअल)
- निर्माण: भारत, जर्मनी और ब्रिटेन का संयुक्त प्रोजेक्ट
🎞️ कहानी की झलक
फिल्म की कहानी एक राजकुमारी और राजकुमार के प्रेम पर आधारित है। राजकुमारी अपने पड़ोसी राज्य के राजकुमार से प्रेम करती है, लेकिन राजकुमार के पिता इस रिश्ते के खिलाफ होते हैं। एक दृश्य में राजकुमार को सांप काट लेता है और राजकुमारी उसे होश में लाने के लिए उसके होंठों पर किस करती है।
💋 4 मिनट लंबा किसिंग सीन: एक रिकॉर्ड जो आज तक नहीं टूटा
🕒 कितना लंबा था यह सीन?
- फिल्म ‘कर्मा’ में देविका रानी और हिमांशु राय के बीच फिल्माया गया किसिंग सीन लगभग 4 मिनट लंबा था।
- यह सीन एक ही टेक में नहीं था, बल्कि कई छोटे-छोटे किसेस को मिलाकर फिल्माया गया था।
- यह भारतीय सिनेमा का पहला ऑन-स्क्रीन किसिंग सीन माना जाता है।
🔥 क्यों बना यह सीन चर्चा का विषय?
- उस दौर में भारतीय समाज काफी रूढ़िवादी था।
- देविका रानी को इस सीन के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा।
- हालांकि, लंदन में फिल्म की सराहना हुई और देविका रानी की अभिनय क्षमता की तारीफ की गई।
👩🎤 देविका रानी: भारतीय सिनेमा की पहली बोल्ड अभिनेत्री
🌟 करियर की शुरुआत और पहचान
- देविका रानी रवींद्रनाथ टैगोर की रिश्तेदार थीं।
- उन्होंने 1929 में हिमांशु राय से विवाह किया और उनके साथ कई फिल्मों में काम किया।
- ‘कर्मा’ उनकी पहली फिल्म थी, जिसने उन्हें अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई।
🏆 सम्मान और उपलब्धियां
- देविका रानी को दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
- वह बॉम्बे टॉकीज की सह-संस्थापक थीं।
- उन्होंने 1930 और 1940 के दशक में कई सफल फिल्मों में काम किया।
🎬 हिमांशु राय: निर्देशक और सह-कलाकार
- हिमांशु राय ने ‘कर्मा’ का निर्देशन किया और देविका रानी के साथ अभिनय भी किया।
- उन्होंने देविका रानी को फिल्म में कास्ट किया क्योंकि वे पहले से ही उनके जीवनसाथी थे।
- फिल्म में दोनों को राजसी किरदारों में दिखाया गया।
📽️ ‘कर्मा’ का अंतरराष्ट्रीय प्रभाव
- फिल्म का प्रीमियर लंदन में हुआ था, जहां इसे खूब सराहा गया।
- यह फिल्म भारतीय सिनेमा की पहली अंग्रेज़ी संवाद वाली टॉकी फिल्म थी।
- हालांकि भारत में इसे ज्यादा सफलता नहीं मिली, लेकिन यह सिनेमा इतिहास में एक मील का पत्थर बन गई।
📌 क्यों आज तक कोई फिल्म नहीं तोड़ पाई यह रिकॉर्ड?
संभावित कारण:
- सेंसरशिप और सामाजिक सीमाएं
- दर्शकों की संवेदनशीलता
- फिल्म निर्माताओं की रचनात्मक प्राथमिकताएं
- किसिंग सीन को लेकर आज भी विवाद की संभावना
❓ FAQs
🤔 फिल्म ‘कर्मा’ कब रिलीज हुई थी?
1933 में यह फिल्म रिलीज हुई थी और इसका प्रीमियर लंदन में हुआ था।
💋 किसिंग सीन कितने समय तक चला?
करीब 4 मिनट तक चला, जो आज भी भारतीय सिनेमा का सबसे लंबा किसिंग सीन माना जाता है।
👩🎤 देविका रानी को किस पुरस्कार से सम्मानित किया गया?
उन्हें दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
🎬 क्या ‘कर्मा’ भारत में सफल रही थी?
नहीं, भारत में इसे ज्यादा सफलता नहीं मिली, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसकी सराहना हुई।
🔚 निष्कर्ष
1933 की फिल्म ‘कर्मा’ ने भारतीय सिनेमा में एक नया अध्याय लिखा। देविका रानी और हिमांशु राय द्वारा फिल्माया गया किसिंग सीन आज भी एक रिकॉर्ड बना हुआ है। यह फिल्म न केवल तकनीकी दृष्टि से महत्वपूर्ण थी, बल्कि सामाजिक दृष्टिकोण से भी एक साहसिक कदम थी।
External Source: Patrika Report
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