भारत ने अग्नि-प्राइम मिसाइल का सफल परीक्षण किया, 2000 किमी तक मारक क्षमता

भारत ने अपनी रक्षा क्षमताओं को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाते हुए अग्नि-प्राइम बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। यह परीक्षण ओडिशा के चांदीपुर में रेल-आधारित मोबाइल लॉन्चर सिस्टम से किया गया, जो देश की रणनीतिक ताकत को और मजबूत करता है।

🔍 अग्नि-प्राइम मिसाइल: भारत की नई पीढ़ी की बैलिस्टिक ताकत

अग्नि-प्राइम मिसाइल, जिसे अग्नि-P भी कहा जाता है, भारत की अग्नि श्रृंखला की नवीनतम मिसाइल है। यह एक इंटरमीडिएट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल (IRBM) है, जिसकी मारक क्षमता 2,000 किलोमीटर तक है।

✨ प्रमुख विशेषताएं:

  • रेंज: 2,000 किलोमीटर
  • लॉन्च सिस्टम: रेल-आधारित मोबाइल लॉन्चर
  • लॉन्च प्रकार: कैनिस्टराइज्ड लॉन्च
  • नेविगेशन: रिंग लेज़र गाइरो आधारित INS और माइक्रो INS
  • स्टोरेज: आसान कैनिस्टराइज्ड डिज़ाइन
  • प्रतिक्रिया समय: बेहद कम
  • ऑपरेशनल विजिबिलिटी: न्यूनतम

🛤️ पहली बार रेल नेटवर्क से लॉन्च, रणनीतिक लाभ बढ़ा

इस परीक्षण की सबसे बड़ी उपलब्धि यह रही कि मिसाइल को पहली बार भारत के राष्ट्रीय रेल नेटवर्क से जुड़े मोबाइल लॉन्चर से दागा गया। इससे भारत को “ऑन-द-मूव” लॉन्चिंग की क्षमता मिलती है, जिससे:

  • मिसाइल को देशभर में कहीं भी तैनात किया जा सकता है
  • लॉन्चिंग के लिए पूर्व तैयारी की आवश्यकता नहीं होती
  • दुश्मन को ट्रैक करना मुश्किल हो जाता है
  • कम समय में प्रतिक्रिया संभव होती है

🎖️ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दी बधाई

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस सफल परीक्षण की घोषणा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर की। उन्होंने DRDO, स्ट्रैटेजिक फोर्सेज कमांड (SFC) और सशस्त्र बलों को बधाई देते हुए कहा:

“यह परीक्षण भारत को उन चुनिंदा देशों की सूची में शामिल करता है, जिनके पास चलते-फिरते रेल नेटवर्क से कैनिस्टराइज्ड लॉन्च सिस्टम विकसित करने की क्षमता है।”

🔬 DRDO की भूमिका और तकनीकी प्रगति

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने इस मिसाइल को विकसित किया है। DRDO की तकनीकी टीम ने इस मिसाइल को कई उन्नत फीचर्स से लैस किया है:

  • मल्टी-टारगेटिंग क्षमता (भविष्य में MIRV तकनीक के साथ)
  • सटीकता में सुधार
  • स्वदेशी तकनीक पर आधारित डिज़ाइन
  • ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान के तहत विकसित

🌍 भारत की रणनीतिक स्थिति पर असर

इस परीक्षण से भारत की रणनीतिक स्थिति में कई बदलाव आए हैं:

  1. भारत अब उन देशों में शामिल हो गया है जिनके पास रेल-आधारित लॉन्चिंग सिस्टम है।
  2. मिसाइल की रेंज पाकिस्तान के सभी प्रमुख शहरों और सैन्य ठिकानों को कवर करती है।
  3. भारत की डिटरेंस क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
  4. भविष्य में यह मिसाइल चीन के खिलाफ भी रणनीतिक रूप से उपयोगी हो सकती है।

🧭 पाकिस्तान पर रणनीतिक दबाव

हालांकि भारत ने इस परीक्षण को अपनी रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने के उद्देश्य से किया है, लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि इससे पाकिस्तान पर रणनीतिक दबाव बढ़ेगा। अग्नि-प्राइम की रेंज में पाकिस्तान के सभी प्रमुख शहर, सैन्य अड्डे और आतंकी ठिकाने आते हैं।

📌 संभावित प्रभाव:

  • पाकिस्तान को अपनी सुरक्षा रणनीति पर पुनर्विचार करना पड़ सकता है
  • भारत की डिटरेंस नीति को मजबूती मिलेगी
  • क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने में मदद मिलेगी

📈 भारत की मिसाइल विकास यात्रा

भारत की मिसाइल विकास यात्रा 1980 के दशक में शुरू हुई थी। अग्नि श्रृंखला की शुरुआत अग्नि-I से हुई थी, जिसकी रेंज लगभग 700-900 किमी थी। इसके बाद अग्नि-II, III, IV और V का विकास हुआ।

🔢 मिसाइल श्रृंखला की तुलना:

मिसाइल नामरेंज (किमी)लॉन्च सिस्टमविशेषताएं
अग्नि-I700–900रोड मोबाइलशॉर्ट रेंज
अग्नि-II2,000–2,500रोड मोबाइलIRBM
अग्नि-III3,000–3,500रोड मोबाइलMIRV संभावित
अग्नि-IV4,000रोड मोबाइलएडवांस INS
अग्नि-V5,000+कैनिस्टराइज्डMIRV क्षमता
अग्नि-प्राइम2,000रेल मोबाइलअगली पीढ़ी

🧠 विशेषज्ञों की राय

रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि अग्नि-प्राइम का परीक्षण भारत की रणनीतिक सोच में बदलाव को दर्शाता है। अब भारत केवल रेंज पर नहीं, बल्कि लॉन्चिंग प्लेटफॉर्म की विविधता और त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता पर भी ध्यान दे रहा है।

“यह परीक्षण भारत की डिटरेंस नीति को नई दिशा देगा,” – रक्षा विश्लेषक अजय शुक्ला

📚 FAQs

❓ अग्नि-प्राइम मिसाइल की रेंज कितनी है?

अग्नि-प्राइम मिसाइल की रेंज लगभग 2,000 किलोमीटर है।

❓ यह मिसाइल किस लॉन्च सिस्टम से दागी गई?

यह मिसाइल रेल-आधारित मोबाइल लॉन्चर से दागी गई है।

❓ क्या यह मिसाइल परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है?

हां, यह मिसाइल परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है।

❓ अग्नि-प्राइम का परीक्षण कब और कहां हुआ?

यह परीक्षण 25 सितंबर 2025 को ओडिशा के चांदीपुर में हुआ।

❓ क्या यह मिसाइल MIRV तकनीक से लैस है?

वर्तमान में नहीं, लेकिन भविष्य में इसे MIRV तकनीक से लैस किया जा सकता है।

🔚 निष्कर्ष: भारत की रक्षा नीति में ऐतिहासिक कदम

भारत द्वारा अग्नि-प्राइम मिसाइल का सफल परीक्षण न केवल तकनीकी दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह देश की रणनीतिक सोच और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम है। रेल-आधारित लॉन्चिंग सिस्टम के साथ यह परीक्षण भारत को वैश्विक रक्षा मानचित्र पर एक नई पहचान देता है।

External Source: Patrika Report

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