मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में Coldrif कफ सिरप पीने से 9 बच्चों की मौत ने पूरे प्रदेश को झकझोर दिया है। इस घटना के बाद राज्य सरकार ने संबंधित कंपनी की सभी दवाओं की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है, वहीं कांग्रेस ने सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कंपनी मालिक को जेल भेजने की मांग की है।
⚠️ घटना का विवरण: कैसे सामने आई Coldrif कफ सिरप से मौत की खबर?
छिंदवाड़ा जिले में सितंबर से अक्टूबर के बीच 9 बच्चों की मौत हुई, जिनमें से अधिकांश को सर्दी-खांसी की शिकायत थी। परिजनों ने बच्चों को स्थानीय मेडिकल स्टोर से Coldrif कफ सिरप दिलाया, जिसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ती चली गई।
- बच्चों को पहले सर्दी-खांसी और बुखार की शिकायत थी
- सिरप लेने के बाद किडनी फेलियर के लक्षण दिखे
- अस्पताल में भर्ती के बावजूद जान नहीं बच सकी
🧪 जांच में खुलासा: सिरप में मिला ज़हरीला Diethylene Glycol
तमिलनाडु के कांचीपुरम स्थित कंपनी Sresan Pharma द्वारा निर्मित Coldrif सिरप की जांच में पाया गया कि इसमें Diethylene Glycol की मात्रा 48.6% थी, जो सुरक्षित सीमा से 480 गुना अधिक है।
- Diethylene Glycol एक औद्योगिक रसायन है जो मानव शरीर के लिए विषैला होता है
- इससे किडनी और लीवर फेलियर की संभावना होती है
- WHO और CDSCO ने पहले भी इस रसायन को बच्चों के लिए खतरनाक माना है
🗣️ कांग्रेस का हमला: सरकार ने चेतावनी के बावजूद देर से लिया एक्शन
पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि कांग्रेस ने पहले ही इस सिरप को बैन करने की मांग की थी, लेकिन सरकार ने देर से कार्रवाई की। उन्होंने कहा:
“हमने पहले ही चेतावनी दी थी, लेकिन सरकार अब जागी है। यह बेहद दुखद है।”
उन्होंने निम्नलिखित मांगें रखीं:
- सिरप बनाने वाली कंपनी के मालिक को जेल भेजा जाए
- पीड़ित परिवारों को ₹10 लाख का मुआवजा दिया जाए
- ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए सख्त निगरानी व्यवस्था लागू हो
🏛️ सरकार की प्रतिक्रिया: मुख्यमंत्री ने लगाया राज्यव्यापी प्रतिबंध
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने घटना को “बेहद दुखद” बताते हुए Coldrif सिरप और कंपनी की अन्य दवाओं की बिक्री पर मध्य प्रदेश में पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया।
- राज्य स्तर पर जांच समिति गठित की गई है
- तमिलनाडु सरकार से जांच रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद कार्रवाई की गई
- दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा, ऐसा मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया
🧬 स्वास्थ्य मंत्रालय की चेतावनी: दो साल से कम उम्र के बच्चों को कफ सिरप न दें
घटना के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को सलाह दी है कि दो साल से कम उम्र के बच्चों को कफ और कोल्ड सिरप न दिया जाए।
- बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है
- Diethylene Glycol जैसे रसायन उनके लिए जानलेवा हो सकते हैं
- डॉक्टरों को बच्चों के लिए दवा लिखते समय विशेष सावधानी बरतने की सलाह
🏭 कंपनी का इतिहास और सवालों के घेरे में उत्पादन प्रक्रिया
Sresan Pharma, जो Coldrif सिरप बनाती है, तमिलनाडु के कांचीपुरम में स्थित है। कंपनी की उत्पादन प्रक्रिया पर अब सवाल उठ रहे हैं:
- क्या कंपनी ने गुणवत्ता नियंत्रण के मानकों का पालन किया?
- क्या पहले भी ऐसी घटनाएं सामने आई थीं?
- क्या कंपनी को पहले कभी चेतावनी दी गई थी?
📊 विशेषज्ञों की राय: बच्चों की दवाओं में गुणवत्ता नियंत्रण की सख्त ज़रूरत
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चों की दवाओं में गुणवत्ता नियंत्रण बेहद जरूरी है। निम्नलिखित सुझाव दिए गए हैं:
- सभी फार्मा कंपनियों की नियमित जांच होनी चाहिए
- दवा की बिक्री से पहले सैंपल टेस्टिंग अनिवार्य हो
- मेडिकल स्टोर पर बच्चों की दवाओं की अलग निगरानी व्यवस्था हो
📌 घटनाक्रम का टाइमलाइन
तारीख | घटनाक्रम |
---|---|
7 सितंबर | छिंदवाड़ा में पहली मौत दर्ज |
15 सितंबर | कुल 5 बच्चों की मौत की पुष्टि |
1 अक्टूबर | तमिलनाडु सरकार ने Coldrif पर प्रतिबंध लगाया |
4 अक्टूबर | मध्य प्रदेश सरकार ने राज्यव्यापी बैन लगाया |
❓ FAQs
Q1. Coldrif कफ सिरप में कौन सा ज़हरीला रसायन पाया गया?
A1. Diethylene Glycol, जो 480 गुना अधिक मात्रा में पाया गया।
Q2. कितने बच्चों की मौत हुई है इस सिरप से?
A2. मध्य प्रदेश में 9 बच्चों की मौत की पुष्टि हुई है।
Q3. क्या कंपनी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई हुई है?
A3. कंपनी को ब्लैकलिस्ट किया गया है, लेकिन गिरफ्तारी की मांग अभी लंबित है।
Q4. क्या यह सिरप अन्य राज्यों में भी बेचा गया था?
A4. रिपोर्ट्स के अनुसार महाराष्ट्र और राजस्थान में भी मौतें हुई हैं।
Q5. सरकार ने क्या कदम उठाए हैं?
A5. राज्यव्यापी बैन, जांच समिति का गठन और दोषियों को सजा देने का आश्वासन।
🧾 निष्कर्ष: मासूमों की मौत से उठे सवाल, सख्त कार्रवाई की मांग
छिंदवाड़ा की घटना ने दवा उद्योग की गुणवत्ता नियंत्रण व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। कांग्रेस ने सरकार की देरी पर नाराज़गी जताई है और कंपनी मालिक की गिरफ्तारी की मांग की है। वहीं सरकार ने प्रतिबंध और जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी है। अब देखना यह है कि क्या दोषियों को सजा मिलती है और भविष्य में ऐसी घटनाएं रोकी जा सकती हैं।
External Source: Patrika Report
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