मेरठ में 7 साल की बच्ची से दरिंदगी, आरोपी गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर में एक दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है। सदर बाजार थाना क्षेत्र में एक सात वर्षीय बच्ची को टॉफी का लालच देकर उसके पड़ोसी ने अपने घर बुलाया और उसके साथ अमानवीय हरकत की। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और पोक्सो एक्ट समेत गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।

🧒 घटना की शुरुआत: मासूम को टॉफी का लालच देकर बुलाया गया

  • घटना गुरुवार रात की है जब बच्ची रोते हुए घर लौटी।
  • उसने अपनी मां को बताया कि पड़ोसी मोहम्मद चांद ने उसे टॉफी दिलाने का वादा कर घर बुलाया।
  • घर ले जाकर आरोपी ने बच्ची के साथ गलत हरकत की।

बच्ची की मां ने जब आपबीती सुनी तो वह तुरंत आरोपी के घर पहुंची। वहां आरोपी और उसके परिवार ने उन्हें चुप रहने के लिए पैसे देने की कोशिश की। लेकिन मां ने साहस दिखाते हुए पुलिस स्टेशन जाकर शिकायत दर्ज कराई।

🚨 पुलिस की त्वरित कार्रवाई: FIR और मेडिकल जांच

एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल संज्ञान लिया। पुलिस ने रात में ही निम्नलिखित कदम उठाए:

  1. आरोपी मोहम्मद चांद के खिलाफ पोक्सो एक्ट और IPC की गंभीर धाराओं में FIR दर्ज की गई।
  2. पीड़िता को मेडिकल जांच के लिए भेजा गया ताकि साक्ष्य जुटाए जा सकें।
  3. शुक्रवार सुबह आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया।

⚖️ आरोपी को कोर्ट में पेश किया गया, जेल भेजा गया

गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने मोहम्मद चांद को स्थानीय अदालत में पेश किया। अदालत ने उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। पुलिस का कहना है कि वे इस मामले में तेज और प्रभावी कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे।

  • पुलिस चार्जशीट जल्द दाखिल करेगी।
  • फॉरेंसिक और मेडिकल रिपोर्ट को साक्ष्य के रूप में शामिल किया जाएगा।
  • अभियोजन पक्ष मजबूत पैरवी करेगा ताकि आरोपी को सख्त सजा मिले।

😡 स्थानीय लोगों में आक्रोश, सख्त सजा की मांग

इस घटना ने पूरे इलाके को हिला दिया है। मोहल्ले के लोगों ने आरोपी की गिरफ्तारी के बाद प्रदर्शन किया और मांग की कि:

  • आरोपी को फास्ट ट्रैक कोर्ट में पेश किया जाए।
  • उसे उम्रकैद या फांसी जैसी सजा दी जाए।
  • बच्ची और उसके परिवार को सुरक्षा दी जाए।

📜 पोक्सो एक्ट क्या है? जानिए कानून की ताकत

पोक्सो एक्ट (Protection of Children from Sexual Offences Act) बच्चों के खिलाफ यौन अपराधों से सुरक्षा प्रदान करता है। इस कानून के तहत:

  • 12 साल से कम उम्र के बच्चों के मामलों में सख्त सजा का प्रावधान है।
  • मेडिकल जांच, काउंसलिंग और फास्ट ट्रैक ट्रायल की व्यवस्था होती है।
  • आरोपी को दोषी पाए जाने पर 10 साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा हो सकती है।

🧠 विशेषज्ञों की राय: बच्चों की सुरक्षा पर ध्यान देना जरूरी

बाल अधिकार कार्यकर्ता और मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि:

  • बच्चों को “गुड टच-बैड टच” की शिक्षा देना जरूरी है।
  • माता-पिता को बच्चों की गतिविधियों पर नजर रखनी चाहिए।
  • स्कूलों में यौन शिक्षा को शामिल किया जाना चाहिए।

📌 मेरठ में हालिया मामलों की सूची

मेरठ में पिछले कुछ महीनों में बच्चों के खिलाफ अपराधों में वृद्धि देखी गई है:

  • जून 2025: मेडिकल कॉलेज में 13 वर्षीय लड़की से दुष्कर्म
  • जुलाई 2024: 14 वर्षीय लड़की से घर में घुसकर हमला
  • सितंबर 2025: कोर्ट ने आरोपी को 25 साल की सजा सुनाई

📢 पुलिस की पहल: ऑपरेशन कन्विक्शन

उत्तर प्रदेश पुलिस ने हाल ही में “ऑपरेशन कन्विक्शन” शुरू किया है, जिसके तहत:

  • महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों में तेजी से सजा दिलाई जा रही है।
  • अभियोजन, जांच और न्यायपालिका के बीच बेहतर समन्वय स्थापित किया गया है।
  • मेरठ और अमरोहा जैसे जिलों में कई मामलों में सख्त सजा सुनाई गई है।

❓ FAQs

Q1: मेरठ की घटना कब हुई?

गुरुवार रात को बच्ची के साथ दरिंदगी की गई और शुक्रवार सुबह आरोपी को गिरफ्तार किया गया।

Q2: आरोपी के खिलाफ कौन-कौन सी धाराएं लगाई गईं?

पोक्सो एक्ट और IPC की गंभीर धाराएं जैसे यौन शोषण, धमकी और आपराधिक कृत्य।

Q3: क्या पीड़िता को मेडिकल जांच के लिए भेजा गया?

हां, पुलिस ने तुरंत बच्ची को मेडिकल जांच के लिए भेजा ताकि साक्ष्य जुटाए जा सकें।

Q4: क्या आरोपी को जेल भेज दिया गया है?

जी हां, आरोपी मोहम्मद चांद को कोर्ट में पेश कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।

Q5: क्या पुलिस चार्जशीट दाखिल करेगी?

पुलिस ने भरोसा दिलाया है कि वे मजबूत चार्जशीट दाखिल करेंगे।

🔚 निष्कर्ष: न्याय की राह पर पहला कदम

मेरठ की इस घटना ने एक बार फिर बच्चों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। हालांकि पुलिस की त्वरित कार्रवाई और स्थानीय लोगों की जागरूकता ने न्याय की दिशा में पहला कदम बढ़ाया है। अब देखना यह होगा कि अदालत इस मामले में कितनी जल्दी और सख्ती से फैसला सुनाती है।

External Source: Patrika Report

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