🌸 रायपुर में महिलाओं के लिए नई उम्मीद: आंबेडकर अस्पताल में IVF सेंटर
रायपुर की महिलाओं के लिए खुशखबरी है। लंबे समय से मां बनने का सपना देख रही महिलाओं के लिए जल्द ही पं. जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज से संबद्ध आंबेडकर अस्पताल में आईवीएफ (In Vitro Fertilization) सेंटर की शुरुआत होने जा रही है। यह सेंटर खासतौर पर उन महिलाओं के लिए मददगार साबित होगा, जो प्राकृतिक तरीके से गर्भधारण नहीं कर पा रही हैं।
सरकारी स्तर पर शुरू होने वाले इस IVF सेंटर में आयुष्मान भारत योजना के तहत मुफ्त इलाज उपलब्ध कराया जाएगा। इसका सीधा फायदा उन महिलाओं को होगा, जो निजी अस्पतालों के महंगे पैकेज के कारण उपचार कराने में असमर्थ रही हैं।
👉 विशेषज्ञों का कहना है कि हर महीने लगभग 60 से 70 महिलाएं IVF तकनीक से मां बनने की इच्छा व्यक्त करती हैं। अब उन्हें निजी अस्पतालों के बजाय सरकारी स्तर पर ही कम खर्च या नि:शुल्क इलाज मिल सकेगा।
🏥 क्यों खास है रायपुर का IVF सेंटर?
✅ सरकारी स्तर पर सस्ती और सुलभ सुविधा
- निजी IVF सेंटरों में इलाज की लागत लाखों तक पहुंच जाती है।
- कई परिवार कर्ज लेकर भी इलाज करवाते हैं।
- आंबेडकर अस्पताल में यह सुविधा आयुष्मान भारत योजना पैकेज के तहत मुफ्त में मिलेगी।
✅ प्रदेश में पहली बार
वर्तमान में राजधानी रायपुर समेत छत्तीसगढ़ में करीब 20 निजी IVF सेंटर मौजूद हैं। लेकिन सरकारी स्तर पर यह सुविधा उपलब्ध नहीं थी। यहां तक कि एम्स रायपुर में भी IVF की सुविधा नहीं है। ऐसे में आंबेडकर अस्पताल का यह कदम महिलाओं के लिए मील का पत्थर साबित होगा।
🧬 IVF तकनीक: कैसे काम करती है यह पद्धति?
IVF यानी इन विट्रो फर्टिलाइजेशन एक आधुनिक प्रजनन तकनीक है। इसमें महिला और पुरुष से क्रमशः अंडाणु और शुक्राणु एकत्र कर प्रयोगशाला में निषेचन कराया जाता है। इस प्रक्रिया से बने भ्रूण को महिला के गर्भाशय में प्रत्यारोपित किया जाता है।
प्रक्रिया के चरण:
- हार्मोनल इलाज – महिला को दवाओं से अंडाशय को उत्तेजित किया जाता है।
- अंडाणु संग्रहण – विकसित अंडाणुओं को छोटी सर्जरी से निकाला जाता है।
- शुक्राणु संग्रहण – पुरुष से वीर्य सैंपल लिया जाता है।
- निषेचन (Fertilization) – अंडाणु और शुक्राणु को लैब में मिलाकर भ्रूण बनाया जाता है।
- भ्रूण प्रत्यारोपण – भ्रूण को महिला के गर्भाशय में स्थापित किया जाता है।
- गर्भधारण की पुष्टि – 14 दिन बाद जांच कर गर्भधारण की सफलता देखी जाती है।
👉 IVF विशेष रूप से उन महिलाओं के लिए उपयोगी है जिनकी फैलोपियन ट्यूब बंद है, हार्मोनल असंतुलन है या अन्य चिकित्सकीय कारणों से प्राकृतिक गर्भधारण संभव नहीं है।
👩⚕️ हर माह 60-70 महिलाएं लेती हैं IVF की सलाह
आंबेडकर अस्पताल के गायनी विभाग में हर महीने लगभग 60 से 70 महिलाएं IVF तकनीक से मां बनने की इच्छा जताती हैं।
अब तक इन महिलाओं के पास सिर्फ निजी IVF सेंटर जाने का विकल्प था, जहां इलाज बेहद महंगा होता है। कई बार परिवारों को कर्ज लेकर भी IVF का खर्च उठाना पड़ता था।
डॉ. विवेक चौधरी, डीन, नेहरू मेडिकल कॉलेज ने बताया –
“IVF सेंटर की शुरुआत से उन महिलाओं को फायदा मिलेगा जो वर्षों से मां बनने की कोशिश कर रही हैं लेकिन सफल नहीं हो पा रही हैं।”
💰 सरकार ने किया 10 करोड़ का प्रावधान
राज्य सरकार ने मार्च 2025 में पेश बजट में IVF सेंटर के लिए 10 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था। इसके बाद चिकित्सा शिक्षा विभाग ने आंबेडकर अस्पताल के ऑब्स एंड गायनी विभाग से प्रस्ताव मंगाया।
इस राशि से –
- अत्याधुनिक उपकरण और मशीनें खरीदी जाएंगी।
- IVF लैब तैयार की जाएगी।
- आवश्यक विशेषज्ञ और तकनीकी स्टाफ की भर्ती होगी।
👩🔬 नौ पदों पर होगी भर्ती
आईवीएफ सेंटर के सुचारू संचालन के लिए राज्य सरकार 9 विशेषज्ञ पदों पर भर्ती करने जा रही है।
भर्ती होने वाले पद:
- 1 एंड्रोलॉजिस्ट
- 2 एंब्रियोलॉजिस्ट
- 4 MSc बायोटेक्नोलॉजिस्ट
- 2 काउंसलर
👉 इसके अलावा टेक्नीशियन और गायनेकोलॉजिस्ट की टीम भी IVF प्रक्रिया में सहयोग करेगी। मौजूदा डॉक्टरों को विशेष प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
🌍 IVF पर विश्व और भारत का परिदृश्य
- IVF तकनीक का पहला सफल प्रयोग 1978 में ब्रिटेन में हुआ था।
- भारत में पहला टेस्ट-ट्यूब बेबी 1978 में कोलकाता में जन्मा।
- आज भारत IVF उपचार का वैश्विक हब बन चुका है।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, विश्वभर में लगभग 15% दंपत्ति बांझपन की समस्या से जूझ रहे हैं।
- भारत में हर साल 2.7 करोड़ दंपत्ति इस समस्या का सामना कर रहे हैं।
🧾 IVF से जुड़ी आम चुनौतियां
- लागत अधिक: एक IVF साइकिल का खर्च निजी अस्पतालों में 1.5 से 3 लाख तक।
- सफलता दर: औसतन 35% से 45%।
- भावनात्मक दबाव: असफल प्रयास के बाद महिलाएं और परिवार मानसिक तनाव से गुजरते हैं।
- कानूनी और नैतिक पहलू: भ्रूण संरक्षण और सरोगेसी जैसे मुद्दे अभी भी विवादित हैं।
👉 इन चुनौतियों के बीच रायपुर में सरकारी IVF सेंटर की स्थापना महिलाओं के लिए बड़ी राहत मानी जा रही है।
📌 IVF सेंटर खुलने से होने वाले फायदे
- महिलाओं को नि:शुल्क या सस्ती सुविधा।
- निजी IVF सेंटरों पर निर्भरता घटेगी।
- आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को राहत।
- मातृत्व का सपना देखने वाली हजारों महिलाओं के लिए नई उम्मीद।
🙋♀️ FAQs – IVF सेंटर रायपुर से जुड़े सामान्य प्रश्न
Q1. रायपुर का IVF सेंटर कहां खुल रहा है?
👉 यह सेंटर पं. जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज से संबद्ध आंबेडकर अस्पताल में खोला जा रहा है।
Q2. क्या यहां इलाज मुफ्त होगा?
👉 हां, आयुष्मान भारत योजना पैकेज के तहत जरूरतमंद महिलाओं को नि:शुल्क IVF सुविधा दी जाएगी।
Q3. कितने पदों पर भर्ती होगी?
👉 कुल 9 पदों पर भर्ती होगी, जिसमें एंड्रोलॉजिस्ट, एंब्रियोलॉजिस्ट, बायोटेक्नोलॉजिस्ट और काउंसलर शामिल हैं।
Q4. IVF की सफलता दर कितनी होती है?
👉 औसतन 35% से 45% मामलों में IVF सफल होता है, हालांकि यह महिला की उम्र और स्वास्थ्य पर निर्भर करता है।
Q5. यह सुविधा कब से शुरू होगी?
👉 सरकार द्वारा बजट और भर्ती प्रक्रिया पूरी करने के बाद अगले कुछ महीनों में IVF सेंटर शुरू होने की उम्मीद है।
📌 निष्कर्ष
रायपुर में आंबेडकर अस्पताल में शुरू होने जा रहा IVF सेंटर न केवल महिलाओं के लिए मातृत्व का सपना पूरा करने का साधन बनेगा, बल्कि यह छत्तीसगढ़ की स्वास्थ्य सेवाओं में एक ऐतिहासिक कदम होगा। नि:शुल्क इलाज, विशेषज्ञों की भर्ती और अत्याधुनिक लैब से हजारों जरूरतमंद महिलाओं को नई उम्मीद मिलेगी।
अगर आपको यह लेख उपयोगी लगा हो, तो इसे शेयर करें और दूसरों को भी जागरूक करें। NEWSWELL24.COM पर हम ऐसे ही जरूरी और भरोसेमंद जानकारी लाते रहते हैं।