लद्दाख में Gen-Z का उग्र प्रदर्शन: राज्य के दर्जे की मांग पर हिंसा, BJP ऑफिस जलाया

लद्दाख में छात्रों का उग्र आंदोलन: राज्य के दर्जे की मांग पर भड़की हिंसा

लेह में बुधवार को सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक के समर्थन में Gen-Z छात्रों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर यह आंदोलन हिंसक रूप ले बैठा, जिसमें BJP कार्यालय और एक CRPF वाहन को आग के हवाले कर दिया गया।

🔥 आंदोलन की पृष्ठभूमि और उत्पत्ति

📌 अनुच्छेद 370 के बाद लद्दाख की स्थिति

  • 5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया।
  • इसके बाद जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किया गया।
  • लद्दाख को विशेष संवैधानिक अधिकार देने का वादा किया गया था, जो अब तक पूरा नहीं हुआ।

🧑‍🏫 सोनम वांगचुक की भूमिका

  • प्रसिद्ध सामाजिक और जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक पिछले कई महीनों से लद्दाख को राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं।
  • उन्होंने भूख हड़ताल और दिल्ली तक मार्च कर इस मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर उठाया।
  • उनकी अगुवाई में लद्दाख एपेक्स बॉडी ने चार प्रमुख मांगें रखी हैं:

📋 मांगें:

  1. लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाए।
  2. संविधान की छठी अनुसूची में लद्दाख को शामिल किया जाए।
  3. जनजातीय समुदायों को आदिवासी दर्जा मिले।
  4. लद्दाख में दो लोकसभा सीटें सुनिश्चित की जाएं।

🚨 प्रदर्शन का घटनाक्रम: कैसे भड़की हिंसा

📍 लेह में छात्रों का सड़कों पर उतरना

  • बुधवार सुबह से ही सैकड़ों छात्र लेह की सड़कों पर उतर आए।
  • उन्होंने पूर्ण बंद का आह्वान किया और भूख हड़ताल जारी रखी।

🔥 BJP कार्यालय और CRPF वाहन को आग लगाई

  • प्रदर्शनकारियों ने लेह स्थित BJP कार्यालय पर हमला कर उसे आग के हवाले कर दिया।
  • एक CRPF वाहन को भी जलाया गया।
  • पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज और आंसू गैस का प्रयोग किया।

👮‍♂️ पुलिस और छात्रों के बीच झड़प

  • पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने की कोशिश की।
  • जवाब में छात्रों ने पथराव किया, जिससे कई पुलिसकर्मी घायल हुए।

🗓️ केंद्र सरकार की प्रतिक्रिया और आगामी बैठक

  • केंद्र सरकार ने 6 अक्टूबर को लद्दाख के प्रतिनिधियों के साथ बैठक बुलाने की घोषणा की है।
  • यह बैठक लद्दाख को राज्य का दर्जा देने की मांग पर चर्चा के लिए आयोजित की जाएगी।

📊 जनभावनाएं और राजनीतिक विश्लेषण

🧠 स्थानीय जनता की चिंता

  • लद्दाख के लोग अपनी भूमि, संस्कृति और संसाधनों की रक्षा को लेकर चिंतित हैं।
  • उन्हें डर है कि बिना संवैधानिक सुरक्षा के बाहरी हस्तक्षेप बढ़ेगा।

🗣️ विशेषज्ञों की राय

  • राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह आंदोलन आने वाले समय में और व्यापक हो सकता है।
  • युवाओं की भागीदारी इसे एक जन आंदोलन में बदल सकती है।

📍 आंदोलन की विशेषताएं

👥 प्रदर्शन में शामिल वर्ग

  • मुख्य रूप से Gen-Z छात्र और युवा शामिल हैं।
  • स्थानीय नागरिकों की भी भागीदारी बढ़ रही है।

📢 विरोध के तरीके

  • भूख हड़ताल
  • पूर्ण बंद
  • सड़कों पर प्रदर्शन
  • सोशल मीडिया पर अभियान

🌐 बाहरी स्रोतों से पुष्टि

  • https://www.patrika.com/ रिपोर्ट के अनुसार, BJP ऑफिस में लगाई आग; पुलिस पर भी बोला हमला

❓ अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

❓ लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा क्यों चाहिए?

लद्दाख के लोग अपनी भूमि, संस्कृति और संसाधनों की रक्षा के लिए राज्य का दर्जा चाहते हैं।

❓ सोनम वांगचुक कौन हैं?

वे एक सामाजिक और जलवायु कार्यकर्ता हैं, जो लद्दाख के अधिकारों के लिए लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं।

❓ संविधान की छठी अनुसूची क्या है?

यह अनुसूची जनजातीय क्षेत्रों को विशेष अधिकार और स्वायत्तता प्रदान करती है।

❓ केंद्र सरकार की अगली कार्रवाई क्या है?

6 अक्टूबर को लद्दाख के प्रतिनिधियों के साथ बैठक आयोजित की जाएगी।

🔚 निष्कर्ष: लद्दाख में उबाल, केंद्र के सामने चुनौती

लेह में हुए Gen-Z प्रदर्शन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि लद्दाख की नई पीढ़ी अपने अधिकारों को लेकर सजग और सक्रिय है। सोनम वांगचुक के नेतृत्व में उठी आवाज अब जन आंदोलन का रूप ले रही है। केंद्र सरकार के लिए यह एक निर्णायक मोड़ हो सकता है, जहां संवैधानिक सुरक्षा और राज्य के दर्जे की मांग को गंभीरता से लेना आवश्यक हो गया है।

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