“लोन अप्रूवल का राज़:” बैंक जिन 3 बातों को छुपाते हैं, वो जानिए आज

लोन अप्रूवल का राज़:” बैंक जिन 3 बातों को छुपाते हैं, वो जानिए आज

लोन अप्रूवल का राज़:” भारत में लोन लेना अब आम बात हो गई है—घर खरीदना हो, नया बिज़नेस शुरू करना हो या अचानक पैसों की ज़रूरत पड़ जाए, लोग सबसे पहले बैंक का रुख करते हैं। लेकिन क्या आपने कभी गौर किया है कि डॉक्युमेंट्स पूरे होने के बावजूद आपकी लोन एप्लिकेशन बार-बार रिजेक्ट क्यों हो जाती है?

असल में, बैंक कुछ ऐसे फैक्टर्स पर ध्यान देते हैं जो आम आदमी को शायद ही पता हों। आज हम आपको बताएंगे वो तीन छुपे हुए कारण जिनकी वजह से आपका लोन अप्रूव नहीं होता—और बैंक आपको कभी नहीं बताते।

लोन अप्रूवल का राज़:” 1️⃣ क्रेडिट स्कोर से भी ज़्यादा मायने रखता है आपका “क्रेडिट बिहेवियर”

अधिकतर लोग मानते हैं कि 750+ क्रेडिट स्कोर होना ही लोन अप्रूवल की गारंटी है। लेकिन बैंक सिर्फ नंबर नहीं देखते, वो आपके क्रेडिट बिहेवियर को भी स्कैन करते हैं।

  • क्या आपने समय पर EMI चुकाई है?
  • क्या आपने बार-बार लोन के लिए अप्लाई किया है?
  • क्या आपके पास कई क्रेडिट कार्ड हैं जिनका इस्तेमाल ज़रूरत से ज़्यादा होता है?

बैंक इन सभी बातों को ध्यान में रखते हैं। अगर आपने हाल ही में कई बार लोन के लिए अप्लाई किया है, तो बैंक को लगता है कि आप फाइनेंशियली स्ट्रेस में हैं।

📌 टिप: अपने क्रेडिट रिपोर्ट को साल में कम से कम दो बार चेक करें और अनावश्यक क्रेडिट एक्टिविटी से बचें।

लोन अप्रूवल का राज़:” 2️⃣ आपकी नौकरी और कंपनी की साख

आपकी नौकरी का प्रकार और जिस कंपनी में आप काम करते हैं, वो भी लोन अप्रूवल में अहम भूमिका निभाते हैं।

  • अगर आप किसी स्टार्टअप में काम करते हैं जिसकी फाइनेंशियल स्थिरता संदिग्ध है, तो बैंक रिस्क लेने से बचते हैं।
  • अगर आपकी नौकरी कॉन्ट्रैक्ट बेस्ड है या आपने हाल ही में जॉब बदली है, तो भी बैंक को शक होता है।

बैंक ऐसे एप्लिकेंट्स को प्राथमिकता देते हैं जो किसी प्रतिष्ठित कंपनी में लंबे समय से काम कर रहे हों।

📌 टिप: अगर आपने हाल ही में नौकरी बदली है, तो लोन अप्लाई करने से पहले कम से कम 6 महीने का वेट करें।

लोन अप्रूवल का राज़:” 3️⃣ आपकी “लोन-टू-इनकम” रेशियो

यह एक ऐसा फैक्टर है जिसे बैंक बहुत गंभीरता से लेते हैं, लेकिन आम लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं।

लोन-टू-इनकम रेशियो का मतलब है कि आपकी मासिक इनकम के मुकाबले आपकी EMI कितनी है। अगर आपकी EMI आपकी इनकम का 40% से ज़्यादा है, तो बैंक को लगता है कि आप लोन चुकाने में मुश्किल में पड़ सकते हैं।

उदाहरण के लिए:

  • अगर आपकी सैलरी ₹50,000 है और आपकी EMI ₹25,000 है, तो आपका रेशियो 50% हो गया—जो बैंक के लिए रिस्की है।

📌 टिप: लोन लेने से पहले EMI कैलकुलेटर का इस्तेमाल करें और कोशिश करें कि आपकी EMI इनकम का 30% से कम हो।

📊 कुछ और कम-ज्ञात कारण जो आपके लोन अप्रूवल को चुपचाप प्रभावित करते हैं:

  • को-एप्लिकेंट की क्रेडिट हिस्ट्री: अगर आपने किसी के साथ जॉइंट लोन लिया है, तो उनके क्रेडिट स्कोर का असर भी आपके अप्रूवल पर पड़ता है।
  • लोकेशन: कुछ बैंक कुछ शहरों या इलाकों में लोन देने से कतराते हैं, खासकर अगर वहां रिकवरी का रिस्क ज़्यादा हो।
  • पुराने लोन का बैलेंस: अगर आपके ऊपर पहले से कोई लोन चल रहा है और आपने उसका बैलेंस क्लियर नहीं किया है, तो नया लोन मिलना मुश्किल हो सकता है।

✅ लोन अप्रूवल के लिए क्या करें?

  • समय पर EMI चुकाएं
  • क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल सीमित रखें
  • नौकरी में स्थिरता बनाए रखें
  • EMI को इनकम के अनुपात में रखें
  • को-एप्लिकेंट का चुनाव सोच-समझकर करें

📣 निष्कर्ष:

बैंक लोन अप्रूवल में सिर्फ डॉक्युमेंट्स नहीं देखते, बल्कि आपकी फाइनेंशियल आदतों, नौकरी की स्थिरता और इनकम रेशियो को भी गहराई से जांचते हैं। अगर आप इन छुपे फैक्टर्स को समझकर तैयारी करेंगे, तो लोन अप्रूवल की संभावना काफी बढ़ जाएगी।

अब जब आपको ये राज़ पता चल गए हैं, तो अगली बार लोन अप्लाई करने से पहले इन बातों का ध्यान रखें—ताकि आपका सपना अधूरा न रह जाए।

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