शिवसेना विधायक संजय गायकवाड ने बाढ़ पीड़ितों के लिए दान किए ₹25 लाख, दो फ्लैट बेचकर निभाई जिम्मेदारी

🌧️ महाराष्ट्र में बाढ़ संकट के बीच शिवसेना विधायक ने पेश की संवेदनशीलता की मिसाल

महाराष्ट्र में हाल ही में आई भीषण बाढ़ ने मराठवाड़ा, विदर्भ और पश्चिमी क्षेत्रों के किसानों को गहरे संकट में डाल दिया है। इस आपदा में हजारों एकड़ फसलें नष्ट हो गईं, कई घर उजड़ गए और आत्महत्या के मामलों में भी वृद्धि देखी गई। ऐसे कठिन समय में जहां सरकार, सामाजिक संस्थाएं और धार्मिक ट्रस्ट मदद के लिए आगे आए हैं, वहीं शिवसेना (शिंदे गुट) के विधायक संजय गायकवाड ने एक अनुकरणीय कदम उठाया है।

उन्होंने अपनी दो निजी संपत्तियां बेचकर ₹25 लाख की राशि मुख्यमंत्री राहत कोष में दान की है। इसके अलावा, उन्होंने अपने एक महीने का वेतन भी इस कोष में देने का निर्णय लिया है। उनका कहना है कि किसानों और बाढ़ पीड़ितों की मदद करना इस समय उनकी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है।

🏠 दो फ्लैट बेचकर जुटाई गई राहत राशि

संजय गायकवाड ने बताया कि उन्होंने बुलढाणा जिले में स्थित अपने दो फ्लैट बेचकर यह राशि जुटाई। यह निर्णय उन्होंने तब लिया जब उन्होंने देखा कि बाढ़ से प्रभावित किसान परिवारों की स्थिति बेहद दयनीय हो चुकी है।

  • ₹25 लाख की राशि मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा की गई।
  • एक महीने का वेतन भी दान करने का संकल्प।
  • डीडी के माध्यम से राशि सीधे सरकार को सौंपी गई।

🧑‍🌾 किसानों की हालत गंभीर, आत्महत्याओं में वृद्धि

मराठवाड़ा और विदर्भ क्षेत्र में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने किसानों की कमर तोड़ दी है। खेतों में खड़ी फसलें बह गईं, घरों में पानी भर गया और कई परिवारों को पलायन करना पड़ा।

प्रमुख समस्याएं:

  1. फसलें पूरी तरह नष्ट
  2. घरों को भारी नुकसान
  3. पशुधन की हानि
  4. मानसिक तनाव और आत्महत्या की घटनाएं

🤝 जनसेवा की मिसाल: सरपंच ने भी दिया साथ

गायकवाड के इस कदम के बाद सागवान गांव के सरपंच देवा भाऊ दांडगे ने भी अपने एक साल का मानधन, लगभग ₹51,000 मुख्यमंत्री सहायता निधि में देने की घोषणा की। यह पहल दर्शाती है कि जनप्रतिनिधि जब आगे आते हैं तो समाज भी उनके साथ खड़ा होता है।

🗣️ विधायक का बयान: “यह मेरी जिम्मेदारी है”

संजय गायकवाड ने मीडिया से बातचीत में कहा:

“मुख्यमंत्री सहायता निधि में भेजे गए ₹25 लाख तुरंत उन जरूरतमंदों तक पहुंचाए जाएं जिन्हें इसकी सबसे ज्यादा आवश्यकता है। मैं आगे भी किसानों और बाढ़ पीड़ितों के लिए हर संभव मदद करता रहूंगा।”

उनका यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है और लोग उनकी सराहना कर रहे हैं।

🔍 संजय गायकवाड का राजनीतिक सफर और विवाद

58 वर्षीय संजय गायकवाड शिवसेना (शिंदे गुट) के विधायक हैं और बुलढाणा से चुने गए हैं। वे अपने बेबाक बयानों और विवादित घटनाओं के कारण अक्सर सुर्खियों में रहते हैं।

हालिया विवाद:

  • मंत्रालय की कैंटीन में खराब खाना मिलने पर कर्मचारी से मारपीट।
  • मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस घटना की निंदा की थी।

लेकिन इस बार उन्होंने अपने संवेदनशील और जिम्मेदार रूप से जनता का दिल जीत लिया है।

📣 समाज से अपील: आगे आएं और मदद करें

गायकवाड ने समाज के अन्य वर्गों से भी अपील की है कि वे आगे आकर बाढ़ प्रभावित परिवारों की मदद करें। उन्होंने कहा कि यह समय एकजुटता का है और हर सक्षम व्यक्ति को योगदान देना चाहिए।

मदद के तरीके:

  • मुख्यमंत्री राहत कोष में आर्थिक सहायता
  • खाद्य सामग्री और कपड़े दान
  • मेडिकल सहायता और शिविरों का आयोजन

📊 महाराष्ट्र में बाढ़ से हुए नुकसान का आंकलन

राज्य सरकार और आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, अब तक:

  • 12 जिलों में बाढ़ से गंभीर असर
  • 1.5 लाख हेक्टेयर फसलें नष्ट
  • 30,000 से अधिक परिवार प्रभावित
  • ₹500 करोड़ से अधिक का अनुमानित नुकसान

🌟 जनप्रतिनिधि की भूमिका: संवेदनशीलता और सेवा

संजय गायकवाड की पहल ने यह साबित किया है कि जनप्रतिनिधि केवल कानून बनाने वाले नहीं, बल्कि समाज के लिए संवेदनशील और सेवा भाव रखने वाले भी होते हैं।

इस पहल से जुड़े सकारात्मक संदेश:

  • जनसेवा सर्वोपरि
  • निजी संपत्ति का त्याग
  • समाज में एकता और सहयोग की भावना

❓ अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

Q1. संजय गायकवाड ने कितनी राशि दान की है? उन्होंने ₹25 लाख मुख्यमंत्री राहत कोष में दान किए हैं।

Q2. यह राशि कैसे जुटाई गई? उन्होंने अपने दो फ्लैट बेचकर यह राशि जुटाई।

Q3. क्या उन्होंने वेतन भी दान किया है? हां, उन्होंने अपने एक महीने का वेतन भी राहत कोष में देने का निर्णय लिया है।

Q4. महाराष्ट्र में बाढ़ से कौन-कौन से क्षेत्र प्रभावित हुए हैं? मुख्य रूप से मराठवाड़ा, विदर्भ और पश्चिम महाराष्ट्र के क्षेत्र प्रभावित हुए हैं।

Q5. क्या अन्य जनप्रतिनिधियों ने भी मदद की है? सागवान गांव के सरपंच देवा भाऊ दांडगे ने ₹51,000 की राशि दान की है।

🔚 निष्कर्ष: जनसेवा की नई परिभाषा

संजय गायकवाड की यह पहल न केवल एक संवेदनशील जनप्रतिनिधि की पहचान है, बल्कि यह समाज को एकजुट करने का संदेश भी देती है। जब नेता निजी संपत्ति का त्याग कर जनता के लिए खड़े होते हैं, तो लोकतंत्र की जड़ें और मजबूत होती हैं।

External Source: Patrika Report

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