ITR हर साल जुलाई आते ही सैलरी पाने वाले कर्मचारियों के लिए आयकर रिटर्न (ITR) भरना एक जरूरी काम बन जाता है। अगर आप नौकरीपेशा हैं और अपनी आय का सही तरीके से हिसाब देना चाहते हैं, तो ऑनलाइन ITR फाइल करना सबसे आसान और सुरक्षित तरीका है। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि सैलरी पाने वाले कर्मचारी ITR कैसे भर सकते हैं, कौन-कौन से दस्तावेज चाहिए, कौन सा फॉर्म चुनना है, और किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
🧾 ITR क्या है और क्यों जरूरी है?
ITR का मतलब
ITR, यानी इनकम टैक्स रिटर्न, एक आधिकारिक दस्तावेज होता है जिसके माध्यम से व्यक्ति अपनी वार्षिक आय और उस पर चुकाए गए टैक्स का विवरण सरकार को प्रस्तुत करता है।
ITR फाइल करने के फायदे
- टैक्स रिफंड पाने में मदद
- लोन और वीजा के लिए जरूरी दस्तावेज
- वित्तीय पारदर्शिता बनाए रखना
- भविष्य में टैक्स रिकॉर्ड के लिए सहायक
👨💼 सैलरी पाने वालों के लिए ITR फॉर्म कौन सा है?
ITR-1 (सहज)
यदि आपकी कुल वार्षिक आय ₹50 लाख से कम है और आपने किसी व्यवसाय या पूंजीगत लाभ से कोई अतिरिक्त आय नहीं अर्जित की है, तो सैलरी पाने वाले कर्मचारियों के लिए ITR-1 फॉर्म भरना सबसे उपयुक्त विकल्प माना जाता है।
ITR-1 भरने के लिए पात्रता:
- केवल सैलरी, पेंशन या एक हाउस प्रॉपर्टी से आय
- अन्य स्रोतों से आय (जैसे FD का ब्याज)
- ₹50 लाख तक की कुल आय
🖥️ ऑनलाइन ITR फाइल करने की स्टेप-बाय-स्टेप प्रक्रिया
चरण 1: जरूरी दस्तावेज तैयार करें
- पैन कार्ड
- आधार कार्ड
- फॉर्म 16 (नियोक्ता से)
- बैंक स्टेटमेंट
- निवेश प्रमाण पत्र (LIC, PPF, ELSS आदि)
- रेंट रसीद (अगर HRA क्लेम कर रहे हैं)
चरण 2: आयकर पोर्टल पर लॉगिन करें
- वेबसाइट: https://www.incometax.gov.in
- अपना PAN नंबर यूजर ID के रूप में डालें
- OTP के जरिए लॉगिन करें
चरण 3: ‘File Income Tax Return’ विकल्प चुनें
- असेसमेंट ईयर चुनें (जैसे 2025–26)
- ऑनलाइन मोड चुनें
- ITR-1 फॉर्म चुनें
चरण 4: अपनी आय और टैक्स डिटेल भरें
- फॉर्म 16 से सैलरी की जानकारी भरें
- अन्य आय जैसे FD ब्याज, किराया आदि जोड़ें
- टैक्स डिडक्शन सेक्शन 80C, 80D आदि भरें
चरण 5: टैक्स कैलकुलेशन और वैरिफिकेशन
- पोर्टल खुद टैक्स कैलकुलेट करेगा
- अगर टैक्स रिफंड बनता है तो बैंक डिटेल भरें
- फॉर्म को सबमिट करें
चरण 6: ITR वैरिफाई करें
- OTP के जरिए ई-वैरिफिकेशन करें
- या फिर आधार OTP, नेट बैंकिंग, डिमैट अकाउंट से वैरिफाई करें
📊 टैक्स बचाने के लिए जरूरी डिडक्शन
सेक्शन 80C
- LIC प्रीमियम
- PPF
- ELSS
- NSC
- ट्यूशन फीस
सेक्शन 80D
- हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम
सेक्शन 10(13A)
- HRA क्लेम
📌 किन बातों का रखें ध्यान?
- सही फॉर्म चुनें
- सभी आय स्रोतों को शामिल करें
- गलत जानकारी देने से जुर्माना लग सकता है
- समय पर फाइल करें (डेडलाइन: 31 जुलाई)
- रिफंड के लिए सही बैंक डिटेल दें
📚 उदाहरण: एक सैलरी कर्मचारी की ITR फाइलिंग यात्रा
राहुल शर्मा, एक निजी कंपनी में कार्यरत हैं और उनकी सालाना आय ₹9 लाख है। उन्होंने फॉर्म 16 के आधार पर ITR-1 फॉर्म भरा, जिसमें उन्होंने PPF और LIC के निवेश को सेक्शन 80C में क्लेम किया। उन्हें ₹12,000 का टैक्स रिफंड मिला, जो 15 दिनों में उनके बैंक खाते में आ गया।
❓ FAQs
Q1. क्या सैलरी पाने वाला व्यक्ति खुद ITR फाइल कर सकता है?
हाँ, आयकर पोर्टल पर लॉगिन करके कोई भी व्यक्ति खुद ITR फाइल कर सकता है।
Q2. ITR फाइल करने की आखिरी तारीख क्या है?
हर साल 31 जुलाई तक ITR फाइल करना जरूरी होता है।
Q3. क्या ITR फाइल करने पर टैक्स रिफंड मिलता है?
अगर आपने ज्यादा टैक्स दिया है तो रिफंड मिल सकता है।
Q4. क्या ITR फाइल करना अनिवार्य है?
अगर आपकी आय टैक्सेबल लिमिट से ऊपर है तो ITR फाइल करना जरूरी है।
Q5. ITR वैरिफिकेशन कैसे करें?
आप आधार OTP, नेट बैंकिंग या डिमैट अकाउंट से ई-वैरिफिकेशन कर सकते हैं।
📝 निष्कर्ष
सैलरी पाने वाले कर्मचारियों के लिए ITR फाइल करना न केवल एक कानूनी जिम्मेदारी है, बल्कि वित्तीय अनुशासन का भी संकेत है। सही दस्तावेज, समय पर फाइलिंग और ई-वैरिफिकेशन से यह प्रक्रिया आसान हो जाती है। टैक्स बचाने के लिए सही डिडक्शन का उपयोग करें और अपने वित्तीय भविष्य को सुरक्षित बनाएं।
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