GST Composition Scheme क्या है? एक परिचय
भारत में वस्तु एवं सेवा कर (GST) लागू होने के बाद से छोटे व्यापारियों और सेवा प्रदाताओं के लिए कर अनुपालन को सरल बनाने के उद्देश्य से कंपोजिशन स्कीम शुरू की गई थी। यह स्कीम उन व्यापारियों को राहत देती है जिनका टर्नओवर सीमित है और जो जटिल रिटर्न फाइलिंग प्रक्रिया से बचना चाहते हैं।
यह स्कीम विशेष रूप से छोटे व्यवसायों के लिए डिज़ाइन की गई है ताकि वे कम दर पर टैक्स देकर सरल तरीके से GST का पालन कर सकें।
कंपोजिशन स्कीम की पात्रता
GST Composition Scheme का लाभ उठाने के लिए कुछ विशेष शर्तें होती हैं:
✅ पात्रता मानदंड:
- वार्षिक टर्नओवर सीमा:
- सामान्य राज्यों में: ₹1.5 करोड़ तक
- पूर्वोत्तर और पहाड़ी राज्यों में: ₹75 लाख तक
- व्यवसाय का प्रकार:
- निर्माता (Manufacturer)
- खुदरा व्यापारी (Retailer)
- रेस्टोरेंट सेवाएं (Restaurant Services)
- सेवा प्रदाता:
- कुछ सेवा प्रदाताओं को भी ₹50 लाख तक के टर्नओवर पर स्कीम का लाभ मिलता है (CGST Amendment Act 2019 के तहत)
- इंटर-स्टेट सप्लाई नहीं होनी चाहिए:
- केवल इन्ट्रा-स्टेट सप्लाई की अनुमति है
- ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर बिक्री नहीं:
- Flipkart, Amazon जैसे प्लेटफॉर्म पर बिक्री करने वाले व्यापारी इस स्कीम के लिए पात्र नहीं हैं
कंपोजिशन स्कीम के लाभ
इस स्कीम के तहत व्यापारियों को कई प्रकार की राहत मिलती है:
✅ प्रमुख फायदे:
- 📌 कम टैक्स दरें:
- निर्माता: 1%
- व्यापारी: 1%
- रेस्टोरेंट सेवाएं: 5%
- सेवा प्रदाता: 6%
- 📌 सरल रिटर्न फाइलिंग:
- तिमाही GSTR-4 रिटर्न
- वार्षिक CMP-08 स्टेटमेंट
- 📌 इनवॉइसिंग में सरलता:
- टैक्स इनवॉइस की आवश्यकता नहीं
- 📌 कम अनुपालन लागत:
- CA या टैक्स कंसल्टेंट की फीस में कमी
कंपोजिशन स्कीम की सीमाएं और नुकसान
जहां एक ओर यह स्कीम छोटे व्यापारियों के लिए फायदेमंद है, वहीं इसके कुछ नुकसान भी हैं:
❌ प्रमुख सीमाएं:
- ❗ इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का लाभ नहीं मिलता
- ❗ अंतरराज्यीय व्यापार की अनुमति नहीं
- ❗ ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर बिक्री प्रतिबंधित
- ❗ कंपोजिशन डीलर को टैक्स इनवॉइस जारी करने की अनुमति नहीं
❌ व्यावसायिक विस्तार में बाधा:
कई व्यापारी जो अपने व्यवसाय को राष्ट्रीय स्तर पर फैलाना चाहते हैं, उन्हें इस स्कीम से बाहर आना पड़ता है क्योंकि इंटर-स्टेट सप्लाई की अनुमति नहीं है।
कंपोजिशन स्कीम में रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया
यदि कोई व्यापारी इस स्कीम का लाभ लेना चाहता है, तो उसे नीचे दिए गए स्टेप्स फॉलो करने होंगे:
📝 रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया:
- GST पोर्टल पर लॉगिन करें
- ‘Application to Opt for Composition Scheme’ फॉर्म भरें
- आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें
- आवेदन की पुष्टि करें
स्कीम से बाहर निकलने की प्रक्रिया
यदि कोई व्यापारी स्कीम से बाहर निकलना चाहता है, तो उसे GST पोर्टल पर ‘Withdrawal from Composition Scheme’ फॉर्म भरना होता है। इसके बाद उसे नियमित टैक्स पेयर की तरह रिटर्न फाइल करना होता है।
कंपोजिशन स्कीम बनाम रेगुलर स्कीम
विशेषता | कंपोजिशन स्कीम | रेगुलर स्कीम |
---|---|---|
टैक्स दर | कम (1%-6%) | मानक दर (5%-28%) |
ITC लाभ | नहीं मिलता | मिलता है |
रिटर्न फाइलिंग | तिमाही | मासिक |
इनवॉइसिंग | सिंपल बिल | टैक्स इनवॉइस |
इंटर-स्टेट सप्लाई | नहीं | हां |
विशेषज्ञों की राय
टैक्स विशेषज्ञों का मानना है कि कंपोजिशन स्कीम छोटे व्यापारियों के लिए एक अच्छा विकल्प है, लेकिन जैसे-जैसे व्यवसाय बढ़ता है, रेगुलर स्कीम में शिफ्ट करना अधिक लाभकारी हो सकता है।
External Source: CBIC Composition Scheme Guidelines
निष्कर्ष
GST Composition Scheme छोटे व्यापारियों के लिए एक सरल और किफायती विकल्प है। हालांकि इसके कुछ प्रतिबंध हैं, लेकिन सीमित टर्नओवर वाले व्यवसायों के लिए यह स्कीम अनुपालन को आसान बनाती है। व्यापारियों को अपने व्यवसाय की प्रकृति और विस्तार योजनाओं को ध्यान में रखते हुए इस स्कीम का चुनाव करना चाहिए।
✅ Suggested FAQs (FAQ Schema Friendly)
❓ GST Composition Scheme क्या है?
यह एक वैकल्पिक कर योजना है जो छोटे व्यापारियों को कम दर पर टैक्स भुगतान की सुविधा देती है।
❓ कौन-कौन इस स्कीम के लिए पात्र हैं?
वे व्यापारी जिनका वार्षिक टर्नओवर ₹1.5 करोड़ (या ₹75 लाख) से कम है।
❓ क्या कंपोजिशन स्कीम में ITC मिलता है?
नहीं, इस स्कीम में इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ नहीं मिलता।
❓ क्या मैं Flipkart या Amazon पर बिक्री कर सकता हूँ?
नहीं, कंपोजिशन डीलर ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर बिक्री नहीं कर सकते।
❓ स्कीम से बाहर कैसे निकलें?
GST पोर्टल पर ‘Withdrawal from Composition Scheme’ फॉर्म भरकर स्कीम से बाहर निकला जा सकता है।
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