भारत में घर खरीदना न केवल एक भावनात्मक निर्णय होता है, बल्कि वित्तीय दृष्टिकोण से भी यह एक महत्वपूर्ण निवेश है। 2025 में होम लोन लेने वालों के लिए टैक्स छूट के कई विकल्प उपलब्ध हैं, जो आयकर अधिनियम के विभिन्न सेक्शनों के तहत आते हैं। यह रिपोर्ट विस्तार से बताती है कि कैसे आप इन छूटों का लाभ उठा सकते हैं।
📘 टैक्स छूट का कानूनी आधार
आयकर अधिनियम की प्रमुख धाराएं
होम लोन पर टैक्स छूट मुख्य रूप से निम्नलिखित सेक्शनों के तहत दी जाती है:
- सेक्शन 80C – मूलधन (Principal) पर छूट
- सेक्शन 24(b) – ब्याज (Interest) पर छूट
- सेक्शन 80EE और 80EEA – पहली बार घर खरीदने वालों के लिए अतिरिक्त लाभ
💡 सेक्शन 80C के तहत छूट
क्या है लाभ?
- ₹1.5 लाख तक की छूट प्रति वित्तीय वर्ष
- केवल मूलधन के भुगतान पर लागू
- घर का निर्माण पूरा होना चाहिए
- संपत्ति को 5 वर्षों तक बेचना नहीं चाहिए
पात्रता की शर्तें
- लोन किसी मान्यता प्राप्त बैंक या वित्तीय संस्था से लिया गया हो
- घर खरीदार को मालिकाना हक होना चाहिए
- घर का निर्माण पूरा हो चुका हो
💰 सेक्शन 24(b) के तहत ब्याज पर छूट
मुख्य लाभ
- ₹2 लाख तक की छूट प्रति वर्ष
- केवल स्व-निवास (Self-occupied) संपत्ति पर लागू
- निर्माण पूरा होने के बाद ही छूट मान्य
विशेष स्थिति
- यदि घर किराए पर दिया गया है, तो ब्याज की पूरी राशि पर छूट मिल सकती है
- निर्माणाधीन संपत्ति पर ब्याज की छूट 5 वर्षों में समान रूप से बाँटी जाती है
🏡 पहली बार घर खरीदने वालों के लिए अतिरिक्त छूट
सेक्शन 80EE
- ₹50,000 तक की अतिरिक्त छूट
- लोन ₹35 लाख से कम होना चाहिए
- संपत्ति की कीमत ₹50 लाख से कम होनी चाहिए
- लोन 1 अप्रैल 2016 से 31 मार्च 2017 के बीच लिया गया हो
सेक्शन 80EEA (2025 में लागू)
- ₹1.5 लाख तक की अतिरिक्त छूट
- लोन 1 अप्रैल 2019 से 31 मार्च 2022 के बीच लिया गया हो
- घर की कीमत ₹45 लाख से कम होनी चाहिए
- खरीदार के पास पहले से कोई घर नहीं होना चाहिए
📄 टैक्स छूट के लिए आवश्यक दस्तावेज़
- लोन सैंक्शन लेटर
- ब्याज प्रमाण पत्र (Interest Certificate)
- प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन डॉक्युमेंट
- भुगतान रसीदें
- निर्माण पूर्णता प्रमाण पत्र (Completion Certificate)
🧮 टैक्स छूट का उदाहरण
मान लीजिए किसी व्यक्ति ने ₹40 लाख का होम लोन लिया है:
- मूलधन भुगतान: ₹1.5 लाख → सेक्शन 80C
- ब्याज भुगतान: ₹2 लाख → सेक्शन 24(b)
- पहली बार खरीदार → ₹1.5 लाख → सेक्शन 80EEA
👉 कुल टैक्स छूट: ₹5 लाख तक
🔍 2025 में टैक्स छूट के नए बदलाव
वित्त वर्ष 2025–26 में सरकार ने निम्नलिखित बदलाव किए हैं:
- डिजिटल दस्तावेज़ीकरण अनिवार्य
- ई-फाइलिंग के लिए नया पोर्टल लॉन्च
- सेक्शन 80EEA की समय सीमा बढ़ाई गई
- संपत्ति की वैल्यू सीमा ₹50 लाख तक की गई
📊 टैक्स छूट लेने की प्रक्रिया
चरणबद्ध तरीका:
- लोन सैंक्शन और प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन
- ब्याज प्रमाण पत्र प्राप्त करें
- आयकर रिटर्न फॉर्म में सही सेक्शन चुनें
- दस्तावेज़ अपलोड करें
- ई-वेरिफिकेशन करें
📌 ध्यान देने योग्य बातें
- केवल स्व-निवास संपत्ति पर ₹2 लाख की ब्याज छूट
- निर्माण पूरा होने के बाद ही छूट मान्य
- किराए पर दी गई संपत्ति पर ब्याज की पूरी राशि पर छूट
- टैक्स छूट लेने के लिए समय पर दस्तावेज़ जमा करें
❓ अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
होम लोन पर टैक्स छूट कितनी मिल सकती है?
आप ₹5 लाख तक की टैक्स छूट ले सकते हैं यदि आप सभी सेक्शनों के तहत पात्र हैं।
क्या निर्माणाधीन संपत्ति पर छूट मिलती है?
निर्माण पूरा होने के बाद ही छूट मान्य होती है। निर्माणाधीन संपत्ति पर ब्याज की छूट 5 वर्षों में बाँटी जाती है।
क्या किराए पर दिए गए घर पर भी छूट मिलती है?
हाँ, किराए पर दी गई संपत्ति पर ब्याज की पूरी राशि पर छूट मिल सकती है।
क्या दोनों पति-पत्नी टैक्स छूट ले सकते हैं?
यदि दोनों को-ऑनर और को-बॉरोर हैं, तो दोनों अलग-अलग छूट ले सकते हैं।
📌 निष्कर्ष
2025 में होम लोन पर टैक्स छूट लेना पहले से अधिक आसान और डिजिटल हो गया है। आयकर अधिनियम के विभिन्न सेक्शनों के तहत आप ₹5 लाख तक की छूट प्राप्त कर सकते हैं। सही दस्तावेज़, समय पर फाइलिंग और नियमों की जानकारी से आप इस लाभ को पूरी तरह प्राप्त कर सकते हैं।
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