2025 में भारत में डिजिटल भुगतान की तेज़ी: UPI, RBI-DPI और फिनटेक का विस्तार

भारत में डिजिटल भुगतान प्रणाली ने 2025 में अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज की है। भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी डिजिटल पेमेंट्स इंडेक्स (RBI-DPI) मार्च 2025 में 493.22 तक पहुँच गया, जो देश में डिजिटल लेनदेन की बढ़ती प्रवृत्ति और तकनीकी नवाचारों की सफलता को दर्शाता है2।

RBI-DPI: डिजिटल भुगतान की प्रगति का सूचक

RBI-DPI क्या है?

भारतीय रिज़र्व बैंक ने जनवरी 2021 में डिजिटल पेमेंट्स इंडेक्स (RBI-DPI) की शुरुआत की, जो देश में डिजिटल लेनदेन की प्रगति को आंकने वाला एक व्यापक सूचकांक है। इसका आधार वर्ष मार्च 2018 निर्धारित किया गया है, जिसे 100 का स्कोर दिया गया था।

सूचकांक के घटक

  • भुगतान सक्षमकर्ता (25%)
  • भुगतान अधोसंरचना – आपूर्ति पक्ष (10%)
  • भुगतान अधोसंरचना – मांग पक्ष (10%)
  • भुगतान प्रदर्शन (45%)
  • उपभोक्ता-केंद्रितता (5%)

RBI-DPI के आंकड़े

वर्ष/अवधिस्कोर
मार्च 2018100
मार्च 2019153.47
मार्च 2020207.84
मार्च 2021270.59
मार्च 2022349.30
मार्च 2023395.57
मार्च 2024445.50
सितंबर 2024465.33
मार्च 2025493.22

इस वृद्धि से स्पष्ट है कि भारत में डिजिटल भुगतान का दायरा लगातार बढ़ रहा है2।

UPI का प्रभुत्व और QR कोड का विस्तार

UPI की भूमिका

यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) भारत में सबसे लोकप्रिय डिजिटल भुगतान प्रणाली बन चुकी है। 2025 में UPI के माध्यम से प्रतिदिन करोड़ों लेनदेन हो रहे हैं।

QR कोड आधारित भुगतान

  • छोटे दुकानदारों से लेकर मॉल तक QR कोड स्कैन कर भुगतान करना आम हो गया है।
  • RBI के अनुसार, QR कोड की उपलब्धता देश के कोने-कोने में बढ़ी है।

भुगतान प्रदर्शन में सुधार

  • IMPS, NEFT, और इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से विविध लेनदेन हो रहे हैं।
  • लेनदेन की संख्या और मूल्य दोनों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

डिजिटल भुगतान का ग्रामीण विस्तार

टियर-2 और टियर-3 शहरों में पहुंच

सरकार और RBI की पहल से छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल भुगतान का विस्तार हुआ है। Payment Infrastructure Development Fund (PIDF) के तहत 4.77 करोड़ डिजिटल टचपॉइंट्स लगाए गए हैं।

MSMEs और छोटे व्यापारियों को लाभ

  • डिजिटल भुगतान से छोटे व्यापारियों को ग्राहकों तक सीधी पहुंच मिली।
  • नकदी पर निर्भरता कम हुई और औपचारिक वित्तीय प्रणाली में भागीदारी बढ़ी।

डिजिटल इंडिया अभियान की भूमिका

सरकारी पहलें

  • BHIM ऐप का प्रचार
  • NPCI द्वारा नए उत्पादों का विकास
  • GST और आयकर में डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहन

फिनटेक नवाचार

  • नए स्टार्टअप्स ने डिजिटल भुगतान को सरल और सुरक्षित बनाया।
  • स्मार्टफोन की बढ़ती पहुंच ने उपयोगकर्ताओं को सशक्त किया।

[Read Also: मुख्यमंत्री प्रतिज्ञा योजना 2025: युवाओं को मिलेगा ₹6,000 तक मासिक स्टाइपेंड]

डिजिटल भुगतान के लाभ

प्रमुख फायदे

  1. तेज और सुरक्षित लेनदेन
  2. पारदर्शिता और ट्रैकिंग की सुविधा
  3. कैशलेस अर्थव्यवस्था की ओर कदम
  4. वित्तीय समावेशन में वृद्धि

उपभोक्ता अनुभव

  • 24×7 भुगतान की सुविधा
  • बिना बैंक डिटेल्स के ट्रांजैक्शन
  • मोबाइल ऐप्स के माध्यम से सरल उपयोग

चुनौतियाँ और समाधान

प्रमुख चुनौतियाँ

  • साइबर सुरक्षा का खतरा
  • डिजिटल साक्षरता की कमी
  • नेटवर्क बाधाएं

समाधान

  • साइबर सुरक्षा उपायों को मजबूत करना
  • डिजिटल साक्षरता अभियान
  • तकनीकी इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश

वैश्विक परिप्रेक्ष्य

अन्य देशों की पहल

  • चीन ने डिजिटल युआन लॉन्च किया।
  • अमेरिका और यूरोप में CBDC पर कार्य जारी है।

भारत की स्थिति

  • ई-रुपया और UPI ने भारत को वैश्विक डिजिटल भुगतान मानचित्र पर स्थापित किया है।
  • RBI-DPI वैश्विक मानकों के अनुरूप प्रगति को दर्शाता है।

निष्कर्ष

2025 में भारत में डिजिटल भुगतान प्रणाली ने उल्लेखनीय प्रगति की है। RBI-DPI का 493.22 तक पहुँचना, UPI और QR कोड का विस्तार, और सरकार की पहलें इस क्षेत्र को नई ऊंचाइयों तक ले जा रही हैं। भारत अब एक मजबूत डिजिटल अर्थव्यवस्था की ओर अग्रसर है।

📚 FAQs

Q1: RBI-DPI क्या है और इसका उद्देश्य क्या है?

RBI-DPI एक सूचकांक है जो भारत में डिजिटल भुगतान के स्तर को मापता है। इसका उद्देश्य नीति निर्माण और प्रगति की निगरानी करना है।

Q2: 2025 में RBI-DPI कितना रहा?

मार्च 2025 में RBI-DPI बढ़कर 493.22 तक पहुँच गया, जो डिजिटल भुगतान में वृद्धि को दर्शाता है।

Q3: UPI का भारत में क्या योगदान है?

UPI ने भारत में डिजिटल भुगतान को सरल, तेज और व्यापक बनाया है। यह सबसे लोकप्रिय भुगतान प्रणाली बन चुकी है।

Q4: PIDF योजना क्या है?

Payment Infrastructure Development Fund योजना के तहत टियर-3 से टियर-6 शहरों में डिजिटल टचपॉइंट्स लगाए गए हैं।

Q5: डिजिटल भुगतान की प्रमुख चुनौतियाँ क्या हैं?

साइबर सुरक्षा, डिजिटल साक्षरता की कमी और नेटवर्क बाधाएं प्रमुख चुनौतियाँ हैं।

अगर आपको यह लेख उपयोगी लगा हो, तो इसे शेयर करें और दूसरों को भी जागरूक करें। NEWSWELL24.COM पर हम ऐसे ही जरूरी और भरोसेमंद जानकारी लाते रहते हैं।

यह भी पढ़े : मोबाइल से PF निकालना हुआ आसान: EPFO ऑनलाइन प्रक्रिया की पूरी जानकारी

Leave a Comment

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now