अफगानिस्तान में भूकंप से तबाही: 800 से अधिक मौतें, 2500 घायल

1 सितंबर 2025 को देर रात अफगानिस्तान के पूर्वी हिस्से में आए शक्तिशाली भूकंप और उसके बाद के कई आफ्टरशॉक्स ने कुनार और नंगरहार प्रांतों में भारी तबाही मचाई। इस प्राकृतिक आपदा में अब तक 800 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और 2500 से ज्यादा घायल हुए हैं।

📍 भूकंप की तीव्रता और प्रभाव

USGS के अनुसार भूकंप का विवरण:

  • ⏰ समय: रात 11:45 बजे (स्थानीय समय)
  • 📍 स्थान: जलालाबाद से 27 किलोमीटर दूर
  • 🌍 गहराई: 8 किलोमीटर
  • 📊 तीव्रता: मुख्य झटका के बाद 5 आफ्टरशॉक्स, सबसे शक्तिशाली 5.2 तीव्रता का

अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) के अनुसार, इस भूकंप को 1.2 मिलियन से अधिक लोगों ने महसूस किया। झटके इतने तीव्र थे कि राजधानी काबुल से लेकर पाकिस्तान के इस्लामाबाद तक इमारतें हिल गईं।

🏚️ सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र: कुनार और नंगरहार

कुनार प्रांत:

  • 👥 मृतक: लगभग 800
  • 🚑 घायल: 2500+
  • 🏘️ घरों की स्थिति: अधिकांश मिट्टी की दीवारों वाले घर ध्वस्त

नंगरहार प्रांत:

  • 👥 मृतक: 12
  • 🚑 घायल: 255

अफगानिस्तान के गृह मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल मतीन क़ानी ने बताया कि “कई घर पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं।” संयुक्त राष्ट्र की प्रवासन एजेंसी ने चेतावनी दी कि कुनार के कई गांव अभी भी सड़क अवरोधों के कारण पहुंच से बाहर हैं।

🚁 राहत और बचाव कार्य

तालिबान सरकार और संयुक्त राष्ट्र ने मिलकर राहत कार्य शुरू कर दिए हैं। रक्षा मंत्रालय के अनुसार अब तक 40 हवाई उड़ानें राहत सामग्री और बचाव दलों को प्रभावित क्षेत्रों में भेज चुकी हैं।

स्थानीय प्रयास:

  • ग्रामीणों ने खुद सड़कें साफ करने की कोशिश की
  • सीमित टेलीकॉम नेटवर्क के कारण संचार बाधित
  • कई गांवों में महिलाएं और बच्चे भयभीत होकर चीखते-चिल्लाते देखे गए

कुनार के नुरगल जिले के कृषि विभाग के एक सदस्य ने बताया कि “लोगों में भय और तनाव है। हमने अपने जीवन में ऐसा कुछ पहले कभी नहीं देखा।”

🧭 भूकंप का सामाजिक और मानवीय प्रभाव

इस क्षेत्र में रहने वाले कई लोग वे हैं जो हाल के वर्षों में ईरान और पाकिस्तान से लौटे हैं। अनुमान है कि पिछले कुछ वर्षों में 40 लाख से अधिक अफगान नागरिक वापस लौटे हैं और अपने घर बनाने की कोशिश कर रहे थे।

तालिबान सरकार ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से सहायता की अपील की है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा, “मैं अफगानिस्तान के लोगों के साथ पूरी एकजुटता में खड़ा हूं।”

🌍 अफगानिस्तान में भूकंप की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

अफगानिस्तान हिंदू कुश पर्वत श्रृंखला के पास स्थित है, जहां यूरेशियन और भारतीय टेक्टोनिक प्लेटें मिलती हैं। यह क्षेत्र भूकंप के लिए अत्यधिक संवेदनशील है।

हाल के वर्षों में प्रमुख भूकंप:

  1. अक्टूबर 2023 – हेरात प्रांत में 6.3 तीव्रता का भूकंप, 1500+ मौतें
  2. जून 2022 – पक्तिका प्रांत में 5.9 तीव्रता का भूकंप, 1000+ मौतें
  3. सितंबर 2025 – नंगरहार में बाढ़, 5 मौतें, फसलें नष्ट

📉 मानवीय संकट और विदेशी सहायता की कमी

अफगानिस्तान पहले से ही चार दशकों के युद्ध और राजनीतिक अस्थिरता से जूझ रहा है। तालिबान के सत्ता में लौटने के बाद विदेशी सहायता में भारी कटौती हुई है, जिससे आपदा प्रबंधन की क्षमता प्रभावित हुई है।

चुनौतियाँ:

  • सीमित स्वास्थ्य सेवाएं
  • राहत सामग्री की कमी
  • दूरस्थ क्षेत्रों में पहुंच बाधित

🌐 अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

भूकंप के बाद कई देशों ने अफगानिस्तान के प्रति संवेदना व्यक्त की है। संयुक्त राष्ट्र, रेड क्रॉस और अन्य अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां राहत कार्यों में सहयोग कर रही हैं।

[External Source: USGS Earthquake Map – https://earthquake.usgs.gov]

📋 प्रमुख तथ्य संक्षेप में

  • भूकंप की तीव्रता: 5.2 (सबसे शक्तिशाली आफ्टरशॉक)
  • प्रभावित क्षेत्र: कुनार और नंगरहार
  • कुल मृतक: 812+
  • कुल घायल: 2755+
  • राहत उड़ानें: 40+
  • घरों की स्थिति: मिट्टी के बने घरों का भारी नुकसान

❓FAQs

Q1: अफगानिस्तान में भूकंप कब आया?

1 सितंबर 2025 को रात लगभग 11:45 बजे।

Q2: सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र कौन से हैं?

कुनार और नंगरहार प्रांत।

Q3: कितने लोग मारे गए हैं?

अब तक 800 से अधिक लोगों की मौत की पुष्टि हुई है।

Q4: क्या राहत कार्य जारी हैं?

हां, तालिबान सरकार और संयुक्त राष्ट्र मिलकर राहत कार्य चला रहे हैं।

Q5: क्या यह क्षेत्र पहले भी भूकंप से प्रभावित हुआ है?

जी हां, हाल के वर्षों में कई बार भूकंप और बाढ़ से तबाही हुई है।

🔚 निष्कर्ष

अफगानिस्तान में आए इस शक्तिशाली भूकंप ने एक बार फिर देश की आपदा प्रबंधन प्रणाली और मानवीय संकट को उजागर कर दिया है। राहत कार्य जारी हैं, लेकिन दूरस्थ क्षेत्रों तक पहुंच और संसाधनों की कमी बड़ी चुनौती बनी हुई है। अंतरराष्ट्रीय सहयोग और दीर्घकालिक पुनर्निर्माण योजनाएं इस संकट से उबरने में अहम भूमिका निभा सकती हैं।

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