भारत का कूलिंग एक्शन प्लान 2025: पर्यावरण नीति में ऐतिहासिक कदम

भारत सरकार ने राष्ट्रीय कूलिंग एक्शन प्लान (India Cooling Action Plan – ICAP) की घोषणा की है, जिसे जलवायु परिवर्तन से निपटने और ऊर्जा दक्षता बढ़ाने के लिए ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य बढ़ती ठंडक की मांग (Cooling Demand) को संतुलित करना, ऊर्जा खपत को कम करना और पर्यावरणीय प्रभावों को न्यूनतम करना है।


🌍 कूलिंग एक्शन प्लान क्या है?

भारत का कूलिंग एक्शन प्लान (ICAP) 2019 में पहली बार नीति आयोग और पर्यावरण मंत्रालय द्वारा तैयार किया गया था। 2025 में इसके अद्यतन संस्करण को लागू करने का लक्ष्य रखा गया है। यह एक दीर्घकालिक रणनीति है, जो 2037-38 तक भारत में कूलिंग सेक्टर की आवश्यकताओं और उनके समाधानों को कवर करती है।

इस योजना के प्रमुख उद्देश्य:

  • 2037-38 तक कूलिंग मांग में 20–25% की कमी
  • रेफ्रिजरेंट डिमांड (गैस) में 25–30% की कमी
  • भवनों में कूलिंग लोड घटाना
  • ऊर्जा दक्षता वाले उपकरणों को बढ़ावा देना
  • सतत शहरी विकास को प्रोत्साहित करना

📊 भारत में कूलिंग डिमांड की बढ़ती चुनौती

भारत एक तेजी से शहरीकरण करने वाला देश है, जहां एयर कंडीशनर और रेफ्रिजरेशन की मांग लगातार बढ़ रही है। अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में आने वाले दशकों में कूलिंग की मांग तीन गुना तक बढ़ सकती है।

क्यों बढ़ रही है कूलिंग की जरूरत?

  1. जलवायु परिवर्तन और गर्मी की लहरें – हर साल बढ़ता तापमान।
  2. शहरीकरण और जनसंख्या वृद्धि – अधिक घरों और दफ्तरों में एसी की मांग।
  3. उद्योगों और कोल्ड-चेन की जरूरतें – खाद्य और फार्मा सेक्टर में कोल्ड स्टोरेज।
  4. जीवनशैली में बदलाव – आरामदायक जीवन के लिए रेफ्रिजरेशन पर निर्भरता।

🏛️ सरकार की रणनीति और नीतिगत पहल

भारत सरकार ने ICAP 2025 के तहत कई नई रणनीतियां पेश की हैं:

🔹 ऊर्जा दक्ष उपकरणों को बढ़ावा

  • बीईई (Bureau of Energy Efficiency) द्वारा स्टार रेटिंग सिस्टम को और सख्त किया जाएगा।
  • एसी और रेफ्रिजरेटर में इको-फ्रेंडली गैस का इस्तेमाल।

🔹 ग्रीन बिल्डिंग्स और सस्टेनेबल अर्बन प्लानिंग

  • नए भवनों में नेचुरल वेंटिलेशन और इन्सुलेशन को अनिवार्य बनाना।
  • स्मार्ट सिटी मिशन के तहत ग्रीन हाउसिंग को बढ़ावा।

🔹 रिसर्च और टेक्नोलॉजी

  • कूलिंग तकनीक में इनोवेशन के लिए राष्ट्रीय अनुसंधान कार्यक्रम
  • सोलर कूलिंग और नेचुरल रेफ्रिजरेंट्स का इस्तेमाल।

🔹 रोजगार सृजन

  • कूलिंग सेक्टर में 2 लाख से अधिक नई नौकरियों का लक्ष्य।
  • तकनीकी प्रशिक्षण और स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम।

🌐 वैश्विक स्तर पर भारत की भूमिका

भारत का कूलिंग एक्शन प्लान सिर्फ घरेलू नीति नहीं है, बल्कि यह वैश्विक जलवायु प्रतिबद्धताओं से भी जुड़ा है।

  • भारत ने मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल – किगाली संशोधन (Kigali Amendment) पर हस्ताक्षर किए हैं।
  • इसका लक्ष्य Hydrofluorocarbons (HFCs) का इस्तेमाल घटाना है, जो ग्रीनहाउस गैसों में शामिल हैं।
  • संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) ने भी भारत की इस पहल की सराहना की है।

External Source: UNEP Report on India’s Cooling Action Plan


💡 कूलिंग सेक्टर से जुड़े प्रमुख तथ्य

  • भारत में एयर कंडीशनर बाजार 2024 तक 30 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान।
  • देश में अभी केवल 8% परिवारों के पास एसी है, जबकि अमेरिका में यह संख्या 90% है।
  • कोल्ड-चेन इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी के कारण भारत में हर साल लगभग 20% कृषि उत्पाद खराब हो जाते हैं।

📌 कूलिंग एक्शन प्लान से आम जनता को क्या लाभ?

  1. बिजली बिल में कमी – ऊर्जा दक्ष उपकरणों से बचत।
  2. बेहतर स्वास्थ्य – हीटवेव और गर्मी से सुरक्षा।
  3. कृषि लाभ – कोल्ड स्टोरेज से किसानों की आय में वृद्धि।
  4. नई नौकरियां – तकनीकी और निर्माण क्षेत्र में अवसर।

📉 संभावित चुनौतियां

हालांकि यह योजना महत्वाकांक्षी है, लेकिन इसके क्रियान्वयन में कई बाधाएं हैं:

  • सस्ती और सुलभ इको-फ्रेंडली टेक्नोलॉजी की कमी।
  • ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति की समस्या।
  • नई नीतियों को लागू करने के लिए पर्याप्त फंडिंग।
  • उपभोक्ताओं की जागरूकता और मानसिकता में बदलाव की आवश्यकता।

📑 निष्कर्ष

भारत का कूलिंग एक्शन प्लान 2025 पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। यह न केवल ऊर्जा खपत और प्रदूषण को कम करेगा, बल्कि आम जनता को भी सीधे लाभ पहुंचाएगा। सफल क्रियान्वयन से भारत जलवायु परिवर्तन की लड़ाई में वैश्विक नेतृत्व की भूमिका निभा सकता है


❓ FAQs – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

Q1. भारत का कूलिंग एक्शन प्लान कब शुरू हुआ?
– यह योजना 2019 में पहली बार लाई गई थी और 2025 में इसके अद्यतन संस्करण की शुरुआत हुई है।

Q2. ICAP का मुख्य उद्देश्य क्या है?
– इसका मुख्य उद्देश्य ऊर्जा खपत घटाना, प्रदूषण कम करना और सतत कूलिंग समाधान विकसित करना है।

Q3. आम जनता को इससे क्या फायदा होगा?
– बिजली बिलों में कमी, हीटवेव से सुरक्षा, कृषि उत्पादों का संरक्षण और रोजगार अवसर।

Q4. क्या यह योजना वैश्विक प्रतिबद्धताओं से जुड़ी है?
– हां, यह मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल और किगाली संशोधन से सीधा जुड़ा है।

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