प्रस्तावना: बचत महोत्सव पर उठे सवाल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित ‘बचत महोत्सव’ को लेकर राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने इस पहल को खारिज करते हुए केंद्र सरकार की GST नीतियों पर तीखा प्रहार किया है।
🏛️ इमरान मसूद का तीखा बयान: ‘बचत महोत्सव कैसे?’
कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने रविवार को सहारनपुर में मीडिया से बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘बचत महोत्सव’ संबोधन को आड़े हाथों लिया। उन्होंने दावा किया कि पिछले आठ वर्षों में केंद्र सरकार ने GST के माध्यम से 55 लाख करोड़ रुपए की अतिरिक्त वसूली की है।
🗣️ मसूद के मुख्य आरोप:
- “बचत महोत्सव कैसे? जब 55 लाख करोड़ रुपए वसूले जा चुके हैं।”
- “छोटे व्यापारियों की रीढ़ GST ने तोड़ दी है।”
- “फिनिश गुड्स पर 5% टैक्स लगाकर व्यापारियों को संकट में डाल दिया गया।”
- “5% और 18% टैक्स स्लैब के बीच का अंतर व्यापारी कैसे संभाले?”
मसूद ने कहा कि सरकार की नीतियों ने बाजार में छोटे व्यापारियों को हाशिए पर धकेल दिया है। उन्होंने GST को ‘गब्बर सिंह टैक्स’ बताते हुए कहा कि यह व्यवस्था व्यापारियों के लिए बोझ बन गई है।
📉 अर्थव्यवस्था पर चिंता: ‘जुमलेबाजी से देश नहीं चलेगा’
इमरान मसूद ने देश की आर्थिक स्थिति पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि केवल नारों और प्रचार से देश नहीं चल सकता। उन्होंने बेरोजगारी, आत्मनिर्भर भारत अभियान और विदेशी निर्भरता को लेकर सरकार की आलोचना की।
🔍 मसूद के आर्थिक सवाल:
- “रोजगार कहां है?”
- “आत्मनिर्भर भारत में क्या वाकई आत्मनिर्भरता आई?”
- “क्या चीन के बिना दवाइयां बन सकती हैं?”
- “क्या भारत में स्वदेशी उत्पादन हो रहा है?”
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने पड़ोसी देशों के साथ संबंध बिगाड़े हैं और देश को गलत दिशा में ले जा रही है।
🧾 GST सुधारों पर सरकार का पक्ष
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में अपने संबोधन में GST सुधारों को ‘बचत महोत्सव’ बताया था। उन्होंने दावा किया कि इन सुधारों से देशवासियों को 2.5 लाख करोड़ रुपए की बचत हुई है।
📊 सरकार के दावे:
- GST से टैक्स प्रणाली सरल हुई।
- उपभोक्ताओं को वस्तुओं पर कम टैक्स देना पड़ा।
- व्यापारियों को एकीकृत टैक्स प्रणाली से लाभ मिला।
हालांकि विपक्ष इन दावों को खारिज कर रहा है और इसे ‘जुमलेबाजी’ करार दे रहा है।
🧨 विपक्ष का तीखा हमला: खड़गे भी बोले
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी GST को लेकर सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि GST को ‘गब्बर सिंह टैक्स’ बनाकर सरकार ने 55 लाख करोड़ रुपए की अतिरिक्त वसूली की है।
🗯️ खड़गे के आरोप:
- मामूली राहत को ‘उत्सव’ का नाम देना जनता के साथ मजाक है।
- GST ने छोटे व्यापारियों को नुकसान पहुंचाया है।
- सरकार केवल प्रचार में व्यस्त है, जमीनी हकीकत अलग है।
🧮 GST: एक नजर में
GST (वस्तु एवं सेवा कर) को 1 जुलाई 2017 को लागू किया गया था। इसका उद्देश्य था टैक्स प्रणाली को सरल बनाना और केंद्र व राज्य सरकारों के टैक्स को एकीकृत करना।
📌 GST के प्रमुख स्लैब:
- 0%: आवश्यक वस्तुएं
- 5%: रोजमर्रा की वस्तुएं
- 12%: सामान्य उपयोग की वस्तुएं
- 18%: सेवाएं और कई उत्पाद
- 28%: लक्जरी वस्तुएं
हालांकि व्यापारियों का कहना है कि स्लैब की जटिलता और अनुपालन की कठिनाइयों ने उन्हें परेशान किया है।
🧠 विश्लेषण: क्या वाकई बचत हुई?
सरकार के अनुसार GST से उपभोक्ताओं को राहत मिली है, लेकिन विपक्ष का कहना है कि यह राहत केवल आंकड़ों में है। बाजार में वस्तुओं की कीमतें बढ़ी हैं और छोटे व्यापारी संकट में हैं।
📉 विपक्ष के तर्क:
- GST से पहले वस्तुओं पर टैक्स कम था।
- GST के बाद इनपुट टैक्स क्रेडिट की प्रक्रिया जटिल हो गई।
- छोटे व्यापारी डिजिटल अनुपालन में पिछड़ गए।
🧾 जनता की प्रतिक्रिया
सहारनपुर और आसपास के क्षेत्रों में व्यापारियों ने इमरान मसूद के बयान का समर्थन किया। उनका कहना है कि GST लागू होने के बाद उनकी बिक्री में गिरावट आई है और टैक्स भरने की प्रक्रिया जटिल हो गई है।
🛍️ व्यापारियों की समस्याएं:
- स्टॉक क्लीयरेंस में दिक्कत
- टैक्स स्लैब की जटिलता
- डिजिटल रिटर्न फाइलिंग की कठिनाई
❓ FAQs
❓ GST से कितनी बचत हुई है?
सरकार के अनुसार GST सुधारों से देशवासियों को 2.5 लाख करोड़ रुपए की बचत हुई है।
❓ इमरान मसूद ने क्या आरोप लगाए?
उन्होंने कहा कि सरकार ने 55 लाख करोड़ रुपए अतिरिक्त वसूले हैं और छोटे व्यापारियों को नुकसान पहुंचाया है।
❓ GST को ‘गब्बर सिंह टैक्स’ क्यों कहा गया?
कांग्रेस नेताओं का मानना है कि GST ने व्यापारियों पर अत्यधिक टैक्स का बोझ डाला है, इसलिए इसे ‘गब्बर सिंह टैक्स’ कहा गया।
❓ क्या GST से व्यापारियों को लाभ हुआ है?
सरकार का दावा है कि GST से व्यापारियों को लाभ हुआ है, लेकिन विपक्ष और कई व्यापारी इससे असहमत हैं।
🧾 निष्कर्ष: बचत बनाम वसूली की बहस
प्रधानमंत्री मोदी के ‘बचत महोत्सव’ संबोधन के बाद कांग्रेस नेताओं ने सरकार की GST नीतियों पर सवाल उठाए हैं। इमरान मसूद और मल्लिकार्जुन खड़गे जैसे वरिष्ठ नेताओं ने इसे ‘जुमलेबाजी’ करार देते हुए कहा कि वास्तविकता इससे अलग है। GST को लेकर देश में बहस जारी है और जनता की राय भी बंटी हुई है।
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