नवरात्रि पर विहिप की चेतावनी: धार्मिक आयोजनों में सतर्कता बरतें

देशभर में नवरात्रि का उल्लास चरम पर है। दुर्गा पूजा और गरबा जैसे धार्मिक आयोजनों के बीच विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने हिंदू समाज को सतर्कता बरतने की सलाह दी है। विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा करते हुए धार्मिक आयोजनों की पवित्रता बनाए रखने और विधर्मियों के संभावित कुकर्मों से सावधान रहने की बात कही।

🕉️ नवरात्रि: आस्था, संस्कृति और सुरक्षा का संगम

🔹 नवरात्रि का धार्मिक महत्व

  • नवरात्रि हिंदू धर्म का एक प्रमुख पर्व है, जो मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा के लिए समर्पित होता है।
  • यह पर्व पूरे देश में श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाता है।
  • विशेष रूप से पश्चिम बंगाल, ओडिशा, असम, गुजरात और महाराष्ट्र में इसका आयोजन भव्य रूप में होता है।

🔹 गरबा और डांडिया की सांस्कृतिक छटा

  • गुजरात में गरबा और डांडिया नवरात्रि के दौरान प्रमुख आकर्षण होते हैं।
  • ये आयोजन केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि धार्मिक आस्था और सामाजिक एकता का प्रतीक हैं।
  • युवाओं से लेकर बुजुर्गों तक, सभी वर्ग इसमें भाग लेते हैं।

📣 विहिप की चेतावनी: आयोजनों में सतर्कता बरतें

🗣️ विनोद बंसल का बयान

विहिप प्रवक्ता विनोद बंसल ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा:

“जो लोग ‘वंदे मातरम’ और ‘भारत माता की जय’ तक नहीं बोल सकते, वे ‘मां दुर्गा की जय’ कैसे बोलेंगे?”

उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे लोगों को धार्मिक आयोजनों में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए, क्योंकि ये आयोजन केवल कला या मनोरंजन नहीं, बल्कि आस्था और आराधना के प्रतीक हैं।

⚠️ जिहादियों से व्यवहार न करने की सलाह

बंसल ने अपने पोस्ट में यह भी लिखा:

“जो मां दुर्गा की जय नहीं बोल सकते, वे दुर्गा पूजा या गरबा में क्यों आएंगे? यह समझने की बात है।”

उन्होंने हिंदू समाज से अपील की कि ऐसे आयोजनों में भाग लेने वालों की आस्था की पुष्टि की जाए और किसी भी प्रकार का व्यवहार जिहादियों से न किया जाए।

🛡️ धार्मिक आयोजनों की सुरक्षा पर जोर

🔐 आयोजकों के लिए सुझाव

विनोद बंसल ने आयोजकों को निम्नलिखित सुझाव दिए:

  1. प्रतिभागियों की पहचान की पुष्टि करें (जैसे आधार कार्ड या अन्य आईडी).
  2. आयोजन स्थल पर सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करें.
  3. धार्मिक आयोजनों को केवल आस्था और भक्ति तक सीमित रखें.
  4. किसी भी प्रकार के राजनीतिक या मनोरंजन एजेंडे से बचें.

🧕 महिलाओं की सुरक्षा पर विशेष ध्यान

  • विहिप ने आयोजनों में महिलाओं की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की बात कही है।
  • उन्होंने कहा कि माता और बहनों की गरिमा बनाए रखना आयोजकों की जिम्मेदारी है।

📜 धार्मिक आयोजनों में विगत वर्षों की घटनाएं

🔍 संदिग्ध गतिविधियों की पृष्ठभूमि

  • विहिप ने पिछले वर्षों में हुए कुछ घटनाओं का हवाला देते हुए सतर्कता की आवश्यकता बताई।
  • ‘लव जिहाद’ जैसे मामलों को ध्यान में रखते हुए आयोजकों को सजग रहने की सलाह दी गई है।

🧾 रामलीला पर भी टिप्पणी

  • बंसल ने रामलीला आयोजनों में पात्रों की धार्मिक और सांस्कृतिक उपयुक्तता पर जोर दिया।
  • उन्होंने कहा कि रामलीला केवल नाट्य प्रस्तुति नहीं, बल्कि धार्मिक ऊर्जा का प्रकटीकरण है।

🌍 भारतीय संस्कृति में नवरात्रि का स्थान

🕯️ सामाजिक और सांस्कृतिक एकता का पर्व

  • नवरात्रि केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि सामाजिक समरसता का प्रतीक है।
  • विभिन्न समुदायों के लोग इसमें भाग लेते हैं, जिससे सांस्कृतिक विविधता को बल मिलता है।

📚 शिक्षा और संस्कार का माध्यम

  • कई स्कूलों और संस्थानों में नवरात्रि के दौरान धार्मिक शिक्षा दी जाती है।
  • ओडिशा में भगवद गीता पाठ का प्रस्ताव इसी दिशा में एक कदम है।

🌐 External Source:

❓ FAQs

❓ नवरात्रि का धार्मिक महत्व क्या है?

नवरात्रि हिंदू धर्म का प्रमुख पर्व है, जिसमें मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है।

❓ विहिप ने किस बात पर चेतावनी दी है?

विहिप ने धार्मिक आयोजनों में विधर्मियों की संभावित गतिविधियों को लेकर सतर्कता बरतने की सलाह दी है।

❓ क्या गरबा और डांडिया केवल मनोरंजन हैं?

नहीं, ये आयोजन धार्मिक आस्था, सांस्कृतिक विरासत और सामाजिक एकता का प्रतीक हैं।

❓ आयोजकों को क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?

आयोजकों को प्रतिभागियों की पहचान की पुष्टि, सुरक्षा व्यवस्था और धार्मिक पवित्रता बनाए रखने पर ध्यान देना चाहिए।

🔚 निष्कर्ष

नवरात्रि के पावन अवसर पर विश्व हिंदू परिषद की चेतावनी धार्मिक आयोजनों की पवित्रता और सुरक्षा को लेकर एक महत्वपूर्ण संदेश है। प्रवक्ता विनोद बंसल ने हिंदू समाज से अपील की है कि वे अपने आयोजनों में सतर्कता बरतें और आस्था की गरिमा बनाए रखें। यह संदेश न केवल धार्मिक आयोजनों की सुरक्षा को सुनिश्चित करता है, बल्कि सामाजिक समरसता और सांस्कृतिक विरासत को भी सुदृढ़ करता है।

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