राजस्थान SI भर्ती पेपर लीक केस: सुप्रीम कोर्ट ने ट्रेनिंग पर लगाई रोक, हाईकोर्ट को तीन महीने में फैसला सुनाने का निर्देश

राजस्थान सब-इंस्पेक्टर (SI) भर्ती 2021 के पेपर लीक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम निर्णय देते हुए चयनित अभ्यर्थियों की ट्रेनिंग पर पूर्ण रोक लगा दी है। कोर्ट ने राजस्थान हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच के आदेश को निलंबित करते हुए स्पष्ट किया कि जब तक अंतिम फैसला नहीं आता, कोई ट्रेनिंग नहीं होगी।

⚖️ पृष्ठभूमि: क्या है SI भर्ती पेपर लीक मामला?

राजस्थान पुलिस सब-इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा 2021 में पेपर लीक की घटनाओं ने राज्य की भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए थे। इस मामले में अब तक 130 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें 59 सब-इंस्पेक्टर भी शामिल हैं।

  • परीक्षा से पहले हल किए गए प्रश्नपत्र सोशल मीडिया और व्हाट्सएप पर वायरल हुए।
  • “ब्लूटूथ गैंग” जैसे संगठित गिरोहों की संलिप्तता सामने आई।
  • कई अभ्यर्थियों ने लीक पेपर के आधार पर उच्च मेरिट रैंक हासिल की।

🧑‍⚖️ सुप्रीम कोर्ट का आदेश: ट्रेनिंग पर पूर्ण प्रतिबंध

सुप्रीम कोर्ट की दो सदस्यीय पीठ—जस्टिस संजय करोल और जस्टिस मनमोहन—ने राजस्थान हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच के 8 सितंबर 2025 के आदेश पर रोक लगाते हुए स्पष्ट किया कि:

  • चयनित अभ्यर्थियों को किसी भी प्रकार की ट्रेनिंग नहीं दी जाएगी।
  • हाईकोर्ट को तीन महीने के भीतर इस मामले में अंतिम निर्णय देना होगा।
  • एकलपीठ का पूर्व आदेश ही लागू रहेगा जब तक अंतिम फैसला नहीं आता।

👉 यह निर्णय भर्ती प्रक्रिया की वैधता पर उठे सवालों के मद्देनज़र लिया गया है।

🏛️ सरकार की दलील और सुप्रीम कोर्ट की प्रतिक्रिया

राजस्थान सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता (AAG) शिव मंगल शर्मा ने तर्क दिया कि:

  • चयनित अभ्यर्थियों को ट्रेनिंग की अनुमति दी जानी चाहिए, भले ही फील्ड पोस्टिंग न हो।
  • यह तर्क हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच के आदेश पर आधारित था।

हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस तर्क को खारिज करते हुए कहा कि:

“जब तक भर्ती प्रक्रिया की वैधता पर संदेह बना हुआ है, तब तक ट्रेनिंग सहित सभी गतिविधियों पर रोक आवश्यक है।”

👨‍💼 याचिकाकर्ता और अभ्यर्थियों की ओर से पेश की गई दलीलें

मामले की सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों ने अपने-अपने तर्क प्रस्तुत किए:

याचिकाकर्ता की ओर से:

  • सीनियर एडवोकेट राजीव शकधर ने पैरवी की।
  • तर्क: पेपर लीक और अनियमितताओं के कारण पूरी भर्ती प्रक्रिया संदिग्ध है।

चयनित अभ्यर्थियों की ओर से:

  • सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने पक्ष रखा।
  • तर्क: अभ्यर्थियों को ट्रेनिंग की अनुमति दी जाए, क्योंकि वे चयनित हो चुके हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता की दलील को स्वीकार करते हुए हाईकोर्ट को तीन महीने में अंतिम निर्णय देने का निर्देश दिया।

📌 हाईकोर्ट की भूमिका और पहले के आदेश

राजस्थान हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने 8 सितंबर 2025 को एक अंतरिम आदेश जारी किया था:

  • चयनित अभ्यर्थियों को ट्रेनिंग की अनुमति दी गई थी।
  • फील्ड पोस्टिंग पर रोक लगाई गई थी।

सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश को निलंबित करते हुए कहा कि:

“जब तक अंतिम निर्णय नहीं आता, कोई ट्रेनिंग नहीं दी जाएगी।”

📉 RPSC की भूमिका पर उठे सवाल

इस मामले में राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) की भूमिका भी सवालों के घेरे में रही है:

  • RPSC सदस्य मंजू शर्मा ने कोर्ट की टिप्पणियों के बाद इस्तीफा दे दिया।
  • आरोप: कुछ अभ्यर्थियों को सिफारिश के आधार पर इंटरव्यू में पास किया गया।
  • आयोग के छह में से दस पद अब रिक्त हैं, जिससे भर्ती प्रक्रिया प्रभावित हो रही है।

📊 अब तक की कार्रवाई: गिरफ्तारियां और जांच

राजस्थान स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) और ATS ने इस मामले में कई गिरफ्तारियां की हैं:

गिरफ्तार किए गए प्रमुख आरोपी:

  1. परमेश चौधरी – मेरिट रैंक 180
  2. मनोहर सिंह – मेरिट रैंक 38
  3. मनोहर लाल – मेरिट रैंक 171
  • सभी ने कथित रूप से लीक पेपर के आधार पर परीक्षा पास की।
  • अब तक कुल 130 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं।

External Source: https://www.patrika.com/

📅 आगे की प्रक्रिया: तीन महीने में फैसला जरूरी

सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि:

  • राजस्थान हाईकोर्ट को तीन महीने के भीतर इस अपील का निपटारा करना होगा।
  • तब तक कोई ट्रेनिंग या नियुक्ति नहीं होगी।

यह निर्देश भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता और न्यायिक प्रक्रिया की गति सुनिश्चित करने के लिए दिया गया है।

❓ FAQs

Q1: राजस्थान SI भर्ती 2021 में पेपर लीक कैसे हुआ?

पेपर लीक सोशल मीडिया और व्हाट्सएप के माध्यम से हुआ, जिसमें संगठित गिरोहों की भूमिका सामने आई।

Q2: सुप्रीम कोर्ट ने क्या आदेश दिया है?

सुप्रीम कोर्ट ने चयनित अभ्यर्थियों की ट्रेनिंग पर रोक लगाई है और हाईकोर्ट को तीन महीने में फैसला देने का निर्देश दिया है।

Q3: क्या भर्ती प्रक्रिया पूरी तरह रद्द हो गई है?

हाईकोर्ट ने भर्ती प्रक्रिया को रद्द कर दिया है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने अंतिम निर्णय आने तक एकलपीठ के आदेश को लागू रखने का निर्देश दिया है।

Q4: RPSC के खिलाफ क्या कार्रवाई हुई है?

RPSC सदस्य मंजू शर्मा ने इस्तीफा दिया है, और अन्य सदस्यों पर भी जांच चल रही है।

🔚 निष्कर्ष: पारदर्शिता की ओर एक कदम

राजस्थान SI भर्ती 2021 पेपर लीक मामले में सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय न्यायिक पारदर्शिता और निष्पक्षता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह फैसला न केवल भर्ती प्रक्रिया की वैधता सुनिश्चित करता है, बल्कि भविष्य की परीक्षाओं के लिए एक मिसाल भी कायम करता है।

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