बॉलीवुड के चर्चित निर्देशक महेश भट्ट ने हाल ही में अपनी बेटी पूजा भट्ट के शो में एक ऐसा रहस्य साझा किया, जिसने इंडस्ट्री और दर्शकों को हैरान कर दिया। उन्होंने बताया कि एक तांत्रिक के कहने पर उन्होंने एक फाइनेंसर को इंसान का मांस खिलाया था, उम्मीद थी कि इससे उनकी किस्मत बदल जाएगी।
🔍 संघर्ष के दिनों की कहानी
🎥 शुरुआती दौर में आर्थिक तंगी
महेश भट्ट ने बताया कि जब वे मात्र 20 वर्ष के थे, तब फिल्म निर्माण के क्षेत्र में कदम रख रहे थे। उस समय वे एक प्रोड्यूसर के रूप में संघर्ष कर रहे थे और आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे।
- उनके साथ उस समय अरुण देसाई नामक एक मित्र भी थे।
- अरुण ने उन्हें बिहार के गया में एक संभावित फाइनेंसर से मिलने का सुझाव दिया।
- यात्रा के दौरान वे बनारस रुके, जहां अरुण के गुरुजी रहते थे।
🧙♂️ बनारस में तांत्रिक से मुलाकात
🍷 रम की बोतल और नृत्य करता तांत्रिक
महेश भट्ट ने बताया कि अरुण के गुरुजी एक युवा तांत्रिक थे, जो हाथ में रम की बोतल लेकर नाचते रहते थे। तांत्रिक ने उन्हें देखकर तुरंत समझ लिया कि महेश को उसकी साधना पर विश्वास नहीं है।
- तांत्रिक ने अगले दिन एक उपाय देने का वादा किया।
- अगले दिन उन्होंने एक रैपर में लिपटी गेंद जैसी वस्तु निकाली।
- उसमें से एक टुकड़ा निकालकर पुड़िया बनाई और कहा कि यह इंसान का मांस है, जो घाट से प्राप्त हुआ है।
💰 तांत्रिक का दावा: “इसे खिलाओ, पैसा मिलेगा”
तांत्रिक ने महेश और अरुण से कहा कि इस मांस को गया में फाइनेंसर को खिला दें, जिससे उन्हें आर्थिक सहायता मिल जाएगी।
- महेश ने इसे “खजाने की चाबी” मान लिया।
- वे पुड़िया लेकर गया रवाना हुए।
🏰 गया में फाइनेंसर से मुलाकात
🔫 बंदूकधारी गार्ड्स और मच्छरदानी के पीछे बैठा जमींदार
महेश भट्ट ने बताया कि गया के बाहरी इलाके में एक जमींदार रहता था, जो मच्छरदानी के पीछे बैठा रहता था और उसके गार्ड्स बंदूकें लिए रहते थे।
- महेश और अरुण ने योजना बनाई कि मांस को पान में छुपाकर खिलाया जाए।
- अगले दिन वे पान में मांस का टुकड़ा रखकर फाइनेंसर के पास पहुंचे।
🍽️ पान में लिपटा इंसान का मांस
🙏 मिन्नतों के बाद फाइनेंसर ने खाया पान
महेश ने बताया कि उन्होंने फाइनेंसर को पान खाने के लिए मनाया। काफी प्रयासों के बाद वह राजी हुआ और पान को चबाने लगा।
- महेश को लगा कि उनकी किस्मत बदलने वाली है।
- वे गया से लौट आए, उम्मीदों से भरे हुए।
❌ लेकिन नहीं मिली कोई मदद
💔 अधूरी उम्मीद और खाली हाथ वापसी
कुछ समय बाद जब महेश ने अरुण से संपर्क किया, तो उन्हें पता चला कि फाइनेंसर ने कोई आर्थिक मदद नहीं दी।
- तांत्रिक का उपाय विफल रहा।
- महेश को कोई पैसा नहीं मिला।
🎙️ पूजा भट्ट शो में खुलासा
महेश भट्ट ने यह पूरा किस्सा अपनी बेटी पूजा भट्ट के शो में साझा किया। उन्होंने इसे अपने जीवन का एक “अंधविश्वास भरा अध्याय” बताया।
📚 पृष्ठभूमि और विश्लेषण
🎞️ महेश भट्ट का फिल्मी सफर
महेश भट्ट ने ‘सारांश’, ‘आशिकी’, ‘जख्म’, ‘सदक’ जैसी फिल्मों का निर्देशन किया है। उनका करियर संघर्षों और सफलताओं से भरा रहा है।
🧘♂️ भारत में तांत्रिक परंपरा
भारत में तांत्रिक साधना की परंपरा प्राचीन है, लेकिन आधुनिक समय में इसे अंधविश्वास और धोखाधड़ी से जोड़कर देखा जाता है।
- कई बार लोग आर्थिक या व्यक्तिगत समस्याओं के समाधान के लिए तांत्रिकों की शरण लेते हैं।
- लेकिन ऐसे उपायों की सफलता पर सवाल उठते रहे हैं।
❓ FAQs
❓ महेश भट्ट ने इंसान का मांस क्यों खिलाया?
उन्होंने तांत्रिक के कहने पर ऐसा किया, जिससे उन्हें उम्मीद थी कि उनकी आर्थिक स्थिति सुधरेगी।
❓ क्या महेश भट्ट को फाइनेंसर से पैसे मिले?
नहीं, उन्हें कोई आर्थिक मदद नहीं मिली।
❓ यह घटना कब की है?
यह घटना महेश भट्ट के करियर के शुरुआती दौर की है, जब वे लगभग 20 वर्ष के थे।
❓ किस शो में महेश भट्ट ने यह खुलासा किया?
उन्होंने यह बात ‘द पूजा भट्ट शो’ में साझा की।
🔚 निष्कर्ष
महेश भट्ट का यह खुलासा न केवल चौंकाने वाला है, बल्कि यह दर्शाता है कि संघर्ष के दिनों में लोग किस हद तक जा सकते हैं। यह किस्सा अंधविश्वास, उम्मीद और हकीकत के बीच की उस पतली रेखा को उजागर करता है, जहां कई बार इंसान अपनी सोच खो बैठता है।
External Source: Patrika Report
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