बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है और राजनीतिक समीकरणों में तेजी से बदलाव देखने को मिल रहे हैं। इसी क्रम में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने बिहार में 12 सीटों की मांग कर महागठबंधन के भीतर नई हलचल पैदा कर दी है।
🧭 सीटों की मांग: JMM की रणनीति क्या है?
झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रवक्ता मनोज पांडे ने रविवार को पुष्टि की कि पार्टी बिहार विधानसभा चुनावों में महागठबंधन के तहत 12 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है। यह सीटें झारखंड सीमा से सटे आदिवासी बहुल क्षेत्रों की हैं, जहां JMM का दावा है कि उसकी मजबूत पकड़ है।
📌 JMM की मांग की मुख्य बातें:
- कुल 12 सीटों पर दावेदारी
- सीमावर्ती और आदिवासी बहुल क्षेत्र जैसे कटोरिया, तारापुर, झाझा, चकाई, पूर्णिया, बांका
- गठबंधन के तहत चुनाव लड़ने की इच्छा
- तेजस्वी यादव से जल्द होगी बैठक
🤝 गठबंधन में तालमेल की चुनौती
JMM की मांग ऐसे समय पर आई है जब महागठबंधन पहले से ही सीट बंटवारे को लेकर दबाव में है। कांग्रेस, वामपंथी दल और VIP जैसी पार्टियां भी बड़ी संख्या में सीटों की मांग कर रही हैं।
🔢 महागठबंधन की सीट मांगें:
- कांग्रेस: 70+ सीटें
- CPI: 24 सीटें
- CPM: 11 सीटें
- VIP: 40–60 सीटें
- JMM: 12 सीटें
महागठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी RJD खुद 110–120 सीटों पर दावा कर रही है। ऐसे में कुल मांग 243 सीटों से कहीं अधिक हो जाती है, जो व्यावहारिक रूप से संभव नहीं है।
🗳️ चुनाव आयोग की समीक्षा: निष्पक्ष चुनाव की तैयारी
भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने बिहार में आगामी चुनावों की तैयारियों की समीक्षा शुरू कर दी है। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के नेतृत्व में आयोग ने पटना में प्रवर्तन एजेंसियों के साथ बैठक की।
🧾 समीक्षा की मुख्य बातें:
- 30 सितंबर को अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित
- कुल मतदाता: 7.42 करोड़ (24 जून को 7.89 करोड़)
- दो दिवसीय समीक्षा बैठक
- निष्पक्ष और प्रलोभन-मुक्त चुनाव सुनिश्चित करने पर जोर
⚔️ NDA बनाम महागठबंधन: सीधी टक्कर तय
बिहार की 243 सदस्यीय विधानसभा में वर्तमान में NDA के पास 131 सीटें हैं, जबकि महागठबंधन के पास 111 सीटें हैं। आगामी चुनावों में दोनों गठबंधनों के बीच सीधी टक्कर की संभावना जताई जा रही है।
🏛️ वर्तमान सीटों का गणित:
गठबंधन | कुल सीटें | प्रमुख दल |
---|---|---|
NDA | 131 | BJP (80), JDU (45), HAM(S) (4), निर्दलीय (2) |
महागठबंधन | 111 | RJD (77), कांग्रेस (19), CPI(ML) (11), CPI(M) (2), CPI (2) |
🧠 विश्लेषण: JMM की मांग का राजनीतिक अर्थ
JMM की यह मांग केवल सीटों तक सीमित नहीं है, बल्कि बिहार में अपनी राजनीतिक पहचान स्थापित करने की कोशिश भी है। झारखंड में RJD को समर्थन देने के बाद अब JMM “राजनीतिक वापसी” की बात कर रहा है।
🧩 संभावित प्रभाव:
- कांग्रेस और वाम दलों की नाराज़गी
- गठबंधन में दरार की आशंका
- आदिवासी वोट बैंक पर असर
- हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी का भावनात्मक लाभ
❓ FAQs
Q1. झारखंड मुक्ति मोर्चा ने बिहार में कितनी सीटों की मांग की है?
A1. JMM ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए महागठबंधन से 12 सीटों की मांग की है।
Q2. JMM किन क्षेत्रों से चुनाव लड़ना चाहती है?
A2. पार्टी सीमावर्ती और आदिवासी बहुल क्षेत्रों जैसे कटोरिया, तारापुर, पूर्णिया, बांका से चुनाव लड़ना चाहती है।
Q3. क्या JMM महागठबंधन का हिस्सा है?
A3. JMM ने महागठबंधन के तहत चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है और तेजस्वी यादव से बैठक की योजना बनाई है।
Q4. बिहार में कुल कितने मतदाता हैं?
A4. अंतिम मतदाता सूची के अनुसार बिहार में कुल 7.42 करोड़ मतदाता हैं।
Q5. बिहार विधानसभा में कुल कितनी सीटें हैं?
A5. बिहार विधानसभा में कुल 243 सीटें हैं।
🔚 निष्कर्ष: गठबंधन की मजबूती या चुनौती?
JMM की सीट मांग ने महागठबंधन के भीतर संतुलन साधने की चुनौती को और बढ़ा दिया है। जहां एक ओर यह मांग गठबंधन की विविधता को दर्शाती है, वहीं दूसरी ओर सीट बंटवारे को लेकर असहमति की आशंका भी बढ़ गई है। आने वाले दिनों में तेजस्वी यादव की भूमिका अहम होगी कि वे किस तरह सभी सहयोगी दलों को संतुष्ट कर पाते हैं।
External Source: Patrika Report
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