धीरेंद्र शास्त्री का विवादित बयान: गुलामी की आदत और सनातन धर्म की कमियां

बयान से बढ़ी सियासी गर्मी

छत्तीसगढ़ में आयोजित एक धर्मसभा के दौरान बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने ऐसा बयान दिया, जिसने राजनीतिक और सामाजिक हलकों में तीव्र प्रतिक्रिया उत्पन्न की। उन्होंने हिंदुओं को गुलामी की आदत लगने की बात कही और सनातन धर्म की कमियों को उजागर किया।

🗣️ धीरेंद्र शास्त्री का बयान: गुलामी की आदत और जागरण की आवश्यकता

धीरेंद्र शास्त्री ने प्रेस वार्ता में कहा कि “हिंदुओं को गुलामी की आदत पड़ चुकी है, उन्हें बार-बार जगाना पड़ता है।” उन्होंने इसे धार्मिक जागरण की आवश्यकता बताते हुए देशभर में पदयात्रा करने की घोषणा की।

📍 मुख्य बातें:

  • हिंदुओं को बार-बार जागृत करना पड़ता है
  • गुलामी की मानसिकता को बदलने की आवश्यकता
  • पदयात्रा के माध्यम से जनजागरण का प्रयास

उनके इस बयान को लेकर सोशल मीडिया पर तीखी बहस छिड़ गई है। जहां एक ओर विरोधी इसे विवादास्पद बता रहे हैं, वहीं समर्थक इसे धार्मिक चेतना का आह्वान मान रहे हैं।

🧭 छत्तीसगढ़ से हिंदू राष्ट्र का संकल्प

धीरेंद्र शास्त्री ने छत्तीसगढ़ को हिंदू राष्ट्र निर्माण की भूमि बताया। उन्होंने कहा कि यहीं से उन्होंने भारत को बदलने और हिंदुओं को संगठित करने का संकल्प लिया।

🛤️ आगामी पदयात्रा की योजना:

  • तारीख: 7 नवंबर से 16 नवंबर तक
  • मार्ग: दिल्ली से वृंदावन तक
  • उद्देश्य: हिंदू जागरण और धर्मांतरण के खिलाफ जनचेतना

उन्होंने यह भी संकेत दिया कि वे जल्द ही छत्तीसगढ़ में भी पदयात्रा करेंगे।

⚔️ हिंदू विरोधियों पर तीखा हमला

धर्मसभा में धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि वे देश के हर कोने में जाएंगे और हिंदू विरोधियों की ठठरी और गठरी बनवाएंगे। उन्होंने दो विकल्प बताए—या तो देश निकाला या घर वापसी।

🧾 उनके शब्दों में:

“भगवान ने चाहा तो छत्तीसगढ़ वह भूमि बनेगी, जहां धर्मांतरण सबसे पहले बंद होगा।”

🚨 धर्मांतरण पर सख्त रुख

धर्मांतरण के मुद्दे पर उन्होंने स्पष्ट किया कि स्वेच्छा से धर्म बदलना एक व्यक्तिगत निर्णय है, लेकिन जबरन, डराकर या लालच देकर धर्मांतरण कराना अपराध है।

⚖️ प्रस्तावित सजा:

  • जबरन धर्मांतरण करने वालों को फांसी की सजा होनी चाहिए

उन्होंने कहा कि होली, दुर्गा उत्सव और राम जुलूस पर पत्थरबाजी एक सुनियोजित षड्यंत्र है, जिसे रोकने के लिए सरकार को सक्रिय होना चाहिए।

🐄 गौसेवा पर चिंता

धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि देश में गौरक्षक तो बहुत हैं, लेकिन गौसेवक की संख्या बेहद कम है। उन्होंने अपील की कि अगर गौसेवकों की संख्या बढ़े तो गौमाता सड़क से घरों तक सुरक्षित पहुंच सकती हैं।

🏛️ राजनीतिक निष्पक्षता का दावा

उन्होंने स्पष्ट किया कि वे किसी राजनीतिक दल के समर्थक या विरोधी नहीं हैं। उनका उद्देश्य केवल हिंदू, हिंदुत्व और हिंदुस्तान है।

📜 उनके कथन:

“हम किसी पार्टी विशेष के नहीं हैं, हमें सिर्फ हिंदू धर्म और भारत से मतलब है।”

🛡️ आत्मरक्षा को बताया धर्म

धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि अहिंसा धर्म है, लेकिन जब कोई हमला करे तो आत्मरक्षा भी धर्म है। उन्होंने इसे संविधान और पुराणों दोनों में मान्य बताया।

📉 सनातन धर्म की कमियां: शास्त्री की नजर में

धीरेंद्र शास्त्री ने सनातन धर्म की कुछ आंतरिक कमजोरियों की ओर इशारा किया, जिनके कारण लोग धर्मांतरण की ओर बढ़ते हैं।

📌 उन्होंने गिनाईं ये कमियां:

  1. आर्थिक असमानता: अमीर और गरीब के बीच बढ़ती खाई
  2. सामाजिक उपेक्षा: अमीर गरीब की मदद नहीं करते
  3. जातिवाद: ऊंच-नीच का भेदभाव, जिससे लोग अपमानित महसूस करते हैं
  4. सम्मान की तलाश: हीनता से ग्रस्त लोग दूसरे धर्मों में सम्मान खोजते हैं

🧩 समाधान का सुझाव:

“हिंदू-हिंदू सब भाई-भाई हों, ताकि धर्मांतरण की आवश्यकता ही न पड़े।”

📚 सामाजिक और धार्मिक विश्लेषण

धीरेंद्र शास्त्री के बयान को धार्मिक पुनर्जागरण के प्रयास के रूप में देखा जा सकता है। हालांकि, उनके शब्दों की तीव्रता ने राजनीतिक और सामाजिक हलकों में विवाद को जन्म दिया है।

🔍 विशेषज्ञों की राय:

  • कुछ इसे धार्मिक चेतना की पहल मानते हैं
  • कुछ इसे धार्मिक कट्टरता की ओर बढ़ता कदम मानते हैं

❓FAQs

Q1. धीरेंद्र शास्त्री ने हिंदुओं को लेकर क्या कहा? उन्होंने कहा कि हिंदुओं को गुलामी की आदत लग गई है और उन्हें बार-बार जागृत करना पड़ता है।

Q2. सनातन धर्म की कौन-कौन सी कमियां गिनाईं? जातिवाद, आर्थिक असमानता, सामाजिक उपेक्षा और सम्मान की कमी को उन्होंने प्रमुख कमियां बताया।

Q3. पदयात्रा कब और कहां होगी? 7 से 16 नवंबर तक दिल्ली से वृंदावन तक पदयात्रा प्रस्तावित है।

Q4. क्या धीरेंद्र शास्त्री किसी राजनीतिक दल से जुड़े हैं? उन्होंने स्पष्ट किया कि वे किसी पार्टी के समर्थक या विरोधी नहीं हैं।

Q5. धर्मांतरण पर उनका क्या रुख है? स्वेच्छा से धर्मांतरण को स्वीकार्य बताया, लेकिन जबरन धर्मांतरण को अपराध कहा।

🧾 निष्कर्ष

धीरेंद्र शास्त्री के छत्तीसगढ़ दौरे के दौरान दिए गए बयान ने धार्मिक और राजनीतिक हलकों में नई बहस को जन्म दिया है। उनके विचारों ने जहां एक ओर हिंदू जागरण की बात की, वहीं दूसरी ओर सनातन धर्म की कमियों को उजागर कर धर्मांतरण जैसे संवेदनशील मुद्दे पर चर्चा को तेज कर दिया है।

External Source: Patrika Report

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