तीसरे दिन भी जारी ‘ऑपरेशन अखल’, कुलगाम के जंगलों में 6 आतंकी ढेर, सेना का बड़ा एक्शन
जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में चल रहा ऑपरेशन अखल अब तीसरे दिन में प्रवेश कर चुका है और इस बीच सुरक्षाबलों ने बड़ी सफलता हासिल करते हुए तीन और आतंकियों को ढेर कर दिया है। वहीं, मुठभेड़ के दौरान एक जवान घायल हुआ है।
यह ऑपरेशन इस साल का अब तक का सबसे बड़ा काउंटर-टेरर अभियान माना जा रहा है। शनिवार को भी तीन आतंकी मारे गए थे, जिससे अब कुल मिलाकर छह आतंकवादियों का सफाया किया जा चुका है।
कैसे शुरू हुआ ऑपरेशन?
शुक्रवार को सुरक्षाबलों को इनपुट मिला कि कुलगाम के अखल के जंगलों में आतंकियों की मौजूदगी है। इसके बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस, सेना और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम ने इलाके में कॉर्डन एंड सर्च ऑपरेशन शुरू किया।
जैसे ही बल जंगलों की ओर बढ़े, छिपे आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी। इसके जवाब में सेना ने भी मोर्चा संभाला। हालांकि, शुक्रवार रात को ऑपरेशन कुछ समय के लिए रोका गया, लेकिन शनिवार सुबह होते ही मुठभेड़ दोबारा शुरू हुई।
लगातार चल रही फायरिंग और धमाके
रविवार को भी इलाके में गोलियों और धमाकों की आवाजें गूंजती रहीं। आतंकियों के छिपने की आशंका के चलते जंगलों की सघन तलाशी जारी है। सूत्रों के अनुसार, मारे गए आतंकवादी द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) से जुड़े थे, जो कि लश्कर-ए-तैयबा का सहयोगी संगठन है।
TRF ने ही कुछ दिन पहले हुए पहलगाम हमले की जिम्मेदारी ली थी, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई थी।
हाई-टेक निगरानी और टॉप कमांड की नजर
इस अभियान में अत्याधुनिक ड्रोन, निगरानी तकनीकों और विशेष प्रशिक्षित बलों की तैनाती की गई है। डीजीपी और 15 कोर के कमांडर स्वयं पूरे हालात पर बारीकी से निगरानी रख रहे हैं ताकि किसी भी आतंकी के बच निकलने की संभावना न रह जाए। बच निकलने की संभावना को न्यूनतम करने की कोशिश की जा रही है।
ऑपरेशन महादेव और शिवशक्ति का भी मिला असर
यह ऑपरेशन ऐसे समय में हो रहा है जब हाल ही में सुरक्षा बलों ने ऑपरेशन महादेव में पहलगाम नरसंहार के जिम्मेदार आतंकियों को श्रीनगर के डाचिगाम इलाके में मार गिराया था।
इसके अगले ही दिन, यानी 29 जुलाई को ऑपरेशन शिवशक्ति चलाया गया, जिसमें सेना ने दो और आतंकियों को ढेर किया।
अप्रैल से अब तक 20 से ज्यादा ‘हाई-प्रोफाइल’ आतंकी ढेर
जानकारी के मुताबिक, 22 अप्रैल के हमले के बाद से अब तक करीब 20 प्रमुख आतंकियों को मारा जा चुका है। वहीं, 6-7 मई के बीच ऑपरेशन सिंदूर में सुरक्षाबलों ने पाकिस्तान में 100 से ज्यादा आतंकियों को निशाना बनाया।
निष्कर्ष: आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई
कुलगाम में चल रहा ऑपरेशन अखल दर्शाता है कि भारतीय सुरक्षा बल आतंक के खिलाफ पूरी ताकत से मोर्चा लिए हुए हैं। लगातार ऑपरेशनों से आतंकियों की कमर तोड़ी जा रही है और घाटी में शांति बहाली की दिशा में बड़ा कदम उठाया जा रहा है।
घाटी में बढ़ाई गई चौकसी, स्थानीयों से अपील
ऑपरेशन अखल के चलते कुलगाम और आसपास के इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। स्थानीय लोगों को जंगल की ओर न जाने की सलाह दी गई है और संदिग्ध गतिविधियों की तुरंत जानकारी देने की अपील की गई है। सुरक्षा एजेंसियां यह सुनिश्चित करना चाहती हैं कि कोई भी आतंकी बचकर भाग न पाए।
TRF की गतिविधियों पर कड़ी नजर
The Resistance Front (TRF) पिछले कुछ वर्षों से कश्मीर घाटी में आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के साथ मिलकर सक्रियता बढ़ा रहा है। खुफिया सूत्रों के अनुसार, यह समूह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल कर युवाओं को भ्रमित करने तथा आम नागरिकों के बीच भय का वातावरण बनाने की कोशिश कर रहा है।
TRF की ओर से किए गए हालिया हमलों ने सुरक्षा बलों को सख्त कार्रवाई के लिए मजबूर किया है। यही वजह है कि ऑपरेशन अखल को बड़े पैमाने पर अंजाम दिया जा रहा है।
भविष्य की रणनीति: आतंक मुक्त घाटी की ओर कदम
सुरक्षा एजेंसियों का साफ कहना है कि आने वाले दिनों में ऐसे और भी लक्षित ऑपरेशनों को अंजाम दिया जाएगा। आतंकियों के ठिकानों, नेटवर्क और लॉजिस्टिक सपोर्ट को पूरी तरह ध्वस्त करना अब प्राथमिकता बन चुका है।
इस ऑपरेशन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भारत आतंक के खिलाफ किसी भी हद तक जाने को तैयार है।