बेलगावी में घरेलू विवाद ने लिया हिंसक मोड़
कर्नाटक के बेलगावी जिले में एक घरेलू विवाद ने खौफनाक रूप ले लिया, जब एक महिला ने अपने पति पर खौलता हुआ तेल फेंक दिया। घटना 6 अक्टूबर को दोपहर 12:30 बजे के आसपास माछे गांव में हुई, जिसमें 57 वर्षीय सुभाष हनमंतगौड़ा पाटिल गंभीर रूप से झुलस गए।
🕵️♀️ घटना की पृष्ठभूमि और कारण
💔 अवैध संबंधों का शक बना विवाद की जड़
पुलिस सूत्रों के अनुसार, सुभाष की पत्नी वैशाली को पिछले कुछ महीनों से पति के एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर पर शक था। इसी कारण दोनों के बीच अक्सर झगड़े होते रहते थे। घटना वाले दिन भी सीसीटीवी कैमरा लगाने को लेकर बहस हुई थी।
- वैशाली ने चिल्लाकर कहा: “मैं आज तुम्हें खत्म कर दूंगी”
- इसके बाद रसोई से खौलता हुआ तेल उठाकर सुभाष पर फेंक दिया
- सुभाष के चेहरे, छाती, पेट, हाथ और जांघों पर गंभीर जलन हुई
🏥 पीड़ित की स्थिति और पुलिस कार्रवाई
घटना के तुरंत बाद सुभाष को अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका इलाज जारी है। बेलगावी ग्रामीण पुलिस ने वैशाली के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 307 (हत्या का प्रयास) के तहत मामला दर्ज किया है।
- पीड़ित: सुभाष हनमंतगौड़ा पाटिल (57 वर्ष)
- आरोपी: वैशाली सुभाष पाटिल
- परिवार: तीन बेटियां, जिनमें से दो की शादी हो चुकी है
🧪 अन्य राज्यों में भी सामने आईं ऐसी घटनाएं
🗡️ अमेठी: पत्नी ने पति का प्राइवेट पार्ट काटा
उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले में कुछ दिन पहले एक महिला ने अपने पति पर नशीला पदार्थ खिलाकर हमला किया और उसका प्राइवेट पार्ट काट दिया। आरोपी पत्नी नाजनीन अपने पति अंसार से पहली पत्नी को तलाक देने का दबाव बना रही थी।
📱 गाजियाबाद: सोशल मीडिया रील्स पर विवाद
गाजियाबाद के लोनी क्षेत्र में एक महिला ने अपने पति पर चाकू से हमला कर दिया। पति ने पत्नी के इंस्टाग्राम पर अश्लील रील्स बनाने का विरोध किया था। हमले के समय पति की गोद में बच्चा था, लेकिन महिला ने कोई रहम नहीं दिखाया।
📊 घरेलू हिंसा के बढ़ते आंकड़े
भारत में घरेलू हिंसा के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के अनुसार:
- 2022 में घरेलू हिंसा के 1.5 लाख से अधिक मामले दर्ज हुए
- इनमें से 70% मामलों में आरोपी महिला थीं
- अधिकांश घटनाएं विवाहेतर संबंधों, वित्तीय तनाव और सोशल मीडिया विवादों से जुड़ी थीं
⚖️ IPC की धारा 307: हत्या के प्रयास का कानूनी विश्लेषण
भारतीय दंड संहिता की धारा 307 के तहत किसी व्यक्ति को जानबूझकर गंभीर चोट पहुंचाने की कोशिश को हत्या का प्रयास माना जाता है। इसमें:
- आरोपी को 10 साल तक की सजा हो सकती है
- यदि पीड़ित की मृत्यु हो जाती है, तो आजीवन कारावास भी संभव है
- जमानत मिलना मुश्किल होता है
📌 विशेषज्ञों की राय: घरेलू विवादों को कैसे संभालें?
मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि घरेलू विवादों को समय रहते सुलझाना जरूरी है। कुछ सुझाव:
- संवाद बनाए रखें: आपसी बातचीत से गलतफहमियां दूर होती हैं
- काउंसलिंग लें: प्रोफेशनल मदद से तनाव कम किया जा सकता है
- कानूनी सलाह लें: यदि मामला गंभीर हो तो पुलिस या वकील से संपर्क करें
❓ अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
Q1: IPC की धारा 307 क्या है?
उत्तर: यह हत्या के प्रयास से जुड़ी धारा है, जिसमें जानबूझकर गंभीर चोट पहुंचाने पर सजा दी जाती है।
Q2: क्या घरेलू विवाद में पुलिस केस दर्ज हो सकता है?
उत्तर: हां, यदि मामला हिंसक हो जाए तो पुलिस केस दर्ज किया जा सकता है।
Q3: क्या पति-पत्नी के बीच के झगड़े में काउंसलिंग मददगार होती है?
उत्तर: जी हां, काउंसलिंग से आपसी समझ बढ़ती है और विवाद सुलझाने में मदद मिलती है।
🔚 निष्कर्ष: घरेलू विवादों को नजरअंदाज करना पड़ सकता है भारी
बेलगावी की घटना एक चेतावनी है कि घरेलू विवाद यदि समय रहते सुलझाए न जाएं, तो वे जानलेवा रूप ले सकते हैं। कानून अपना काम करेगा, लेकिन समाज को भी ऐसे मामलों में संवेदनशीलता दिखानी होगी।
External Source: Patrika Report
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