लखनऊ रैली में मायावती का सपा पर तीखा हमला, 2027 चुनाव को लेकर बड़ा ऐलान

लखनऊ में बसपा की शक्ति प्रदर्शन रैली: 2027 की तैयारी का बिगुल

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने 9 अक्टूबर को लखनऊ स्थित कांशीराम स्मारक स्थल पर आयोजित एक विशाल रैली के माध्यम से पार्टी की राजनीतिक सक्रियता का प्रदर्शन किया। इस रैली को बसपा की आगामी रणनीति और 2027 विधानसभा चुनाव की तैयारी के रूप में देखा जा रहा है।

इस आयोजन में लाखों की संख्या में कार्यकर्ता शामिल हुए, जिनमें उत्तर प्रदेश के अलावा बिहार, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली से भी समर्थक पहुंचे। मायावती ने मंच से विपक्षी दलों पर तीखा प्रहार किया, विशेष रूप से समाजवादी पार्टी (सपा) को निशाने पर लिया। साथ ही उन्होंने योगी सरकार की कुछ नीतियों की सराहना की और अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी की कमान सौंपने का ऐलान किया।

🎯 मायावती के पांच प्रमुख बयान जो रैली में छाए रहे

1️⃣ 🔥 सपा पर तीखा हमला

मायावती ने समाजवादी पार्टी पर दोहरे रवैये का आरोप लगाते हुए कहा:

“जब सपा सत्ता में होती है, तब उन्हें PDA (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) की याद नहीं आती। लेकिन जैसे ही सत्ता हाथ से जाती है, वे खुद को सामाजिक न्याय का ठेकेदार बताने लगते हैं। जनता अब इनके दोगले रवैये को समझ चुकी है।”

यह बयान सपा की नीतियों और उनके सामाजिक न्याय के दावों पर सवाल उठाता है।

2️⃣ 🏛️ योगी सरकार की सराहना

मायावती ने उत्तर प्रदेश की वर्तमान सरकार की प्रशंसा करते हुए कहा कि कांशीराम पार्क और अंबेडकर स्मारक के रखरखाव के लिए टिकटों से प्राप्त धन का सही उपयोग किया गया।

“सपा सरकार ने इस धन को अन्य मदों में खर्च किया था, जबकि वर्तमान सरकार ने मेरे आग्रह पर पार्क की मरम्मत पर पूरा खर्च किया।”

यह बयान भाजपा सरकार के प्रति मायावती के नरम रुख को दर्शाता है।

3️⃣ 🧩 चंद्रशेखर आज़ाद पर अप्रत्यक्ष हमला

मायावती ने बिना नाम लिए दलित राजनीति में उभरते चेहरों पर निशाना साधा:

“हमें कमजोर करने के लिए षड्यंत्र रचे जा रहे हैं। स्वार्थी और बिकाऊ लोगों के जरिए कई संगठन बनवाए गए हैं, जो वोट ट्रांसफर करवा कर दलित वोटों को बांटने की कोशिश कर रहे हैं।”

यह बयान दलित वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिशों पर चिंता जताता है।

4️⃣ 👨‍👦 आकाश आनंद को कमान सौंपने का ऐलान

मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी की जिम्मेदारी सौंपते हुए कहा:

“आकाश आनंद फिर से मूवमेंट से जुड़ चुके हैं। जिस तरह कांशीराम जी ने मुझे आगे बढ़ाया, उसी तरह मैंने आकाश को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है। आप सभी से अपील है कि आकाश का भी साथ दें।”

यह बयान बसपा में नेतृत्व परिवर्तन की शुरुआत का संकेत देता है।

5️⃣ 🗳️ 2027 चुनाव का संकल्प

मायावती ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा:

“अब मैं आप लोगों के बीच अधिक समय बिताऊंगी। 2027 में हमें पांचवीं बार बसपा की सरकार बनानी है। सपा, भाजपा और कांग्रेस जैसी जातिवादी पार्टियों के षड्यंत्रों से सजग रहना होगा।”

यह बयान बसपा की चुनावी रणनीति और कार्यकर्ताओं को प्रेरित करने की कोशिश है।

📊 रैली का राजनीतिक महत्व

  • स्थान चयन: कांशीराम स्मारक स्थल, जो बसपा की विरासत का प्रतीक है
  • तारीख: कांशीराम की पुण्यतिथि, भावनात्मक जुड़ाव का अवसर
  • भीड़: अनुमानित 5 लाख कार्यकर्ता, जोश और समर्थन का प्रदर्शन
  • सुरक्षा: 2000+ पुलिसकर्मी तैनात, ट्रैफिक डायवर्जन लागू

🧠 विश्लेषण: क्या मायावती फिर से सत्ता में लौट सकती हैं?

राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, मायावती की यह रैली केवल श्रद्धांजलि सभा नहीं थी, बल्कि एक रणनीतिक शक्ति प्रदर्शन था। 2007 में बसपा ने इसी स्थान से चुनावी बिगुल फूंका था और 208 सीटें जीतकर सरकार बनाई थी।

यदि बसपा 2007 की सोशल इंजीनियरिंग को फिर से दोहरा पाती है, तो वह 2027 में एक मजबूत विकल्प बन सकती है। मायावती ने गठबंधन से दूरी बनाते हुए साफ किया कि बसपा अकेले चुनाव लड़ेगी।

❓ FAQs

प्रश्न 1: मायावती ने रैली में किसे पार्टी की कमान सौंपी? उत्तर: मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी की जिम्मेदारी सौंपी।

प्रश्न 2: रैली का मुख्य उद्देश्य क्या था? उत्तर: बसपा की राजनीतिक सक्रियता दिखाना और 2027 चुनाव के लिए संकल्प लेना।

प्रश्न 3: मायावती ने सपा पर क्या आरोप लगाए? उत्तर: सत्ता में रहते हुए PDA की अनदेखी और सत्ता से बाहर होने पर सामाजिक न्याय का दिखावा।

प्रश्न 4: क्या बसपा गठबंधन करेगी? उत्तर: मायावती ने स्पष्ट किया कि बसपा 2027 का चुनाव अकेले लड़ेगी।

🔚 निष्कर्ष

लखनऊ की यह रैली बहुजन समाज पार्टी के लिए एक निर्णायक मोड़ साबित हो सकती है। मायावती ने जहां विपक्षी दलों पर तीखा हमला बोला, वहीं पार्टी के भीतर नेतृत्व परिवर्तन की शुरुआत भी की। 2027 के चुनाव को लेकर उनका संकल्प और कार्यकर्ताओं का उत्साह इस बात का संकेत है कि बसपा फिर से सत्ता में वापसी की तैयारी में जुट चुकी है।

External Source: Patrika Report

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