पाकिस्तान में इंटरनेट बंद और राजधानी सील
पाकिस्तान में कट्टरपंथी इस्लामी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) द्वारा शुक्रवार को ‘लब्बैक या अक्सा मिलियन मार्च’ की घोषणा के बाद सरकार ने सुरक्षा कारणों से इस्लामाबाद और रावलपिंडी में मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं। साथ ही राजधानी के सभी प्रवेश और निकास मार्गों को सील कर दिया गया है।
📉 पृष्ठभूमि: पाकिस्तान में बिगड़ते हालात
पिछले कुछ महीनों से पाकिस्तान में राजनीतिक और सामाजिक अस्थिरता बढ़ती जा रही है।
- पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में हाल ही में हुए विरोध प्रदर्शन में 19 लोगों की मौत हुई थी।
- सरकार के खिलाफ जनता का आक्रोश लगातार बढ़ रहा है।
- कट्टरपंथी संगठन TLP ने अब खुलकर सड़कों पर उतरने का ऐलान कर दिया है।
🚨 TLP का ‘लब्बैक या अक्सा मिलियन मार्च’: क्या है उद्देश्य?
TLP ने शुक्रवार को अमेरिकी दूतावास के बाहर इजरायल के खिलाफ प्रदर्शन करने की योजना बनाई थी।
- यह मार्च गाजा में हो रही हिंसा के विरोध में आयोजित किया जा रहा है।
- पार्टी का दावा है कि यह प्रदर्शन फिलिस्तीन के समर्थन में है।
- प्रदर्शन का स्थान और समय सरकार के लिए चुनौती बन गया।
👮♂️ सख्त कार्रवाई: पार्टी प्रमुख की गिरफ्तारी और हिंसा
पंजाब पुलिस ने बुधवार को लाहौर स्थित TLP मुख्यालय पर छापा मारकर पार्टी प्रमुख सा’द हुसैन रिज़वी को गिरफ्तार करने की कोशिश की।
- पुलिस और TLP कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हुई।
- दर्जनों लोग घायल हुए।
- इसके बाद बुधवार रात से हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गया जो गुरुवार तक जारी रहा।
📵 इंटरनेट और मोबाइल सेवाएं बंद: सरकार का बड़ा कदम
गृह मंत्रालय ने पाकिस्तान टेलीकम्युनिकेशन अथॉरिटी (PTA) को निर्देश दिया कि इस्लामाबाद और रावलपिंडी में मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं बंद की जाएं।
- यह आदेश आधी रात से लागू हुआ।
- सेवाएं अनिश्चितकाल के लिए बंद रहेंगी।
- गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने इस फैसले को मंजूरी दी।
🚧 राजधानी के रास्ते सील: कंटेनरों से बैरिकेडिंग
सरकार ने राजधानी के सभी मुख्य मार्गों को कंटेनरों और बैरिकेड्स से बंद कर दिया है।
- इस्लामाबाद के रेड ज़ोन को पूरी तरह सील कर दिया गया है।
- केवल अधिकृत व्यक्तियों को ही प्रवेश की अनुमति है।
- रावलपिंडी और लाहौर में भी यही सुरक्षा व्यवस्था लागू की गई है।
📜 धारा 144 लागू: सार्वजनिक जमावड़े पर रोक
पंजाब सरकार ने राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए धारा 144 लागू कर दी है।
प्रतिबंधों की सूची:
- चार या अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर रोक।
- हथियारों का प्रदर्शन प्रतिबंधित।
- लाउडस्पीकर के उपयोग पर रोक।
- सभी प्रकार की रैलियों और जुलूसों पर प्रतिबंध।
🛑 प्रदर्शन का असर: आम जनजीवन प्रभावित
- इंटरनेट बंद होने से छात्रों, पत्रकारों और व्यवसायियों को परेशानी।
- मेट्रो बस सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं।
- कई स्कूलों और कॉलेजों ने छुट्टी की घोषणा की है।
📊 विश्लेषण: TLP का प्रभाव और सरकार की रणनीति
TLP ने 2017 में संसद की शपथ में बदलाव के खिलाफ सफल आंदोलन किया था।
- तब सरकार को अपना निर्णय वापस लेना पड़ा था।
- TLP की ताकत और जनसमर्थन को देखते हुए सरकार सतर्क है।
- इस बार सरकार पहले से ही हाई अलर्ट पर है।
❓ FAQs
Q1. TLP का ‘लब्बैक या अक्सा मिलियन मार्च’ किसके खिलाफ है?
यह मार्च इजरायल के खिलाफ और फिलिस्तीन के समर्थन में आयोजित किया गया है।
Q2. इंटरनेट सेवाएं कब तक बंद रहेंगी?
सरकार ने सेवाएं अनिश्चितकाल के लिए बंद की हैं, कोई निश्चित समय सीमा नहीं दी गई है।
Q3. क्या धारा 144 पूरे पाकिस्तान में लागू है?
फिलहाल यह पंजाब राज्य में लागू की गई है, विशेष रूप से इस्लामाबाद, रावलपिंडी और लाहौर में।
Q4. क्या TLP पहले भी ऐसे प्रदर्शन कर चुकी है?
हाँ, 2017 में TLP ने संसद की शपथ में बदलाव के खिलाफ बड़ा आंदोलन किया था।
🔚 निष्कर्ष
पाकिस्तान में कट्टरपंथी संगठन TLP के प्रदर्शन को देखते हुए सरकार ने सुरक्षा के मद्देनज़र इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं और राजधानी को सील कर दिया है। धारा 144 लागू कर दी गई है ताकि किसी भी प्रकार की हिंसा को रोका जा सके। यह घटनाक्रम देश में बढ़ती अस्थिरता और सरकार की चुनौतियों को दर्शाता है।
External Source: Patrika Report
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