आत्महत्या केस में FIR पर विवाद, IAS अमनीत ने SSP से की तीखी बहस
हरियाणा के वरिष्ठ IPS अधिकारी वाई पूरन कुमार की आत्महत्या के बाद दर्ज की गई FIR को लेकर उनकी पत्नी और IAS अधिकारी अमनीत पी. कुमार ने गंभीर आपत्ति जताई है। उन्होंने FIR की प्रक्रिया को अधूरी बताते हुए SSP कंवरदीप कौर से तीखी बहस की और FIR को फिक्स फॉर्मेट में दोबारा दर्ज करने की मांग की।
इस मामले ने न सिर्फ हरियाणा पुलिस महकमे को झकझोर दिया है, बल्कि ब्यूरोक्रेसी के भीतर जातिगत भेदभाव और प्रशासनिक दबाव की बहस को भी जन्म दिया है।
📄 FIR में क्या हैं IAS अमनीत की आपत्तियाँ?
IAS अमनीत पी. कुमार ने FIR की निम्नलिखित बिंदुओं पर आपत्ति जताई:
- आरोपियों के नाम स्पष्ट रूप से अलग कॉलम में दर्ज नहीं किए गए।
- FIR में SC/ST एक्ट की गलत धाराएं लगाई गईं।
- सुसाइड नोट की प्रमाणित कॉपी अब तक परिवार को नहीं दी गई।
- FIR में कई महत्वपूर्ण तथ्य जानबूझकर छोड़े गए हैं।
उन्होंने SSP को दिए गए आवेदन में कहा कि FIR नंबर 156, जो 9 अक्टूबर को रात 10:22 बजे दर्ज की गई, अधूरी और अपूर्ण है।
📌 FIR में दर्ज धाराएं और कानूनी पहलू
चंडीगढ़ पुलिस ने FIR में निम्नलिखित धाराएं शामिल की हैं:
- BNS धारा 108 – आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला।
- SC/ST (अत्याचार निवारण) अधिनियम – जातिगत उत्पीड़न से संबंधित धाराएं।
IAS अमनीत ने मांग की है कि FIR में SC/ST एक्ट की धारा 3(2)(v) लगाई जाए, जो दलित अधिकारियों के खिलाफ गंभीर उत्पीड़न की स्थिति में लागू होती है।
📜 सुसाइड नोट में क्या लिखा था IPS पूरन कुमार ने?
IPS पूरन कुमार ने अपने अंतिम सुसाइड नोट में कई वरिष्ठ अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने लिखा:
“मेरे बैचमेट्स मनोज यादव, पी.के. अग्रवाल और टी.वी.एस.एन. प्रसाद ने मिलकर जातिगत उत्पीड़न किया। मैंने गृह मंत्री और मुख्य सचिव को लिखित शिकायत दी, पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।”
“IPS कुलविंदर सिंह ने मुझे फोन पर बताया कि डीजीपी ने आदेश दिया है कि तुम्हें स्थायी रूप से हटाया जाएगा। अब मैं और नहीं सह सकता। ये लोग ही मेरी मौत के जिम्मेदार हैं।”
🧩 जातिगत उत्पीड़न और प्रशासनिक दबाव की पृष्ठभूमि
पूरन कुमार हरियाणा कैडर के 2001 बैच के IPS अधिकारी थे। उन्होंने रोहतक रेंज के IG पद पर रहते हुए भ्रष्टाचार के कई मामलों की जांच शुरू की थी। सूत्रों के अनुसार:
- उनकी पोस्टिंग से कई वरिष्ठ अधिकारी नाराज थे।
- उन्हें लंबे समय से मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा था।
- उनके खिलाफ झूठे आरोप बनाकर करियर को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई।
🧑⚖️ SC वर्ग के अफसरों का समर्थन
इस मामले में हरियाणा ब्यूरोक्रेसी के अनुसूचित जाति वर्ग के IAS, IPS और HCS अधिकारी खुलकर पूरन कुमार के परिवार के समर्थन में सामने आए हैं।
उनका कहना है:
- पूरन कुमार को रोहतक IG जैसी अहम पोस्टिंग मिलने से कुछ अफसर असहज थे।
- उन्हें डाउन करने की साजिश लंबे समय से चल रही थी।
- यह मामला सिर्फ आत्महत्या नहीं, बल्कि प्रशासनिक उत्पीड़न का परिणाम है।
🏥 पोस्टमॉर्टम पर भी बना हुआ है विवाद
IPS पूरन कुमार का शव अभी भी चंडीगढ़ के सेक्टर-16 अस्पताल की मोर्चरी में रखा गया है। परिवार ने पोस्टमॉर्टम की अनुमति नहीं दी है। उनका कहना है:
- जब तक निष्पक्ष जांच नहीं होती, अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा।
- पोस्टमॉर्टम एक विशेष मेडिकल बोर्ड द्वारा किया जाए।
📌 मुख्यमंत्री और आयोग की प्रतिक्रिया
- मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने अमनीत पी. कुमार से मुलाकात की और न्याय का आश्वासन दिया।
- राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (NCSC) ने भी मामले का संज्ञान लिया है और 7 दिन में रिपोर्ट मांगी है।
- आयोग ने चेतावनी दी है कि रिपोर्ट न देने पर सम्मन जारी किया जाएगा।
📋 जांच की वर्तमान स्थिति
चंडीगढ़ पुलिस ने जांच के लिए विशेष टीम गठित की है। टीम निम्नलिखित पहलुओं की समीक्षा कर रही है:
- सुसाइड नोट की प्रमाणिकता
- मोबाइल कॉल रिकॉर्ड्स
- प्रशासनिक दस्तावेज
- CCTV फुटेज
- इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस
📚 निष्पक्ष जांच की मांग और भविष्य की दिशा
IAS अमनीत ने SSP को चेतावनी दी है कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो परिवार कानूनी कदम उठाएगा। उन्होंने कहा:
“यह मामला सिर्फ एक अधिकारी की मौत नहीं, बल्कि न्याय, समानता और कानून के शासन की परीक्षा है।”
❓ FAQs
Q1: IPS पूरन कुमार की आत्महत्या कब हुई थी?
7 अक्टूबर 2025 को चंडीगढ़ स्थित उनके आवास पर।
Q2: FIR में कौन-कौन से अधिकारी नामित हैं?
DGP शत्रुजीत कपूर, SP नरेंद्र बिजारणिया सहित 15 वरिष्ठ अधिकारी।
Q3: IAS अमनीत की मुख्य मांग क्या है?
FIR में सभी आरोपियों के नाम स्पष्ट रूप से दर्ज हों और सही धाराएं लगाई जाएं।
Q4: क्या पोस्टमॉर्टम हो चुका है?
नहीं, परिवार ने अभी तक अनुमति नहीं दी है।
Q5: क्या राष्ट्रीय आयोग ने संज्ञान लिया है?
हाँ, NCSC ने 7 दिन में रिपोर्ट मांगी है।
🔚 निष्कर्ष
IPS पूरन कुमार की आत्महत्या ने हरियाणा की ब्यूरोक्रेसी और पुलिस महकमे में गहरी हलचल पैदा कर दी है। IAS पत्नी अमनीत की FIR पर आपत्ति और SC वर्ग के अफसरों का समर्थन इस मामले को एक बड़े प्रशासनिक और सामाजिक मुद्दे में बदल रहा है। अब निगाहें इस बात पर हैं कि जांच कितनी पारदर्शिता और निष्पक्षता से आगे बढ़ती है।
External Source: Patrika Report
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