पश्चिम बंगाल नगर निकाय भर्ती घोटाला: TMC नेताओं के ठिकानों पर ED की छापेमारी

पश्चिम बंगाल में ED की बड़ी कार्रवाई

पश्चिम बंगाल में नगर निकाय भर्ती घोटाले की जांच के तहत प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने तृणमूल कांग्रेस (TMC) के तीन प्रमुख नेताओं के ठिकानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई राज्य की राजनीति में हलचल पैदा कर रही है।

🚨 ED की छापेमारी: किन-किन नेताओं पर हुई कार्रवाई?

शुक्रवार सुबह करीब 7 बजे से शुरू हुई इस छापेमारी में ED अधिकारियों ने केंद्रीय बलों के साथ मिलकर तीन TMC नेताओं के आवासों और कार्यालयों पर तलाशी ली।

🎯 छापेमारी के मुख्य बिंदु:

  • सुजीत बोस: अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवाएं मंत्री, जिनके दो आवासों और कार्यालय पर तलाशी हुई।
  • तापस रॉय: योजना एवं सांख्यिकी राज्य मंत्री, जिनके कोलकाता स्थित आवास पर छापा मारा गया।
  • सुबोध चक्रवर्ती: पूर्व उत्तर दमदम नगर पालिका अध्यक्ष, जिनके बिराटी स्थित घर पर तलाशी हुई।

सूत्रों के अनुसार, सुजीत बोस के घर में प्रवेश करने में अधिकारियों को लगभग 40 मिनट का समय लगा। उनके बेटे समुद्र बोस को भी पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया।

📁 क्या मिला छापेमारी में?

ED की टीम ने करीब 9 घंटे तक तलाशी अभियान चलाया। इस दौरान कई दस्तावेज, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और भर्ती से जुड़े रिकॉर्ड जब्त किए गए।

🔍 बरामद सामग्री:

  • भर्ती परीक्षाओं की OMR शीट्स
  • इलेक्ट्रॉनिक डेटा
  • संदिग्ध वित्तीय लेन-देन के दस्तावेज

🏛️ भर्ती घोटाले की पृष्ठभूमि

यह मामला मूल रूप से पश्चिम बंगाल स्कूल भर्ती घोटाले से जुड़ा है। मार्च 2023 में कोलकाता के बिल्डर अयान शील की गिरफ्तारी के बाद ED को उनके कार्यालय से नगर निकाय भर्ती से जुड़े दस्तावेज मिले थे।

🧾 अयान शील की डायरी से खुलासा:

  • भर्ती परीक्षाओं का आयोजन एक निजी IT कंपनी द्वारा किया गया।
  • डायरी में सुजीत बोस, तापस रॉय और सुबोध चक्रवर्ती के नाम दर्ज थे।
  • 2010 से 2021 के बीच दक्षिण और उत्तर दमदम नगर पालिकाओं में लगभग 250 अनियमित भर्तियां हुईं।

🗣️ TMC की प्रतिक्रिया: राजनीतिक प्रतिशोध का आरोप

तृणमूल कांग्रेस ने ED की कार्रवाई को राजनीतिक प्रतिशोध बताया। पार्टी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि यह सब लोकसभा चुनाव से पहले TMC को बदनाम करने की साजिश है।

🗨️ नेताओं के बयान:

  • कुणाल घोष: “बीजेपी राजनीतिक रूप से हमें हरा नहीं सकती, इसलिए केंद्रीय एजेंसियों का सहारा ले रही है।”
  • सुजीत बोस: “मेरे 45 साल के राजनीतिक जीवन में कोई भ्रष्टाचार का आरोप नहीं। अगर कोई सबूत है, तो मैं इस्तीफा देने को तैयार हूं।”
  • शशि पांजा: “केंद्र सरकार विपक्षी नेताओं को परेशान करने के लिए जांच एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है।”

🔎 ED की रणनीति और सुरक्षा इंतजाम

हाल ही में ED अधिकारियों पर हुए हमलों को देखते हुए इस बार सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए थे। अधिकारी हेलमेट और ऑटोमैटिक गन से लैस थे।

🛡️ सुरक्षा के कारण:

  • संदेशखाली में हमला: 5 जनवरी को TMC नेता शहजहान शेख के घर पर छापेमारी के दौरान ED अधिकारियों पर हमला हुआ था।
  • CRPF की तैनाती: इस बार छापेमारी के दौरान केंद्रीय बलों की भारी तैनाती की गई।

📊 राजनीतिक विश्लेषण: चुनावी माहौल में जांच की टाइमिंग

राज्य में आगामी लोकसभा चुनावों को देखते हुए यह छापेमारी राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण मानी जा रही है। विपक्ष का आरोप है कि यह कार्रवाई जनता का ध्यान भटकाने के लिए की जा रही है।

📌 संभावित प्रभाव:

  1. TMC की छवि पर असर
  2. विपक्ष को मुद्दा मिलने की संभावना
  3. चुनावी रणनीति में बदलाव

❓ अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

Q1: ED ने किन TMC नेताओं के ठिकानों पर छापेमारी की?

उत्तर: सुजीत बोस, तापस रॉय और सुबोध चक्रवर्ती के आवासों पर।

Q2: यह भर्ती घोटाला किस अवधि से जुड़ा है?

उत्तर: 2010 से 2021 के बीच की नगर निकाय भर्तियों से।

Q3: TMC ने ED की कार्रवाई पर क्या प्रतिक्रिया दी?

उत्तर: TMC ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध बताया।

Q4: क्या यह मामला स्कूल भर्ती घोटाले से जुड़ा है?

उत्तर: हां, अयान शील की गिरफ्तारी के बाद नगर निकाय भर्ती घोटाले का खुलासा हुआ।

🧾 निष्कर्ष: जांच जारी, राजनीतिक हलचल तेज

ED की छापेमारी ने पश्चिम बंगाल की राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है। जहां एक ओर जांच एजेंसियां भ्रष्टाचार के आरोपों की तह तक पहुंचने की कोशिश कर रही हैं, वहीं दूसरी ओर राजनीतिक दल इसे चुनावी साजिश बता रहे हैं। आने वाले दिनों में इस मामले में और खुलासे होने की संभावना है।

External Source: Patrika Report

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