मध्यप्रदेश की नाबालिग से जबरन देह व्यापार: दुर्ग में दो महिलाएं गिरफ्तार

नवरात्रि यात्रा से शुरू हुआ भयावह सफर

मध्यप्रदेश की एक नाबालिग लड़की के साथ दुर्ग में जो हुआ, उसने मानवता को झकझोर कर रख दिया। नौकरी दिलाने के बहाने दो महिलाओं ने उसे देह व्यापार में धकेल दिया। पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

🚨 घटना का पूरा विवरण: कैसे फंसी नाबालिग?

📍 कटनी स्टेशन पर हुई पहली मुलाकात

  • पीड़िता मध्यप्रदेश के अनुपपुर जिले की निवासी है।
  • नवरात्रि के दौरान वह मैहर दर्शन के लिए निकली थी।
  • मेला समाप्त होने के बाद कटनी रेलवे स्टेशन के यात्री प्रतीक्षालय में उसकी मुलाकात एक महिला से हुई।

🧳 नौकरी का झांसा और दुर्ग की यात्रा

  • महिला ने उसे अच्छी नौकरी दिलाने का वादा किया।
  • भरोसा दिलाकर उसे दुर्ग ले आई।
  • यहां उसे एक मकान में रखा गया और उसकी आपत्तिजनक तस्वीरें ली गईं।

📸 अश्लील तस्वीरों का इस्तेमाल और बंधक बनाना

🧠 मानसिक दबाव और शारीरिक शोषण

  • आरोपी महिला ने तस्वीरें ग्राहकों को भेजनी शुरू कीं।
  • नाबालिग को घर में बंधक बनाकर जबरन अवैध संबंध बनाने के लिए मजबूर किया गया।
  • विरोध करने पर उसे धमकाया गया और दबाव बनाया गया।

🆘 साहसिक भागने की कोशिश

  • किसी तरह पीड़िता ने खुद को छुड़ाया।
  • मोहन नगर थाने पहुंचकर पूरी घटना की जानकारी दी।

👮‍♀️ पुलिस कार्रवाई: त्वरित जांच और गिरफ्तारी

📜 दर्ज धाराएं

पुलिस ने निम्नलिखित धाराओं में मामला दर्ज किया:

  • धारा 137(2), 98, 64(2), 115(2), 3(5) बीएनएस
  • पाक्सो एक्ट की धारा 4 और 6
  • अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम की धारा 3, 4, 5, 7

👥 आरोपी महिलाएं

  • प्रीति बेसरा (22 वर्ष), निवासी दल्लीराजहरा, हाल निवासी उरला
  • सीमा सोनी (47 वर्ष), निवासी उरला

🕵️‍♀️ पूछताछ और न्यायिक रिमांड

  • विशेष टीम गठित कर पीड़िता के निशानदेही पर आरोपियों को पकड़ा गया।
  • पूछताछ में दोनों ने अपराध स्वीकार किया।
  • पर्याप्त साक्ष्य मिलने पर उन्हें न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया।

📊 सामाजिक विश्लेषण: देह व्यापार के बढ़ते खतरे

🔎 क्यों बढ़ रहे हैं ऐसे मामले?

  • बेरोजगारी और गरीबी के कारण युवा लड़कियां आसानी से झांसे में आ जाती हैं।
  • सोशल मीडिया और मोबाइल के माध्यम से अश्लील सामग्री का प्रसार आसान हो गया है।
  • कानून की जानकारी की कमी और सामाजिक दबाव भी कारण बनते हैं।

📌 रोकथाम के उपाय

  1. जनजागरूकता अभियान चलाना।
  2. रेलवे स्टेशनों और मेलों में निगरानी बढ़ाना।
  3. महिला हेल्पलाइन और सुरक्षित आश्रय गृहों की संख्या बढ़ाना।
  4. स्कूलों में यौन शिक्षा और आत्मरक्षा की ट्रेनिंग देना।

❓ FAQs

❓ इस मामले में कौन-कौन सी धाराएं लगाई गईं?

इसमें बीएनएस, पाक्सो एक्ट और अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम की धाराएं लगाई गईं।

❓ पीड़िता ने पुलिस तक कैसे पहुंच बनाई?

नाबालिग ने किसी तरह खुद को बंद कमरे से छुड़ाया और मोहन नगर थाने पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई।

❓ आरोपी महिलाओं की पहचान क्या है?

प्रीति बेसरा (22 वर्ष) और सीमा सोनी (47 वर्ष) को गिरफ्तार किया गया है।

❓ क्या पुलिस ने आरोपियों से अपराध स्वीकार करवाया?

हाँ, पूछताछ में दोनों महिलाओं ने अपराध स्वीकार किया है।

🔚 निष्कर्ष: न्याय की ओर पहला कदम

यह मामला न केवल एक नाबालिग के साथ हुए अमानवीय व्यवहार को उजागर करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि सतर्कता और साहस से अपराधियों को सजा दिलाई जा सकती है। पुलिस की त्वरित कार्रवाई और पीड़िता की हिम्मत ने इस मामले को उजागर कर समाज को एक चेतावनी दी है।

External Source: Patrika Report

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