लेटते-उठते वक्त चक्कर आना? जानिए BPPV बीमारी के लक्षण और इलाज

चक्कर आना सिर्फ कमजोरी नहीं हो सकता

अगर आपको लेटते, उठते या करवट बदलते समय बार-बार चक्कर आते हैं, तो यह केवल थकान या कमजोरी नहीं बल्कि एक विशेष बीमारी का संकेत हो सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह स्थिति BPPV यानी Benign Paroxysmal Positional Vertigo के कारण हो सकती है, जो कान के अंदर संतुलन प्रणाली में गड़बड़ी से उत्पन्न होती है।

🎯 क्या है BPPV? – एक नजर में समझें

Benign Paroxysmal Positional Vertigo (BPPV) एक सामान्य लेकिन परेशान करने वाली वेस्टिबुलर विकार है। इसमें व्यक्ति को सिर की स्थिति बदलने पर अचानक चक्कर आने लगते हैं। यह स्थिति खतरनाक नहीं होती, लेकिन गिरने या संतुलन खोने का खतरा बढ़ा सकती है।

🔬 वैज्ञानिक कारण:

  • कान के अंदर मौजूद कैल्शियम कार्बोनेट के छोटे कण (Otoconia) अपनी जगह से हटकर सेमिकर्कुलर कैनाल्स में चले जाते हैं।
  • इससे मस्तिष्क को गलत सिग्नल मिलते हैं और व्यक्ति को चक्कर महसूस होते हैं।

👥 किन लोगों को होता है BPPV?

BPPV किसी भी उम्र में हो सकता है, लेकिन 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में इसका खतरा अधिक होता है। शोध के अनुसार:

  • 50+ उम्र के लगभग 50% लोग जीवन में एक बार BPPV का अनुभव करते हैं।
  • लंबे समय तक सिर एक ही स्थिति में रखने वाले लोग जैसे:
    • कंप्यूटर पर काम करने वाले
    • मोबाइल का अत्यधिक उपयोग करने वाले
    • लंबी यात्रा करने वाले

इनमें भी यह समस्या आम है।

⚠️ लक्षण पहचानें: कब सतर्क होना जरूरी है?

BPPV के लक्षण अचानक और तीव्र होते हैं। इन संकेतों को नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है:

🔍 प्रमुख लक्षण:

  1. करवट बदलते समय सिर घूमना
  2. बिस्तर पर लेटते या उठते वक्त चक्कर आना
  3. आंखों के आगे अंधेरा छा जाना
  4. गिरने जैसा महसूस होना
  5. संतुलन बिगड़ना

कई बार लोग इसे सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस, माइग्रेन या सिरदर्द समझकर नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन सही पहचान और समय पर इलाज से यह पूरी तरह ठीक हो सकता है।

🧪 कैसे होता है BPPV का इलाज?

BPPV का इलाज आमतौर पर दवाओं से नहीं बल्कि विशेष एक्सरसाइज और थेरेपी से किया जाता है।

🧘‍♂️ वेस्टिबुलर एक्सरसाइज:

  • डॉक्टर जांच के बाद फिजिकल थेरेपी की सलाह देते हैं।
  • इन एक्सरसाइज से कान के भीतर मौजूद कणों को उनकी सही जगह यानी यूटरिकल में वापस लाया जाता है।
  • कुछ मामलों में दवाओं की जरूरत पड़ सकती है, लेकिन अधिकतर मरीज एक्सरसाइज से ही ठीक हो जाते हैं।

🛡️ बचाव के उपाय: रोजमर्रा की सावधानियां

BPPV से बचने के लिए कुछ सामान्य सावधानियां अपनाई जा सकती हैं:

✅ क्या करें:

  • सोते या उठते समय शरीर को धीरे-धीरे मूव करें।
  • पर्याप्त पानी पीएं।
  • शरीर में कमजोरी न आने दें।
  • बार-बार चक्कर आने पर तुरंत न्यूरोलॉजिस्ट या ईएनटी विशेषज्ञ से संपर्क करें।

❌ क्या न करें:

  • अचानक सिर घुमाने से बचें।
  • लंबे समय तक एक ही पोजिशन में न रहें।
  • चक्कर को नजरअंदाज न करें।

📊 BPPV से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां

विषयविवरण
बीमारी का नामBenign Paroxysmal Positional Vertigo (BPPV)
प्रभावित अंगकान की वेस्टिबुलर प्रणाली
प्रमुख लक्षणचक्कर आना, संतुलन बिगड़ना
इलाजवेस्टिबुलर एक्सरसाइज, फिजिकल थेरेपी
जोखिम समूह50+ उम्र, लंबे समय तक एक ही पोजिशन में रहने वाल

❓ FAQs

Q1: क्या BPPV जानलेवा बीमारी है?

नहीं, यह जानलेवा नहीं है लेकिन गिरने और चोट लगने का खतरा बढ़ा सकती है।

Q2: क्या BPPV का इलाज संभव है?

हां, सही पहचान और वेस्टिबुलर एक्सरसाइज से यह पूरी तरह ठीक हो सकता है।

Q3: क्या यह बीमारी बार-बार हो सकती है?

कुछ मामलों में यह दोबारा हो सकती है, लेकिन नियमित एक्सरसाइज से इसे रोका जा सकता है।

Q4: क्या BPPV सिर्फ बुजुर्गों को होता है?

नहीं, यह किसी भी उम्र में हो सकता है, लेकिन बुजुर्गों में इसका खतरा अधिक होता है।

🧾 निष्कर्ष: चक्कर को हल्के में न लें

लेटते या उठते समय बार-बार चक्कर आना केवल कमजोरी नहीं बल्कि BPPV जैसी बीमारी का संकेत हो सकता है। सही समय पर पहचान और इलाज से यह पूरी तरह ठीक हो सकती है। इसलिए, ऐसे लक्षणों को नजरअंदाज न करें और विशेषज्ञ से सलाह लें।

External Source: Patrika Report

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