जिम में ताकत नहीं, समझदारी ज़रूरी है
जिम में वर्कआउट करना सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है, लेकिन हाल ही में सामने आए एक मामले ने फिटनेस प्रेमियों को चौंका दिया है। एक 27 वर्षीय युवक ने Deadlifting के दौरान इतना भारी वजन उठाया कि उसकी एक आंख की रोशनी चली गई। डॉक्टरों ने इसे वल्साल्वा रेटिनोपैथी नामक दुर्लभ बीमारी बताया है।
🕵️♂️ मामला क्या है? 👁️
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Instagram पर Retina विशेषज्ञ डॉ. आशीष मार्कन ने इस घटना को साझा किया। उन्होंने बताया कि युवक ने जिम में Deadlift करते समय सांस रोककर अत्यधिक दबाव डाला। कुछ ही सेकंड में उसकी एक आंख से दिखना बंद हो गया।
- युवक ने भारी वजन उठाया
- सांस रोककर स्ट्रेन किया
- अचानक आंख से दिखना बंद हुआ
- जांच में वल्साल्वा रेटिनोपैथी की पुष्टि हुई
🧬 वल्साल्वा रेटिनोपैथी क्या है? 🔬
यह एक नेत्र रोग है जिसमें शरीर के अंदर अचानक दबाव बढ़ने से रेटिना की छोटी रक्त वाहिकाएं फट जाती हैं। यह स्थिति आमतौर पर तब होती है जब व्यक्ति भारी वजन उठाते समय सांस रोकता है।
⚠️ इसके कारण:
- Deadlift, Squats, Bench Press जैसी भारी एक्सरसाइज
- वल्साल्वा मैनूवर (सांस रोककर ताकत लगाना)
- खांसी, उल्टी या कब्ज के दौरान भी हो सकता है
🩸 लक्षण:
- आंखों में धुंधलापन
- बिना दर्द के “काला पर्दा” जैसा दिखना
- परछाईं या फ्लोटिंग स्पॉट्स
🧑⚕️ इलाज:
- अधिकतर मामलों में 6–8 हफ्तों में ठीक हो जाता है
- गंभीर स्थिति में सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है
🏋️♂️ भारी वजन और आंखों पर असर 👀
जब हम Deadlift या Squats करते हैं, तो शरीर के अंदर प्रेशर अचानक बढ़ता है। यह प्रेशर आंखों तक पहुंचकर रेटिना की नाजुक नसों को नुकसान पहुंचा सकता है।
🚨 जोखिम:
- रेटिना में ब्लीडिंग
- आंखों में प्रेशर बढ़ना
- स्थायी दृष्टि हानि
✅ बचाव:
- सही तकनीक अपनाएं
- सांस रोकने की बजाय नियंत्रित रूप से छोड़ें
- ट्रेनर की निगरानी में वर्कआउट करें
🧘♂️ वल्साल्वा मैनूवर: ताकत या खतरा? 💨
वल्साल्वा मैनूवर एक तकनीक है जिसमें व्यक्ति सांस रोककर ताकत लगाता है। यह रीढ़ को स्थिर रखने और ताकत बढ़ाने में मदद करता है, लेकिन इससे शरीर में ब्लड प्रेशर तेजी से बढ़ता है।
⚠️ इसके दुष्प्रभाव:
- आंखों की नसों पर दबाव
- ब्रेन स्ट्रोक का खतरा
- दिल की धड़कन में असंतुलन
🩺 इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज 🚨
अगर वर्कआउट के बाद आंखों में कोई असामान्य लक्षण दिखें, तो तुरंत आई स्पेशलिस्ट से संपर्क करें।
👁️ लक्षणों की सूची:
- अचानक धुंधलापन
- फ्लोटिंग स्पॉट्स
- बिना दर्द के दृष्टि हानि
📋 सावधानियां जो हर जिम लवर को अपनानी चाहिए 🛡️
✅ जरूरी बातें:
- ट्रेनर से सही तकनीक सीखें
- सांस रोकने की बजाय धीरे-धीरे छोड़ें
- सिर चकराने या आंखों में धुंधलापन हो तो तुरंत रुकें
- अपनी शारीरिक सीमा पहचानें
- अनावश्यक दबाव न डालें
🧠 एक्सपर्ट सलाह:
- आंखों की नियमित जांच कराएं
- हाई ब्लड प्रेशर वाले लोग विशेष सावधानी बरतें
- वर्कआउट से पहले वार्मअप ज़रूरी है
🌐 एक्सपर्ट्स क्या कहते हैं? 🩺
डॉ. आशीष मार्कन के अनुसार, वल्साल्वा रेटिनोपैथी दुर्लभ लेकिन गंभीर स्थिति है। यह घटना फिटनेस इंडस्ट्री के लिए चेतावनी है कि ताकत के साथ समझदारी भी ज़रूरी है।
“स्ट्रेनिंग के दौरान सांस रोकना आंखों के लिए खतरनाक हो सकता है”—डॉ. आशीष मार्कन
❓ FAQs
Q1. वल्साल्वा रेटिनोपैथी कितनी गंभीर बीमारी है?
यह स्थिति आमतौर पर कुछ हफ्तों में ठीक हो जाती है, लेकिन लापरवाही से स्थायी नुकसान हो सकता है।
Q2. क्या Deadlift करते समय सांस रोकना सही है?
नहीं। सांस रोकने से शरीर में प्रेशर बढ़ता है जो आंखों और दिमाग के लिए नुकसानदेह हो सकता है।
Q3. वर्कआउट के दौरान आंखों की सुरक्षा कैसे करें?
सही तकनीक अपनाएं, ट्रेनर की निगरानी में एक्सरसाइज करें और लक्षणों को नजरअंदाज न करें।
🔚 निष्कर्ष: फिटनेस के साथ सतर्कता भी ज़रूरी है
यह घटना एक स्पष्ट संकेत है कि जिम में सिर्फ ताकत नहीं, तकनीक और सतर्कता भी ज़रूरी है। वल्साल्वा रेटिनोपैथी जैसी दुर्लभ स्थितियां भी भारी वजन उठाने के दौरान हो सकती हैं। इसलिए हर फिटनेस प्रेमी को सही जानकारी और सावधानी बरतनी चाहिए।
External Source: Patrika Report
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