उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के बिधनू थाना क्षेत्र में एक दर्दनाक हादसे ने पूरे गांव को हिला दिया। बीड़ी की चिंगारी से लगी आग ने एक 90 वर्षीय वृद्ध की जान ले ली, जिससे इलाके में मातम छा गया।
📍 घटना का स्थान और समय
स्थान: कटरा गांव, बिधनू थाना क्षेत्र, कानपुर समय: रात के समय, जब पीड़ित अपने कमरे में सो रहे थे
🔥 कैसे लगी आग?
बीड़ी की चिंगारी से शुरू हुई आग ने कुछ ही मिनटों में विकराल रूप ले लिया। वृद्ध गंगा प्रसाद अपने कमरे में अकेले सो रहे थे। उनके पुत्र अरविंद ने बताया:
- पिताजी को बीड़ी पीने की आदत थी
- संभवतः बीड़ी से बिस्तर में आग लगी
- आग इतनी तेजी से फैली कि कोई अंदर नहीं जा सका
👨👩👦👦 परिवार की स्थिति
- गंगा प्रसाद के पांचों बेटे पास के घरों में रहते हैं
- घटना के समय सभी सदस्य थोड़ी दूरी पर थे
- पड़ोसी मुंशीलाल ने सबसे पहले आग की सूचना दी
- ग्रामीणों ने मिलकर आग बुझाने की कोशिश की
🚒 ग्रामीणों की कोशिशें
ग्रामीणों ने बिना किसी सुरक्षा उपकरण के आग बुझाने का प्रयास किया। मुख्य बिंदु:
- आग इतनी भयावह थी कि कोई अंदर नहीं जा सका
- एक घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया
- तब तक पूरा कमरा जलकर खाक हो चुका था
- वृद्ध का शव पूरी तरह जल चुका था
👮♂️ पुलिस और फॉरेंसिक टीम की कार्रवाई
- सूचना मिलते ही बिधनू थाना पुलिस मौके पर पहुंची
- फॉरेंसिक टीम को भी बुलाया गया
- शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया
- पुलिस ने घटनास्थल को कब्जे में लिया
🧯 आग से बचाव के उपाय
इस घटना ने ग्रामीण इलाकों में आग से सुरक्षा की गंभीरता को उजागर किया है। सुझाव:
- बीड़ी या सिगरेट पीने के बाद पूरी तरह बुझा दें
- घर में अग्निशमन यंत्र रखें
- बुजुर्गों को अकेले कमरे में न छोड़ें
- आग लगने पर तुरंत फायर ब्रिगेड को सूचना दें
❓ FAQs
🔥 बीड़ी से आग कैसे लग सकती है?
बीड़ी जलने के बाद अगर ठीक से बुझाई न जाए तो उसकी चिंगारी कपड़ों या बिस्तर में आग लगा सकती है।
🧓 वृद्ध अकेले क्यों थे?
परिवार के सदस्य पास के घरों में रहते थे। वृद्ध गंगा प्रसाद अपने कमरे में अकेले सो रहे थे।
🚨 क्या पुलिस ने कोई जांच शुरू की है?
हाँ, पुलिस ने घटनास्थल को कब्जे में लेकर फॉरेंसिक जांच शुरू कर दी है।
🧯 आग बुझाने में कितना समय लगा?
ग्रामीणों ने लगभग एक घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।
🧾 निष्कर्ष
कानपुर के कटरा गांव में बीड़ी की चिंगारी से लगी आग ने एक वृद्ध की जान ले ली। यह घटना न केवल दुखद है, बल्कि आग से सुरक्षा के प्रति जागरूकता की आवश्यकता को भी दर्शाती है। ग्रामीणों की तत्परता सराहनीय रही, लेकिन समय पर फायर ब्रिगेड की मदद होती तो शायद जान बचाई जा सकती थी।
External Source: Patrika Report
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